रोजगार और दशम भाव एवं दशमेश (Tenth House and Occupation)

Share

08th Sep 2017

रोजगार और दशम भाव एवं दशमेश (Tenth House and Occupation)
जन्म कुण्डली में दशम भाव को व्यवसाय का घर कहा जाता है.इसी भाव से रोजगार का विचार किया जाता है.इस भाव में जो ग्रह बलवान होता है उसी के आधार पर व्यवसाय का आंकलन किया जाता है.अगर दशम भाव रिक्त है तो दशमेश नवमांश कुण्डली में जिस भाव में होता है उस भाव का जो स्वामी ग्रह होता है उस ग्रह के स्वभाव और कर्म के अनुसार व्यक्ति का रोजगार होता है.दशम भाव का स्वामी जिस राशि एवं भाव में स्थित है उस राशि के स्वामी के आधार पर भी रोजगार का विचार किया जाता है.

योग और रोजगार (Astrological Yoga and Occupation)
ज्योतिषशास्त्र में ग्रहों के योग के अनुसार रोजगार के विषय में यह बताया गया है

• सूर्य और चन्द्रमा की युति होने पर रक्षा विभाग से सम्बन्ध होता है.
• सूर्य और मंगल की युति न्यायाधीश बनाता है एवं न्याय विभाग में स्थान दिलाता है.
• सूर्य और शनि की युति होने पर जातक विदेश में रह कर आजीविका कमाता है.
• सूर्य और केतु का संयोग पुरोहित, धर्मशास्त्री एवं कृषि से सम्बन्धी कार्य का संकेत माना जाता है.
युति और रोजगार (Yuti and Occupation)

