*गीता जयंती_मोक्षदा एकादशी, 11 दिसंबर को मनाई जाएगी* गीता जयंती_ मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है l मोक्ष प्राप्ति का दिन कहा जाता है। शहर के धारूहेड़ा चुंगी स्थित ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य अजय शास्त्री के अनुसार इसी दिन मोक्षदा एकादशी पर ही द्वापरयुग में भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। तभी से यह गीता जयंती के रूप में मनाई जाती है। श्रीमद् भागवत गीता सिर्फ एक धार्मिक पुस्तक नहीं है, इसकी शिक्षाओं में जीवन जीने के तरीके धर्म के पालन और कर्म के महत्व पर जोर दिया गया है। भगवान श्रीकृष्ण की सर्वोच्च सत्ता_आत्मा और ब्रह्मांड की रचना के बारे में स्पष्ट ज्ञान प्रदान करती है! इसमें धर्म_कर्म और मोक्ष जैसे विषयों को संबोधित किया गया है। जो साक्षात कमलनाथ भगवान विष्णु के मुख कमल से प्रकट हुई है उसे गीता का ही भली भांति ज्ञान अर्जित करना चाहिए। देवकीनंदन भगवान श्रीकृष्ण का कहा हुआ गीता शास्त्र एक उत्तम शास्त्र है! गीता में भगवान श्रीकृष्ण जीवन की हर समस्या के समाधान को बताया है मोक्षदा एकादशी को गीता का पाठ करने से और व्रत करके विष्णु भगवान की पूजा करने से साधक को सारे मोह के बंधन से मुक्ति मिलती और उत्तम पर की प्राप्ति होती है। वही 15 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा में स्नान_दान आदि करने का महत्व बताया गया है।