*शकुन-अपशकुन से भी जाना जा सकता है भविष्य*
*ये हैं भविष्य जानने के इशारे जो सैकड़ों साल पुरानी किताब में लिखे हैं*
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भविष्य जानने की प्राचीन विद्या में शकुन-अपशकुन भी है। इसके अनुसार आप पहले ही जान सकते हैं कि भविष्य में आपके साथ क्या होने वाला है। ज्योतिष शास्त्र में वराह संहिता में शकुन और अपशकुनों के बारे में बताया गया है। वराह संहिता सैकड़ों साल पहले आचार्य वराह मिहिर ने लिखी है। इस किताब में शकुन और अपशकुनों से भविष्य देखा जाता है। आपके रोजमर्रा के जीवन में कई ऐसी छोटी-छोटी प्राकृतिक घटनाएं होती है जो अजीब होती है, उनको आप अनदेखा न करें। इन छोटी-छोटी घटनाओं को ही शकुन और अपशकुन कहा जाता है। ये एक तरह का योग- संयोग होता है।
*क्या होते हैं शकुन अपशकुन:-*
शकुन-अपशकुन प्रकृति से मिलने वाले वो संकेत होते हैं जो हमें भविष्य में होने वाली घटनाओं से सावधान करवाती है। ये वो छोटी-छोटी बातें होती है, जिन पर अक्सर हमारा ध्यान नहीं जाता है। प्रकृति हमारे भविष्य में होने वाली घटनाओं का संकेत देती हैं। भारतीय ज्योतिष में वाराह संहिता नाम के ग्रन्थ में शकुन-अपशकुन के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया है। शकुन-अपशकुन प्राचीन काल से ही लोकवार्ता या रीति-रिवाजों से पीढ़ी दर पीढ़ी पहुंचते रहे हैं। कुछ लोग इसको अंधविश्वास मानते हैं। फिर भी ज्यादातर लोग इन संकेतों को अनदेखा नहीं करते। हर इंसान कभी-कभी किसी ना किसी रूप में इन संकेतो को मानता है। शकुनों के परिणाम उतने ही प्राचीन हैं जितनी मनुष्य जाति। इन संकेतों को केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में माना जाता है।
शकुन का उल्लेख हमारे वेदों, पुराणों व धार्मिक ग्रंथों में भी मिलता है। महाभारत और रामायण जैसे ग्रन्थों में भी कई जगह शकुनों की बात कही गई है। ज्योतिष में भी शकुनों पर विशेष विचार किया जाता है। प्रश्न कुंडली के विचार में शकुनों का खास महत्व है। शुभ शकुनों में पूछे गये प्रश्न सफल व अपशकुनों में पूछे गये प्रश्न असफल होते देखे गये हैं
*कितने तरह के होते है शकुन-अपशकुन-*
शकुन-अपशकुन कईं तरह के होते हैं। ये पृथ्वी से, आकाश से, स्वप्नों से और शरीर के अंगों से संबंधित हो सकते हैं। शकुन- अपशकुन जीव- जंतुओं और आपकी रोजमर्रा की जिंदगी से भी जुड़े हुए होते हैं। किसी भी काम या काम के बारे में बात करते वक्त होने वाली प्राकृतिक घटना शकुन या अपशकुन होती है। ये कई तरह की हो सकती है। प्राकृतिक व अप्राकृतिक तथ्य अच्छे व बुरे फल की भविष्यवाणी करने में सक्षम होते है॥
*अपशकुनों से मुक्ति और बचने के लिए क्या करें:-*
वराह संहिता के अनुसार अपशकुनों से मुक्ति और बचने के लिए लोगों को *निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:-*
यदि काले पक्षी, कौवा, चमगादड़ या किसी भी प्रकार के जानवरों आदि के अपशकुनों से प्रभावित हों तो अपने इष्टदेव का ध्यान करें या धर्मस्थल पर तिल के तेल का दान करें। अपशकुनोंं के दुष्प्रभाव से बचने के लिए धर्म स्थान पर प्रसाद चढ़ाकर बांट दें। छींक और हर तरह के *सामान्य-असामान्य अपशकुनों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए* महामृत्युंजय के निम्नलिखित मंत्र का जप करें।
*हर तरह के अपशकुन से बचने का मंत्र:-*
*मन्त्र-* ऊँ ह्रौं जूं स: ऊँ भूर्भुव: स्व: ऊँ त्रयम्बकम् यजामहे सुगन्धिम् पुच्च्टिवर्धनम् उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीयमाऽमृतात ऊँ स्व: भुव: भू: ऊँ स: जूं ह्रौं ॥ऊँ॥
