नवग्रहों में बुध ग्रह
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नवग्रहों मे बुधवार दिन के जो स्वामी माने गये है ज्योतिष मत से। बुध का संबंध बुद्धि, व्यापार,वाणी,ज्योतिष, चिकित्सा, प्रकाशन, गणित, कला कौशल, लेखन,पत्रकारिता, संपादन, वाक कौशल,विद्या,अध्यापन,चित्र,क्रीड़ा, कानून, शिल्प, चाची,मामी,मौसी,मामा,बहिन,मित्र सुख आदि से है।मिथुन और कन्या इनकी राशियां है।इनका रत्न पन्ना है।हरा रंग इनका ही माना गया है।उत्तर दिशा इनके स्वामित्व मे है।हरी सब्जियां,हरी भाजी,मूंग दाल,कांस्य,हरा वस्त्र, शरद ऋतु ,पीतल ,हरा चना,तिलहन,सीसा का भी संबंध है बुध ग्रह से।लिखना, पढ़ना,व पढ़ाना,भाषण,तर्क आदि सभी बातो का संबंध बुध से है।अच्छे बुध वाले लोग लेखन,भाषण कला,व्यापार,शोध, शिक्षा व शिक्षण आदि मे कुशल व सफल होते है। गला,नाक,त्वचा, सांस, गुर्दे, अंतरिड़ो ,स्नायु तंत्र,मस्तिष्क, जिह्वा ,मस्तिष्क, स्मरण शक्ति का ह्रास चेचक,वायु,पित्त, कफ से संबंधित रोग,बोलने से संबंधित समस्या बुध ग्रह की पीडा से होते है।बुध ग्रह की अशुभता के कारण यह रोग हो सकते है।भूमि तत्व, वैश्य वर्ण है बुध ग्रह का।चिकित्सको का भी संबंध है इनसे।इनकी उच्च राशि कन्या है। खेल के मैदान, पार्क,स्कूल, विविध विषयों का ज्ञान, भी बुध ग्रह के ही अधीन है।भद्र नामक पंच महापुरुष योग भी बुध ग्रह के जन्म पत्रिका के केंद्र स्थानों(1,4,7 या 10 भाव मे) मे मिथुन या कन्या राशि मे होने पर बनता है।भगवान गणेश जी, भगवान विष्णु जी व दुर्गा माता की उपासना से बुध ग्रह की प्रसन्नता प्राप्त हो सकती है ।बुध ग्रह की उपासना से इनके स्त्रोत पाठ, बुध ग्रह के मंत्रो के जाप से प्रतिकूलता दूर हो जाती है। पन्ना रत्न भी धारण किया जा सकता है जन्म पत्री के हिसाब से।जन्मपत्रिका मे किस तरह की स्थिति को लेकर बैठे है अपनी स्वयं की जन्म पत्रिका से इस बात को समझने हेतु संपर्क करे । संपर्क कर मिलकर जानकारी प्राप्त करे ।
मनीष दुबे, ज्योतिष पारंगत, ज्योतिष गौरव सम्मान प्राप्त, श्रेष्ठ कुंडली निर्माण व फलित ज्योतिष में मानद उपाधि प्राप्त,