आज के आधुनिक युग मे अवसाद डिप्रेशन तनाव और उदासी मानो मनुष्य के जीवन का अंग ही बन गया है ,यह
सचमुच ही एक बड़ा हि अजीबोगरीब विरोधाभास है ,आज समपूर्ण विश्व मे जनसंख्या तेज़ि से
बङ रही है ,टेलीफोन,इंटरनेट ,और बिजली उपकरणों की बदौलत मनुष्य के अंदर इतना अधिक अन्तर व्यवहार हो
रहा है जो पहले कभी नहि था ,लगभग हर पडा लिखा इंशान टेलीविज़न और इंटरनेट मे खोया हुआ है ,कानो मे सेल
फ़ोन चिपका हुआ है,हाथ कम्प्यूटर पर थिरक रहे है ,लेकिन इन सब सुख सुविधावो के बावजूद भी मनुष्य अकेला
महसूस कर रहा है,आजकल कि भागदौड़ मे मनुष्य कमर्सिअल हो गय है ,उसके पास पत्नि बच्चे परिवार के लिये
समय नहि है ,आज मनुष्य अकेले रहना चाहता है ,और अधिकतर समय तनाव मे रहता है , जिसके परिणाम
सव्यरूप वयक्ति डिप्रेशन मे आ जाता है ,अधिकतर बुद्धिमान और पढ़े लिखे लोग हि इसका शिकार हो रहे है ,कभी कभी
तनाव और अवसाद इतना बढ़ जाता है कि मनुष्य भय तनाव दुख़ रक्तचाप ,हृदय रोग ,स्नायु कमजोरी ,ब्रेन ट्यूमर
,शुगर इत्यादि अनगिनत रोगो मे फँस जाता है ,और कभी कभी ये रोग इतना बड़ जाता है कि इंसान पागल तक
हो जाता है,ज्योतिष अनुसार तनाव और अवसाद य मानशिक परेशानी के लिये कौन से ग्रह है किनका
संबन्ध मानसिक परेशानी से है। ज्योतिष द्रष्टिकोण मे हम आपकों बतायेंगे कोन से ग्रह कि स्थिति मानसिक परेशानी पैदा
करती है ज्योतिष द्रष्टीकोण मे मन का सम्बन्ध चन्द्रमा से है ,लेकिन अन्य ग्रहों जैसे शनि ,राहु बुध और
मंगल का महत्त्व भी अवसाद के द्रष्टीकोण से नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता है ,
_ क्षीण चन्द्रमा अगर शनि के साथ युति करे तो भि इंसान अवसाद य तणाव मे रह्ता है ,भले हि
यदि लग्नेश तीसरे य एकादश भव मे हो तो भी यह बेह्द तणाव का कारण बनता है रहता है ,
_ चन्द्रमा शुक्र से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अगर सम्बन्ध स्थापित करे तो जातक को स्वय
11 वे भाव में चन्द्र की उपस्थिति मेष राशि मे प्रबल उन्माद का कारण बनती है
_ शनि लग्न से 9 वे ,5 वे ,व 7 वे भाव में कही भी स्थित हो मनुष्य को मानसिक रोग होता है
साथ होने से मानसिक रोग होता है मानसिक अवसाद पैदा करता है करता है
_12 भाव पर या 12 के स्वामी से शनि गृह से किसी प्रकार का सम्बन्ध बने तो भी प्रबल
_ 5 वे भाव में यदि पापी ग्रहों का अधिक प्रभाव हो तो भी यह मानसिक उन्माद का कारण बनता है
उपाय 1 _ नवमेश ,पंचमेश ,व लग्नेश का रत्न धारण करने से उन्माद के रोग मे निश्चित रूप से
उपाय 2 _ शिव पूजन करे तथा पूर्णिमा का व्रत रखे
नित्य जरुर करे ,इससे सकारातमक ऊर्जा मे वृद्धिः होंगी व कार्य मे मन अधिक लगेंगा।
उपाय 5 _ स्त्रियों व माता को सम्मान देने से चँद्रमा के दोषों मे कमी आती है
उपाय 7 _ चंडी कि अंगूठी मे सवा पाँच या सवा छः रति का मोति दायें हठ क़ी अनामिका अंगुली मे धारण करे
उपाय 9 _ दुर्गा सप्तसती का एक अध्याय रोजाना एक वर्ष तक करने से अवसाद दूर होत है ।।,संग्रह।।
यतिन एस उपाध्याय