*ये हैं कुछ खासशकुन-अपशकुन*
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*दूध:-*
सुबह-सुबह दूध को देखना शुभ कहा जाता है। दूध का उबलकर गिरना शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-शांति, संपत्ति, मान व वैभव की उन्नति होती है। दूध का बिखर जाना अपशकुन मानते हैं जो किसी दुर्घटना का संकेत है। दूध को जान-बूझ कर छलकाना अपशकुन माना जाता है जो घर में कलह का कारण है।
बच्चों का दूध पीते ही घर से बाहर जाना अपशकुन माना जाता है। स्वप्न में दूध दिखाई देना अशुभ माना जाता है।
*झाडू:-*
झाडू को घर की लक्ष्मी मानते हैं क्योंकि यह दरिद्र को घर से बाहर निकालता है। इससे भी कई शकुन व अपशकुन जुड़े हैं। दीपावली के त्यौहार पर नया झाडू घर में लाना लक्ष्मी जी के आगमन का शुभ शकुन है। नए घर में गृह प्रवेश से पूर्व नए झाडू का घर में लाना शुभ होता है। झाडू के ऊपर पांव रखना गलत समझा जाता है। यह माना जाता है कि व्यक्ति घर आई लक्ष्मी को ठुकरा रहा है। कोई छोटा बच्चा अचानक घर में झाडू लगाने लगे तो समझ लीजिए कि घर में कोई अनचाहे मेहमान के आने का संकेत है। सूर्यास्त के बाद घर में झाडू लगाना अपशकुन होता है क्योंकि यह व्यक्ति के दुर्भाग्य को निमंत्रण देता है।
*आईना-*
हर घर में आईने का बहुत महत्व है। आइने से जुड़े कई शकुन-अपशकुन मनुष्य जीवन को कहीं न कहीं प्रभावित अवश्य करते हैं। दर्पण का हाथ से छूटकर टूट जाना अशुभ माना जाता है। एक वर्ष तक के बच्चे को दर्पण दिखाना अशुभ होता है। यदि कोई नवविवाहिता अपनी शादी का जोड़ा पहन कर श्रृंगार सहित खुद को टूटे दर्पण में देखती है तो भी अपशकुन होता है। मतलब ये कि टूटा आइना हर तरह से अशुभ ही होता है।
*जानवरों का शकुन-अपशकुन:-*
अगर आपको देखते ही बिल्ली भाग जाएं तो आपके लिए शुभ शकुन है। अगर आपको कहीं से बिल्ली की जेर मिल जाए तो वो शुभ शकुन होता है।
बिल्ली दूध पी जाए तो अपशकुन होता है। यदि काली बिल्ली रास्ता काट जाए तो अपशकुन होता है। यदि सोते समय अचानक बिल्ली शरीर पर गिर पड़े तो अपशकुन होता है। बिल्ली का रोना, लडऩा व छींकना भी अपशकुन है। बिल्लियां आपस में लड़ाई करें या घुर-घुर शब्द करें तो अपशकुन। शुभ काम के समय कुत्ते का रोना अशुभ लेकिन कुत्ता एक आंख से रोते हुए दिखाई दे तो शुभ। नेवले और सांप की लड़ाई दिखे तो अशुभ लेकिन नेवला आपका रास्ता काट लें तो शुभ। सांप को संभोग करते देखें तो अशुभ लेकिन सफेद सांप दिखाई दे तो शुभ।
*पक्षियों का शकुन-अपशकुन:-*
सूखे पेड़ या सूखे पहाड़ पर तोता बोलता नजर आए तो भय तथा सम्मुख बोलता दिखाई दे तो बंधन दोष होता है। कोयल की आवाज सामने से आए तो कलह और दाईं तरफ से आए तो भी अशुभ होती है। पिछे से और बांई तरफ से कोयल की आवाज आए तो आपको सफलता और धन लाभ होगा। बत्तख जमीन पर बाईं तरफ बोलती हो तो अशुभ फल मिले। बगुला भयभीत होकर उड़ता दिखाई दे तो यात्रा में डर और परेशान होना पड़ सकता है। किसी खास काम के लिए जाते समय चिडिय़ों का झुंड भयभीत होकर उड़ता दिखाई दे तो आपके लिए अशुभ होगा। कबूतर दाईं तरफ मिले तो भाई अथवा परिजनों को कष्ट होता है। कबूतर की आवाज पीछे से आए तो आपके लिए शुभ रहेगा। लड़ाई करता हुआ मोर दाईं तरफ दिखाई दे या शरीर पर आकर गिरे तो अशुभ माना जाता है लेकिन मोर की आवाज बाई और से आए या पीछे से आए तो आपके लिए शुभ संकेत होता है।
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