राहु की संगत बनाम शक्ति की रंगतकुंडली मे राहु जिस ग्रह के साथ गोचर करता है या जिस ग्रह के साथ जन्म समय से विराजमान होता है वही शक्ति जीवन के अन्दर काम करने के लिये मानी जाती है। घर की छत की शक्ति होती है कि वह हवा पानी धूप से रक्षा करती है,छतरी की शक्ति होती है कि वह पानी और धूप से शरीर को बचाती है,धूप की शक्ति होती है कि वह शरीर मे गर्मी पहुंचाती है,बरसात की शक्ति होती है कि वह शरीर को भीगने का सुख देती है,सर्दी की शक्ति होती है कि वह शरीर को ठंडा रखने का सुख देती है। यानी जहां जहां शक्ति है वहां वहां राहु की छाया है,घर की छत को भी राहु की उपाधि दी जाती है तो छतरी को भी राहु कहा जाता है,सूर्य की छाया यानी धूप भी राहु की श्रेणी मे आजाती है चन्द्रमा की शीतलता भी राहु की श्रेणी मे गिनी जाती है. इस प्रकार से जब ब्रह्माण्ड का कारक राहु ही है तो राहु से डरने का कारण क्या हो सकता है। जब राहु जिस ग्रह के साथ होता है तो उस ग्रह के बारे मे असीमित भावना को भर देता है,वह भावना अगर जन्म के राहु से टकरा रही है तो वह एक अमिट छाप यानी मोहर को लगा देती है।राहु के साथ अगर सूर्य है शुक्र है तो राहु राजसी ठाटबाट को प्रस्तुत करने से चूकेगा नही उसी जगह पर अगर राहु के साथ मे शनि है वक्री बुध है तो उस आदमी को झूठ बोलने और चालाकी से काम निकालने के अलावा कुछ आता भी नही होगा। उदाहरण के लिये अपने क्रिकेत खिलादी सचिन तेन्दुलकर को ही देख लो कहने को तो राहु चौथे भाव मे बैठा है चन्द्रमा के साथ है अष्टम के सूर्य शुक्र से युति है तो वह राजकीय रूप से जनता के मन से धन धान्य के द्वारा आगे बढाने के लिये कमी नही दे रहा है। इसी बात को अगर और देखा जाये तो राहु का योग चौथे भाव मे भी है और राहु का योग अगर अष्टम भाव मे हो जाता है तो राहु अन्दरूनी भेद को भी जानने वाला बना देताहै,सचिन की कुंडली मे जन्म कुंडली से राहु चौथे भाव मे है और जिस घडी मे सचिन पैदा हुये है उस घडी मे राहु अष्टम मे बैठा हुआ है,अगर कारकांश कुंडली से देखा जाये तो भी चौथे भाव को मजबूत कर रहा है और उसे अगर होरा लगन से देखा जाये तो सीधा जाकर लाभ मे बैठ जाता है,इस प्रकार से जीवन मे प्रसिद्धि धन धान्य के लिये राहु अपनी गति को पूर्ण रूप से प्रदान करने वाला होता है। चन्द्र कुंडली से जब राहु लगन मे हो तो वह अपनी शक्ति को मजबूती से पैर जमाने के लिये और खुद की सोच से आगे बढने वाला भी बना देता है,नवांश से यह राहु अगर सप्तम मे चला जाये और शनि के साथ शुक्र का प्रभाव देकर आच्छादित कर दे और भी सोने मे सुहागा बना देने के लिये अपनी गति को और भी प्रदान करने वाला बन जाता है। तीसरा सप्तम का और ग्यारहवा राहु अगर सही स्थिति मे है तो वह प्रसिद्धि देने के लिये बहुत ही उत्तम माना जाता है।वर्तमान मे राहु का गोचर तीसरे भाव मे है और वह सचिन को प्रसिद्धि दे रहा है तो अभी कुछ दिन पहले ही उन्हे सौवां शतक देकर इस राहु ने नवाजा है। इसके अलावा भी एक बात और भी सही है कि जब कुंडली मे राहु चौथा होता है तो वह धर्मी हो जाता है वह किसी भी प्रकार से जीवन मे खराबी नही पैदा कर सकता है चन्द्रमा के साथ होने से मां का आशीर्वाद हमेशा साथ रहने वाला होता है जो लोग मां को घूरा कूडा समझते है उन्हे इस बात को समझ लेना चाहिये कि जब तक माता का आशीर्वाद साथ है दुनिया साथ है जैसे ही इस आशीर्वाद मे बददुआ मिल जाती है अपना शरीर भी काम नही आता है। । ग्रहों की स्थिति के साथ ही हम बात करते हैं महादशाओं की। किसी भी जातक को उसकी कुंडली के शुभ ग्रहों का फल उस ग्रह महादशा अंतर्दशा में माना जाएगा या गोचर से माना जाएगा मंगल की महादशा के बाद प्रारंभ हुई राहु की महादशा। राहु की महादशा के प्रारंभ होते ही शुरू हुआ सचिन की सफलताओं का वह स्वर्णिम सफर जिसे कोई भूल नहीं सकता। राहु चतुर्थ भाव में लाभेश चंद्रमा से युत होकर स्थित हैं तथा दशम भाव को पूर्ण दृष्टि प्रदान कर रहे हैं। राहु धनेश शुक्र व लाभेश चंद्रमा के नक्षत्र व उपनक्षत्र में बैठकर नीचभंग राजयोग भी बना रहे हैं। राहु मिथुन राशि में उच्च के होते हैं। राहु के उच्चनाथ बुध सप्तम भाव में अर्थात लग्न से केंद्र में बैठे हैं जिस कारण राहु का नीच भंग हो गया है। 18 वर्ष की राहु की महादशा में सचिन को वह सब कुछ मिला जिसकी हर व्यक्ति की चाह होती है। अब तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी पकड़ बन चुकी थी। उनका प्रेम परवान चढ़ा और पारिवारिक सहमति से उनका विवाह भी हो गया। यहां पर हम कुंडली की व्याख्या नहीं करेंगेसचिन तेंदुलकरः कोच या कमेंटेटर के रूप में आ सकते है नजर सचिन ने इस समय क्रिकेटे के खेल से भले ही निवृत्ति ले ली हो, पर क्रिकेट का मैदान नहीं छोड़ेंगे। कहने का अभिप्राय यह है कि आगामी समय में सचिन कोच या कमेंटेटर के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। कुंडली के अनुसार जब राहु का गोचर में इसी स्थान पर में आगमन होगा तब इनको किसी रूप में आकस्मिक लाभ होने के आसार हैं। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को बीच विदेश में किसी प्रकार का सम्मान मिलने की संभावना है। आपका भाग्य अापको किस और ले जाएगा, इसका जवाब आप हमारे future studies online service पर फोन कर हमारे सभी Astrologer वोहोत ही अच्छे और अनुभवी हैं आप की कोई भी समस्या है तो उसका उपाय चाहते हैं तो आप हमारे नम्वरो पर सम्पर्क कर सकते हैं घन्यावाद