जीभ को तालु से लगाने के फायदे

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Ravinder Pareek 21st Jun 2021

🌼🌺🌻जीभ को तालु से लगाने पर मिलेंगे ये गजब के फायदे, 1 मिनट में दिखने लगेगा लाभ
🌷🌼🌺🌻जीभ को तालु से लगाने पर मिलेंगे ये गजब के फायदे, 1 मिनट में दिखने लगेगा लाभ
🌷जीभ को तालु से लगाने पर मिलेंगे ये गजब के फायदे, 1 मिनट में दिखने लगेगा लाभ - भारत ही नहीं बल्कि आज पूरे विश्व भर में ऐक्यूप्रेशर पद्धति का बोल बाला है । आज दावों का सेवन करने बेहतर लोग योग, प्राणायाम और ऐक्यूप्रेशर को अपनाने में फायदा समझते हैं और सही भी है आखिर दवाओं का सेवन हमारे शरीर को खराब करता है । इन दूसरे उपायों को अपनाने से हमारा शरीर और स्वास्थ्य अच्छा भी रहता है और बाकी कई बीमारियाँ हमारे शरीर को छु कर भी नही निकाल पाती है ।
🥀आज हम बात करने जा रहे हैं कुछ योग क्रियाओं के बारे में जिनको अपना कर आप कई बीमारियों से निजात पा सकेंगे । आज के अंक में हम बात करने जा रहे हैं एक खास योग क्रिया के बारे में जिसके बारे में जानकार आपको हैरानी होगी की मात्र एक मिनिट से आपको 3 तरह के जबर्दस्त फायदे हो सकते हैं ।

🥀जी हाँ आपको खुद के ,लिए सिर्फ 1 मिनिट का समय निकालना है और आप पायेगे की कुछ दिनों में ही आपके स्वास्थ्य में फरक पड़ने लगा है और इसका असर आपके शरीर पर पड रहा है । आइये जानते हैं इस बारे में कुछ खास ।

🌺आपको बहुत ज्यादा कुछ नही करना है आपको करना बस इतना सा है की आपको अपनी जीभ से अपने तालु को छूना है और फिर साँस लेनी है। जिन लोगो को रात में नींद नहीं आती यह उपाय करने से उनको अच्छी नींद आ जाएगी।

💮ऐसे साँस लेते हुए आपको थोड़ा अजीब लगेगा पर विश्वास करें इस व्यायाम से बहुत लाभ मिलेगा। इसका शक्तिशाली प्रभाव सीधा आपके स्वास्थ्य पर पड़ेगा।

🌺इसको करने का तरीका

🌹अपनी जीभ की नोक से अपने तालु को छुए और ऐसे ही साँस लें। फिर अच्छी तरह से अपने फेफड़ों की साँस को बाहर निकालें। अपनी नाक से साँस लें फिर चार तक गिने फिर अपनी साँस रोक लें सात तक गिने। एक लंबी साँस ले और अपना मुह साँस से फुला लें फिर आठ की गनती तक मुह से सीटी की आवाज़ निकालें। इस प्रक्रिया को चार बार दोहराएं।

🌺• इस प्रक्रिया को रोज़ाना दो तीन महीनों तक लगातार किया जाए तो शरीरिक क्रिया विज्ञान की मदद से आपको बहुत से महत्वपूर्ण बदलाव देखनें को मिलेंगे।

💮• यह शरीर के तनाव से छुटकारा पाने और आराम करने के लिए मदद करता है।

💐• बता दे कि यह आपके पाचनतंत्र को ठीक करता है और हृदय की धड़कनो को कम करता है. इसके साथ ही आपके रक्तचाप को भी धीमा करता है.

🌹• गौरतलब है, कि यदि आपको रात को सोने में परेशानी होती है, तो ये तरीका जरूर अपनाएँ.

• 🌺इसके इलावा इस व्यायाम के लिए आपको किसी भी दवाई की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस व्यायाम के लिए बस आपको अपनी जीभ और अच्छे से साँस लेने की योग्यता आनी चाहिए.

