jupiter and ketu conjunction

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Shailendra Choudhary 11th Mar 2020

Currently in sky Jupiter and ketu are in the same sign.Jupiter a huge planet in our solar system is currently Transiting in its own sign of Sagittarius with ketu. Sagittarius which is one of the fire signs, falls in the 9th house of kaal purush kundali. Sagittarius symbol is half horse and half man which is holding bow and arrow, which encourages us to maintain speed and constantly aiming at right direction. Sagittarius denotes dharma or religion and the other sign of Jupiter (Pisces ) denotes spirituality. Ketu denotes the undone things of past or area of life which is left behind. It is to be noted here that when Jupiter transit in Sagittarius (the fire sign of dharma) with ketu on 4th nov 2019, the riots has started in india over CAA and NRC into the different religious communities. As Jupiter in fire sign, burning the emotions and creating new possibility for some religious communities in India, ketu here is bringing the past events . For a common man, during this time they can observe the past action , of year 2015 August to 2016 August (when Jupiter was in leo) are bringing results now. Jupiter will in Sagittarius till november 2020 and different ascendants people will see the results of house where Jupiter is Transiting.


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आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताआलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।राम।