ऋण मुक्ति प्रयोग

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Ravinder Pareek 18th Oct 2020

*नवरात्रि  के किसी भी दिन  किया जाने वाला उपाय*
🔯 *ऋण मुक्ति प्रयोग*🔯

किसी भी प्रकार के कर्ज से, ऋण से मुक्ति के लिये यह एक सरल और अत्यंत प्रभावशाली प्रयोग है । 
🔸 *इसके लिये हमें चाहिये :*
गेहूं का आटा (एक कटोरी)
चीनी (आधी कटोरी)
गाय के गोबर के उपले(2-3 टुकड़े) या थोड़ी सी हवन वाली लकडी
थोड़ा सा कपूर 
घी (आधी कटोरी)
🔸 *विधि :*
▪ किसी थाली में या प्लेट में सूखे आटे से अष्टदल कमल बनायें। (अष्टदल कमल बनाने के लिए चित्र देखें) ।
▪अष्टदल कमल के बीचों-बीच घी का दीपक रखें।
▪अब इस थाली को देवी मां के सामने रखें और थाली के पास ही चीनी वाली कटोरी रखें । 
▪ दीपक जलायें और धूप- पुष्प आदि से मां का पूजन करें
▪मां से प्रार्थना करें कि वो आपके जीवन से हर प्रकार के ऋण को समाप्त कर, आपके जीवन को धन-वैभव  और समृद्धि से भरपूर बनायें ।
▪अब अष्ट दल कमल वाली थाली के सामने ही किसी बर्तन या  छोटे हवनकुंड में उपले या  हवन की लकड़ी रखें और कपूर व घी की सहायता से अग्नि प्रज्वलित करें
▪निम्न मंत्र को 21 बार बोलते हुए शुद्ध देसी घी की 21 आहुतियां दें :▪
*ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमल वासिन्यै स्वाहा*
मां से प्रार्थना करें कि आपको हर प्रकार से ऋण-मुक्त कर धन समृद्धि का आशीर्वाद दें ।
▪इसके पश्चात अष्टदल कमल वाले आटे को चीनी की कटोरी में मिला दें और इसे किसी डिब्बी में भर लें।
▪अब इसमें से थोड़े आटे को रोज घर से बाहर कहीं चींटियों को डालें ।
▪ आटा डालते समय ऊपर दिये गये मंत्र का 21 बार उच्चारण अवश्य करें।
▪ जैसे-जैसे चींटियां इस आटे को खाती जायेंगी, आपके जीवन से ऋण भी वैसे समाप्त होता जायेगा । 
▪ काली चीटियों को खिला पायें, तो उत्तम होगा । काली चीटियों को खिलाने से शनि व राहु दोनों ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति मिलती है और  आपको सभी प्रकार की चिंताओं से छुटकारा मिलता है ।
▪ जब तक आपको ऋण की समस्या से छुटकारा नहीं मिलता, तब तक इस उपाय को करते रहें । आटा समाप्त होने पर इस उपाय को किसी भी शुक्रवार या पूर्णिमा के दिन दोहरा सकते हैं।


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🔸 *विधि :*


*नवरात्रि के किसी भी दिन किया जाने वाला उपाय* 🔯 *ऋण मुक्ति प्रयोग*🔯


Suman Sharma

Very good good 👍👍


Suman Sharma

Very good good 👍👍👌👌


so cute sir ji


ऋण मुक्ति प्रयोग


bhut bhut labhkari lekh


wah sir ji


bindass


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very nice article by Astro Ravi ji


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Suman Sharma

very nice article by sir ji


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