कर्क लग्न की कुंडली में योग एवम ग्रहों का प्रभाव
Share*कर्क लग्न का परिचय*
कर्क लग्न प्रधान व्यक्ति शारीरिक रूप से सुंदर होते हैं । शरीर गौर वर्ण होता है । सुंदर मुस्कुराहट युक्त इनका व्यक्तित्व सहज ही आकर्षक होता है। घने लंबे काले बाल , उन्नत ललाट , तीखी और नुकीली नासिका , पतले और सुंदर होंठ , रहस्यमई मुस्कान इनके व्यक्तित्व में आकर्षण उत्पन्न करते हैं । लंबी भुजाएं , चौड़ा सीना और आत्मविश्वास युक्त हृदय से यह सहज ही लोगों के प्रिय पात्र बन जाते हैं । कद मझोला एवं शारीरिक गठन कोमल होता है ।
कर्क लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति स्वभाव से सहिष्णु और सहनशील होते हैं । अपने ऊपर होते हुए अत्याचारों को भी जानबूझकर सहन करते रहते हैं । ऐसे व्यक्ति अत्यंत कोमल , मधुर , सहिष्णु , विनम्र और भावुक होते हैं । ऐसे व्यक्ति शारीरिक श्रम की अपेक्षा मानसिक श्रम में ज्यादा विश्वास करते हैं । अंतर्मन की हीनता की भावना भी प्रबल होती है । जरा सी कोई कार्य जो इनके रुचि के विपरीत हो जाए तो यह हीनता का शिकार हो जाते हैं । दुःख पीड़ा को बहुत अधिक घटा बढ़ा कर देखना इनका स्वभाव होता है । शैक्षणिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में यह लोग अधिक सफल होते हैं । भावुकता के कारण कई बार स्वयं की हानि भी कर लेते हैं । ऐसे व्यक्तियों का बाल्यकाल सुखद कहा जा सकता है । यौवन काल में उन्हें कठोर संघर्ष करना पड़ता है । फिर भी यह धीरे-धीरे अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होते रहते हैं एवं अपने मंजिल पा लेते हैं ।
कर्क लग्न प्रधान व्यक्ति कल्पनाशील होते हैं । यह सैकड़ों योजनाएं बनाते हैं और मिटाते हैं । इस प्रकार के व्यक्ति सफल कवि और कहानीकार बन जाते हैं । योजना बनाने से संबंधित कार्यों में भी यह लोग सफल होते हैं । परिवारिक जीवन इनका सामान्य कहा जा सकता है । इन्हें बच्चों एवं पत्नी से गहरा प्रेम होता है । दांपत्य जीवन सुखी नहीं रहता है , फिर भी स्त्री एवं बच्चों पर अपनी जान छिड़कते हैं । बातचीत में ऐसे जातक पटु होते हैं । किस प्रकार से बात करना , सामने वाले पक्ष को किस प्रकार प्रभावित करना और उन्हें अपने समूह में बांध देना यह कला इन्हें आती है और इनका यह जीवन में भरपूर उपयोग करते हैं । इन लोगों के अपने सिद्धांत होते हैं । स्वयं की एवं निश्चित कार्यप्रणाली होती है तथा जो सिद्धांत अपना लेते हैं उन पर दृढ़ता से गतिशील रहते हैं । समय पड़ने पर यह टूट सकते हैं पर झुकना नहीं जानते । ऐसे व्यक्ति ईमानदार होते हैं । न्याय के लिए यह प्रसिद्ध होते हैं । कई बार ऐसे व्यक्ति न्यायाधीश भी होते हैं ।
कर्क लग्न में जन्म लेने वाले व्यक्ति अक्सर नेता होते हैं । कर्क लग्न पर या चंद्रमा पर राहु , शनि , केतु का प्रभाव होने से मानसिक समस्या बहुत ज्यादा होती है । दिमाग अस्थिर रहता है ।