•🌼 यह अदभुत तरीका डॉ.एंड्रीयू वैल के द्वारा खोजा गया है। यह आसान-सा तरीका आपके तांत्रिक तंत्र को प्राकृतिक तरीके से ठीक करने मे मदद करता है।पर मिलेंगे ये गजब के फायदे, 1 मिनट में दिखने लगेगा लाभ - भारत ही नहीं बल्कि आज पूरे विश्व भर में ऐक्यूप्रेशर पद्धति का बोल बाला है । आज दावों का सेवन करने बेहतर लोग योग, प्राणायाम और ऐक्यूप्रेशर को अपनाने में फायदा समझते हैं और सही भी है आखिर दवाओं का सेवन हमारे शरीर को खराब करता है । इन दूसरे उपायों को अपनाने से हमारा शरीर और स्वास्थ्य अच्छा भी रहता है और बाकी कई बीमारियाँ हमारे शरीर को छु कर भी नही निकाल पाती है ।
🥀आज हम बात करने जा रहे हैं कुछ योग क्रियाओं के बारे में जिनको अपना कर आप कई बीमारियों से निजात पा सकेंगे । आज के अंक में हम बात करने जा रहे हैं एक खास योग क्रिया के बारे में जिसके बारे में जानकार आपको हैरानी होगी की मात्र एक मिनिट से आपको 3 तरह के जबर्दस्त फायदे हो सकते हैं ।

🥀जी हाँ आपको खुद के ,लिए सिर्फ 1 मिनिट का समय निकालना है और आप पायेगे की कुछ दिनों में ही आपके स्वास्थ्य में फरक पड़ने लगा है और इसका असर आपके शरीर पर पड रहा है । आइये जानते हैं इस बारे में कुछ खास ।

🌺आपको बहुत ज्यादा कुछ नही करना है आपको करना बस इतना सा है की आपको अपनी जीभ से अपने तालु को छूना है और फिर साँस लेनी है। जिन लोगो को रात में नींद नहीं आती यह उपाय करने से उनको अच्छी नींद आ जाएगी।

💮ऐसे साँस लेते हुए आपको थोड़ा अजीब लगेगा पर विश्वास करें इस व्यायाम से बहुत लाभ मिलेगा। इसका शक्तिशाली प्रभाव सीधा आपके स्वास्थ्य पर पड़ेगा।

🌺इसको करने का तरीका

🌹अपनी जीभ की नोक से अपने तालु को छुए और ऐसे ही साँस लें। फिर अच्छी तरह से अपने फेफड़ों की साँस को बाहर निकालें। अपनी नाक से साँस लें फिर चार तक गिने फिर अपनी साँस रोक लें सात तक गिने। एक लंबी साँस ले और अपना मुह साँस से फुला लें फिर आठ की गनती तक मुह से सीटी की आवाज़ निकालें। इस प्रक्रिया को चार बार दोहराएं।

🌺• इस प्रक्रिया को रोज़ाना दो तीन महीनों तक लगातार किया जाए तो शरीरिक क्रिया विज्ञान की मदद से आपको बहुत से महत्वपूर्ण बदलाव देखनें को मिलेंगे।

💮• यह शरीर के तनाव से छुटकारा पाने और आराम करने के लिए मदद करता है।

💐• बता दे कि यह आपके पाचनतंत्र को ठीक करता है और हृदय की धड़कनो को कम करता है. इसके साथ ही आपके रक्तचाप को भी धीमा करता है.

🌹• गौरतलब है, कि यदि आपको रात को सोने में परेशानी होती है, तो ये तरीका जरूर अपनाएँ.

• 🌺इसके इलावा इस व्यायाम के लिए आपको किसी भी दवाई की जरूरत नहीं पड़ेगी. इस व्यायाम के लिए बस आपको अपनी जीभ और अच्छे से साँस लेने की योग्यता आनी चाहिए.

•🌼 यह अदभुत तरीका डॉ.एंड्रीयू वैल के द्वारा खोजा गया है। यह आसान-सा तरीका आपके तांत्रिक तंत्र को प्राकृतिक तरीके से ठीक करने मे मदद करता है।


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यस्मिन् जीवति जीवन्ति बहव: स तु जीवति | काकोऽपि किं न कुरूते चञ्च्वा स्वोदरपूरणम् || If the 'living' of a person results in 'living' of many other persons, only then consider that person to have really 'lived'. Look even the crow fill it's own stomach by it's beak!! (There is nothing great in working for our own survival) I am not finding any proper adjective to describe how good this suBAshit is! The suBAshitkAr has hit at very basic question. What are all the humans doing ultimately? Working to feed themselves (and their family). So even a bird like crow does this! Infact there need not be any more explanation to tell what this suBAshit implies! Just the suBAshit is sufficient!! *जिसके जीने से कई लोग जीते हैं, वह जीया कहलाता है, अन्यथा क्या कौआ भी चोंच से अपना पेट नहीं भरता* ? *अर्थात- व्यक्ति का जीवन तभी सार्थक है जब उसके जीवन से अन्य लोगों को भी अपने जीवन का आधार मिल सके। अन्यथा तो कौवा भी भी अपना उदर पोषण करके जीवन पूर्ण कर ही लेता है।* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।

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आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताआलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।राम।

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