होली मुझे बेसब्री से इंतज़ार हैं होली का होली के आने का नहीं होली के जाने का जो हर एक की नहीं चंद लोगो की है होली रंगो गुलाल की नहीं मासूमो के खून की होली इंसानो की नहीं लाशो के अम्बार की होली खुशियों की नहीं,दुःख दर्द और गमो की होली अक्सर पूछता हूँ तन्हाई में खुदा से मैं क्यों आई है हमारे प्यारे से देश में यह होली और आ ही गई है तो कब जायेगी यह होली ए खुदा खत्म कर किसी भी तरह यह होली वरना हर किसी को खत्म कर जायेगी यह होली ए खुदा बता न कुछ तो कब जायेगी यह होली प्यार मोहबत वाली नहीं सिर्फ खून वाली होली