आजकल भारी कीमत में आने वाले रत्नों का सहारा लेकर ज्यादातर लोग इन्ही रत्नों के माध्यम से ग्रहो का उपाय करने लगे है।सबसे पहले यह बता दूँ कि रत्न केवल ग्रह की शक्ति को बढ़ाता है शुभता या अशुभता को नही।यदि कोई ग्रह कुंडली मे अशुभ है तब उस ग्रह का रत्न उसकी अशुभता बढ़ा देगा और जो भी ग्रह शुभ है रत्न उसकी शुभता और बल बढ़ा देगा।इस कारण रत्न पहनना और न पहनना जातक को शुभ फल भी दे सकता है और अशुभ भी।। कुछ ग्रहो के रत्न ऐसे होते है जो कि जातक को बहुत लाभ देते है लेकिन यह सब निर्भर करता है जातक की कुंडली में ग्रहो की स्थिति पर, जो भी ग्रह कुंडली के लिए शुभ है, राजयोग बनाता हो, या कुंडली के लिए कारक होकर शुभ फल देने की इच्छा रखता हो या शुभ होकर कमजोर हो तब ऐसी स्थिति में उस ग्रह का रत्न लाभ देगा।ग्रहो के रत्न भी ग्रहो के कुंडली मे बल और जातक की आयु के अनुसार पहनाये जाते है।सवा 6 रत्ती, 5रत्ती, 7रत्ती इतने रत्नों की शक्ति कम होती है जो तुरंत लाभ नही देते कम से रत्न का वजन सवा 9रत्ती का होना या ग्रह बहुत ही ज्यादा कमजोर हो तब सवा11रत्ती तक का रत्न पहनना ही लाभ देता है।सही तरह से सही रत्न पहनना निश्चित ही लाभ देगा।। उदाहरण_अनुसार_रत्न_के_लाभ:- कन्या लग्न की कुंडली मे बुध लग्नेश और दशमेश होकर सबसे महत्वपूर्ण ग्रह होता है साथ ही शुक्र भाग्येश(नवमेश) और धनेश(द्वितीयेश) होकर सबसे ज्यादा शुभ फल देने वाला ग्रह होता है अब यदि इस कन्या लग्न में बुध शुक्र का संबंध हो या न भी हो तब भी बुध के लिए पन्ना और शुक्र के लिए ओपल पहनना बहुत लाभदायक होगा क्योंकि जैसे कि मैंने बताया बुध लग्नेश और दशमेश होकर सफलता, उन्नति, राजयोग, अधिकार आदि देने वाला हैं तो शुक्र भाग्येश, धनेश होकर भाग्य का साथ , धन, सफलताओ में वृद्धि करने वाला है तब यहाँ पन्ना बुध के लिए और ओपल या हीरा शुक्र के लिए बहुत लाभ दायक होगा ऐसी स्थिति पन्ना और ओपल से बुध और शुक्र बलवान होंगे और लाभ देंगे।लेकिन वेबजह रत्न पहन लेना या उन ग्रहो के रत्न पहन लेना जो सफलता में योगदान ही न दे रहे हो तब वह रत्न सिर्फ शो ले लिए होते है उनका कोई फायदा नही हा यदि ग्रह किसी भी केंद्र या त्रिकोण भाव का स्वामी होकर अस्त हो गया हो तब सकस रत्न पहनना लाभ दायक रहता है। मतलब यदि अनुकूल और सफलता दायक ग्रहो के रत्न पहने गए है तो निश्चित ही वह अपना प्रभाव दिखाकर ग्रहो से फल दिलाते है।इस तरह कुंडली के अनुसार सही ग्रहो के रत्नों का चुनाव करना सफलता, धन, उन्नति, पद-प्रतिष्ठा जैसे शुभ फलों में वृद्धि करता है साथ ही शादी, मकान आदि के अच्छे योग होने पर उसमे बिलम्ब हो रहा हो तब कुंडली अनुसार शादी और मकान सुख से संबंधित ग्रह के रत्न पहनकर उन्हें बल दिया जा सकता है जिससे वह ग्रह अपना फल दे सके।इसके अलावा प्रतिकूल ग्रह का रत्न या किसी ऐसे ग्रह का रत्न पहन लिया जाए जो शुभ फल देने वाला कुंडली के अनुसार न हो तब ऐसे ग्रह का रत्न कोई फायदा नही करेगा।
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