अब हम राशि के अतिसंवेदनशील छठे चरण में प्रवेश करते है:- कन्या राशि:- इसका जन्म ही पृथ्वीे तत्व से हुआ है अनेक रंगों वाली तमोगुणी आग व अन्न पास में रखे हुए है पर्वतवासी दिनबलि शीर्षोदय मध्यम शरीर द्विपद स्वरूप दक्षिण दिशा में निवास सत्य में रत प्रिय वचन बोलने वाला होता है इनके नेत्रो में लज्जा रहती है और इनकी सूरत प्रिय होती है विद्वान दूसरे के साधन व मकान का लाभ उठाते है कंधे व बाहु ढीले होते है और पुत्र संतति थोड़ी रहती है ... यह पृथ्वी तत्व राशि है पृथ्वी में सबको धारण करना व उत्पादन की क्षमता है ऐसे ही व्यक्ति रचनात्मक धैर्यवान होते है पृथ्वी सभी जीव-जंतुओं को धारण करती है जब इसे जोता जाता है तब यह शस्य-श्यामला बनती है इसी तरह अपनी जिम्मेदारी को बहुत कुशलता से निभाना चाहे credit मिले या न मिलें कन्या राशि के लोग दूसरे के दर्द को गहराई से समझकर दूर करने का प्रयास करते है साथ ही अपने दर्द को छिपाना शिकायत करने इन्हें आसानी से नही आता...! धान्य धातुओ को उगलने वाली पृथ्वी अपने भीतर सालो तक लावे को समेट कर रखती है और एक दिन अचानक न सह पाने के कारण ज्वालामुखी के रूप में फट पड़ती है ऐसे ही इनका स्वभाव भी होता है गुस्सा करके अपना ही अहित करना कष्ट अन्याय को सहते है पर अचानक विद्रोह कर देते है उसमें कोन जलेगा को नही यह सोचना इनके विचार का हिस्सा नही बन पाता है ऐसे ही अनेक न समझ पाने की हरकते होती है ... (जैसा कि पहले मिथुन में बताया था कि बुद्ध में विचित्र कलाओ से इसकी विचित्रता हर अलग आयाम प्रकट करती है... प्रकति में एक खास बात है जिसका जन्म खास संकेतो में विचित्र होता है आप देखना उसके पूरे जीवन काल में वैसी ही घटनाये होती है....) ""बुध का जन्म जिस विचित्र घटना से हुआ था उससे भी ज्यादा विचित्र घटना से बुध का विवाह व संतान का होना था " " यही विचित्रता कन्या राशि के व्यक्तिओ में मिलती है यह द्विस्वभाव राशि है बुध मिथुन व कन्या दोनो का स्वामी है अतः मिथुन की ही भांति कभी तो यह बहुत भावुक हो जाते है और अगले पल कठोर "पल में तोता पल में माशा की इनकी प्रवर्ति होती है" परंतु वास्तव में जरूरत मंद व्यक्ति सदैव इनका स्नेह पात्र रहता है... साथ ही स्वामी ग्रहो में राजकुमार जो कि कोमल सुकुमार बुद्धिमान गणितज्ञ वाकपटु रचनात्मक शिल्पी मार्केटिंग कला में निपुण व साहित्यकार बुध है यही गुण कन्या राशि के व्यक्तियों में देखने मे मिलते है जिसमे वाक्पटुता तार्किकता के साथ विजय हासिल करना विश्लेषण करने की इनमे अलग ही खूबी होती है किसी भी विषय का गहराई से अध्य्यन कर टिप्पणी करने वाले होते है ये एक अच्छे कार्यकर्ता तो बुद्धि के बल पर हो सकते है परन्तु इनमे नेतत्व शक्ति का कभी-२अभाव होता है इस राशि का चिन्ह कुँवारी कन्या है कन्या की सुकोमलता इनके व्यवहार में स्पस्ट रूप से देखी जा सकती है अतः ममतावान इन्हें बनाती है परंतु कभी कभी इनकी यही कोमलता नकारात्मक रूप में प्रकट होती है कभी किसी पल में दृढ़ आत्म विस्वासी होते है व किन्ही पल में स्वयं पर से विस्वास खोकर हताश हो जाते है कन्या राशि के व्यक्ति सफाई पसंद करते है इस राशि मे हस्त चित्रा स्वाति नक्षत्र सम्मिलित होते है इसलिए इस राशि के व्यक्तियों के जीवन मे चंद्रमा मंगल राहु की महादशाएं अवश्य आती है यह राशि शरीर मे कमर का प्रितिनिधित्व करती है अतः बुध की दशा में कमर दर्द की परेशानी जरूर एक बार आती है कन्या राशि के व्यक्तियों को अपने व्यक्तित्व के नकारात्मक पहलू को छोड़ने का प्रयास करना चाहिए !