मंगल एवं चंद्रमा का संबंध बहुत अच्छा होता है । परंतु यदि इस पर राहु , केतु , शनि की दृष्टि पड़ जाए या प्रभाव रहे तो पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है ।
🌹 कर्क लग्न में ग्रहों का महत्व 🌹
👉 सूर्य आपकी कुंडली में धन एवं कुटुम्ब के स्वामी होते हैं । सूर्य बलवान हो तो राज्य में अधिकार प्राप्त होत है । सूर्य अपनी दशा में धन , एवं कुटुम्ब का श्रेष्ठ सुख देते हैं । सूर्य आपकी कुंडली में सामान्य मारकेश होते हैं ।
👉 चंद्रमा आपकी कुंडली में शारीरिक स्वास्थ्य , आयु , सौंदर्य एवं उन्नति के कारक होते हैं। चंद्रमा आपकी कुंडली में कारक होते ।
👉 मंगल आपकी कुंडली में विद्या , बुद्धि , संतान , राज्य , रोजगार एवं पिता के स्वामी होते हैं। मंगल आपकी कुंडली में राजयोग कारक ग्रह होते हैं । मंगल आपकी कुंडली में प्रबल कारक ग्रह होते हैं ।
👉 बुध आपकी कुंडली में छोटे भाई - बहन , पराक्रम , बाहरी स्थानों से संपर्क एवं खर्च के कारक होते हैं । बुध आपकी कुंडली में अकारक ग्रह होते हैं ।
👉 गुरु आपकी कुंडली में भाग्य , धर्म , उच्च शिक्षा , रोग एवं शत्रु के स्वामी होते हैं । गुरु आपकी कुंडली में कारक और अकारक दोनों होते हैं ।
👉 शुक्र आपकी कुंडली में माता , भूमि , भवन , घरेलू सुख एवं आमदनी के स्वामी होते हैं। शुक्र आपकी कुंडली में स्वास्थ्य के संबंध में अकारक ग्रह होते हैं । परंतु निर्बल होने से धन एवं आमदनी में हानि भी होती है ।
👉 शनि आपकी कुंडली में पत्नी , दैनिक व्यवसाय एवं आयु के स्वामी होते हैं । शनि आपकी कुंडली में धन के संबंध में अकारक होते हैं परंतु ज्यादा कमजोर हो जाए तो पत्नी के स्वास्थ्य एवं आयु में हानि करते हैं ।
🍁 मेष , वृष , मिथुन लग्न के बारे में मेरा पहले का पोस्ट देखें ।
🌹 व्यक्ति जिस लग्न या जिस राशि में जन्म लेता है उस राशि के जो गुण स्वभाव होते हैं वास्तविक जीवन में उस राशि का फलादेश मैच नहीं करता है । इसका मुख्य कारण है लग्न एवं लग्नेश पर अलग-अलग ग्रहों का प्रभाव लग्न एवं लग्नेश पर अलग-अलग ग्रहों के प्रभाव के कारण राशि के जो गुण स्वभाव होते हैं उसमें परिवर्तन हो जाते हैं , परंतु उस राशि का जो मुख्य स्वभाव होता है वह अवश्य व्यक्ति के अंदर विराजमान होता है । आगे में 12 राशियों के गुण स्वभाव एवं उन राशियों के 12 भाव के स्वामी के विषय में लिखूंगा । जैसे वृषभ राशि के लोगों की आंख बड़े होते हैं और होठ मोटे होते हैं परंतु कई वृषभ लग्न या राशि के व्यक्तियों को देखा गया आँख छोटे हैं एवं होंठ पतले हैं इसका कारण है लग्न या लग्नेश पर दूसरे ग्रहों की दृष्टि का प्रभाव पड़ना ( राशि के गुण स्वभाव आपके जीवन से मैच ना करें तो यह ना कहे कि राशि का फलादेश गलत है )