दक्षिणावर्ती शंख
शंख समुद्रमंथन से निकले चौदह रत्नों में से एक है लगभग हर मंदिर में शंख रखा जाता हैइस शंख को देव स्वरूप
माना गया हैशंख के मध्य में वरुण, पृष्ठ में ब्रह्मा, अग्रभाग में गंगा का निवास है, बहुत से घरो में भी लोग दक्षिणावर्तीशंख
रखते है ,माता लक्ष्मी और भगवानविष्णु, दोनों ही अपनेहाथों में शंख धारण करतेहैं.इसीलिए इसे बड़ा शुभ माना जाता है इस
शंख को दक्षिणावर्ती इसलिए कहा जाता है क्योंकि जहां सभी शंखों का पेट बाईं ओर खुलता है वहीं इसका पेट विपरीत दार्इं
और खुलता है
१. लक्ष्मी के स्थाई वास के किये इसे घर के पूजा घर में रखे
२. घर में सकारात्मक विचार/ ऊर्जा हेतु रोजाना इसे बजाये
३. पूजा के वक़्त इसे बजाने से वातावरण पवित्र होता है
४. शंख के जल से शिव,लक्ष्मी आदि का अभिषेक करने से ये जल्दी खुश होते है
६. शंख में जल भरकर छिड़कने सेवातावरण शुद्ध होता है.
७. शंख की आवाज से दुष्टआत्माएं पास नहीं आती