• चन्द्रमा और मंगल की युति अगर जन्मकुण्डली में हो तो व्यापार में सफलता का संकेत होता है.
• चन्द्रमा बुध के साथ होने पर सचिव और सलाहकार का पद प्रदान करता है.
• चन्द्रमा और बृहस्पति की युति ज्योतिषशास्त्री एवं धर्म प्रचारक के रूप में ख्याति दिलाती है.
• चन्द्रमा और शुक्र दोनों ही सौन्दर्य के प्रतीक हैं इनकी युति व्यक्ति को सौन्दर्य के क्षेत्र में कामयाबी देती है.
• मंगल और बुध की युति विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सफलता दिलाती है.
• मंगल एवं शुक्र की युति एक्सपोर्ट इम्पोर्ट के काम में कामयाबी दिलाती है.
• बुध गुरू की युति सरकारी क्षेत्र में उच्चाधिकारी बनाता है.इस योग से प्रभावित व्यक्ति लेखक अथवा सम्पादक भी हो सकते हैं.
• गुरू एवं शुक्र की युति भी राजकीय क्षेत्र में कामयाबी दिलाती है.
Horary Astrology Your Business or Profession
.व्यवसाय का सम्बन्ध जीविका से है. जीविका के लिए व्यक्ति व्यापार करता है या नौकरी. इसका स्तर छोटा भी हो सकता है और बड़ा भी. इसमें पदोन्नति भी होती है और स्थानान्तण भी.
प्रश्न कुण्डली रोजगार और व्यवसाय से सम्बन्धित सभी पहलूओं का उत्तर देने में सक्षम है.
व्यवसाय का प्रकार 
दशम भाव व्यवसाय का भाव होता है (Tenth house is of Profession). इस भाव में स्थित राशि, ग्रह एवं रशिश तथा इस भाव से सम्बन्ध रखने वाले ग्रहों से व्यवसाय के विषय में जानकारी मिलती है.
दशम भाव मे अग्नि तत्व की राशि (Fiery sign in 10th house) जैसे मेष, सिह या धनु हो तो व्यक्ति शल्य -चिकित्सक अथवा इंजीनियर हो सकता है.
दशम भाव मे पृथ्वी तत्व की राशि (Earthy sign in 10th house) यानी वृषभ, कन्या या मकर हो तो ज़मीन से जुडे हुए व्यवसाय का संकेत प्राप्त होता है. इस स्थिति में व्यक्ति कृषि, खनिज, भूगर्भवेत्ता, श्रमिक, ट्रांसपोर्टर, रेलवे इत्यादि से सम्बन्धित हो सकता है.
दशम भाव मे वायु प्रधान राशि (Airy sign in 10th House) मिथुन तुला और कुम्भ होने पर उच्च स्तर के व्यवसाय मिलते है. कुण्डली में यह स्थिति होने पर व्यक्ति लेखक, कलाकार, लेखाकार, वकील, प्रबन्धन सलाहकार और कागजो और दस्तावेजो से सम्बन्धित कार्यों मे संलग्न होता है.
दशम भाव में जलीय राशि (Watery sign in 10th house) अर्थात कर्क, वृश्चिक अथवा मीन होने पर व्यक्ति जल क्षेत्र से सम्बन्धित कार्यों को करने वाला होता है जैसे नौसेना, जलपोत, मछली विक्रेता, तैराकी आदि.
नौकरी की कब मिलेगी (Astrological Combinations for getting a job)
प्रश्न लग्न मे उदित स्थिर राशि नियुक्ति के लिए अनूकुल होता है (Fixed sign in Lagna). लग्नेश का दशमेश से सम्बन्ध हो और इसमे सूर्य भी शामिल हो तो नौकरी शीघ्र मिलती है. केन्द्रो और त्रिकोणो मे शुभ ग्रह होने पर (Benefic planets placed in Kendras/Trikonas) नौकरी मिलने की सम्भावना होती है.
नौकरी दो विधियो के द्वारा सम्भव है लिखित और साक्षात्कार. लिखित के लिए लग्नेश का तृ्तीयेश, दशमेश और एकादशेश से सम्बन्ध आने पर तथा साक्षात्कार मे सफलता के लिए लग्नेश का द्वितीयेश दशमेश और एकादशेश के साथ अनुकूल सम्बन्ध होने पर नौकरी मिलती है.
पदोन्नति (Promotions Horary astrology)
हर व्यक्ति यह जानना चाहता है की उसकी पदोन्नति होगी या नही. जीवन मे आगे बढ़ने की चाहत एक सामान्य सी बात है. प्रश्न ज्योतिष के अनुसार पदोन्नति मिलने की संभावना तब बनती है जब लग्नेश, दशमेश और चन्द्र शुभ योग मे हों (Auspicious combination of asc, 10th lord, and Moon). अगर यह योग चर राशियो में हो तो पदोन्नति जल्दी मिलती है. अगर योग स्थिर राशि (Fixed Rashis) में हो तो पदोन्नति नहीं मिलती है जबकि द्विस्वभाव राशियों
नवम भाव में स्थित ग्रह अगर लग्न स्थान को अथवा लग्नेश को देख रहा हो तो स्थानान्तरण की संभावना होती है (Planet in ninth aspecting Ascendant). इसी प्रकार जब लग्नेश का तृतीयेश या नवमेश से सम्बन्ध होता है तो स्थानान्तरण होगा ऐसा समझा जाता है.
मनचाही नौकरी की प्राप्ति (Getting Desired Job)
लग्नेश और दशमेश मित्र हो और पाप ग्रहो से मुक्त हो या लग्नेश और दशमेश शुभ भावो (Benefic Houses) मे स्वराशि (Own sign) या उच्च राशि (Exalted) मे हो तो मनचाही नौकरी की मिलने की संभावना बनती है. चन्द्र का लग्नेश या दशमेश से शुभ युति या दृष्टि सम्बन्ध होने पर व्यक्ति को सम्मानित उच्च पद प्राप्त होता है.
स्थानान्तरण (Transfers From Horary Astrology)
नौकरी में स्थानांतरण सामान्य सी बात है. कभी किसी के लिए यह खुशी का कारण होता है तो किसी को इससे परेशानी होती है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार स्थान परिवर्तन ग्रहों और राशियों का फल है. प्रश्न कुण्डली में जब लग्न मे चर राशि हो (Moveable sign in Lagna) और लग्नेश का तृतीयेश अथवा नवमेश के साथ सम्बन्ध हो तो स्थानान्तरण का संकेत मिलता है.


Like (0)

Comments

Post

Latest Posts

यस्मिन् जीवति जीवन्ति बहव: स तु जीवति | काकोऽपि किं न कुरूते चञ्च्वा स्वोदरपूरणम् || If the 'living' of a person results in 'living' of many other persons, only then consider that person to have really 'lived'. Look even the crow fill it's own stomach by it's beak!! (There is nothing great in working for our own survival) I am not finding any proper adjective to describe how good this suBAshit is! The suBAshitkAr has hit at very basic question. What are all the humans doing ultimately? Working to feed themselves (and their family). So even a bird like crow does this! Infact there need not be any more explanation to tell what this suBAshit implies! Just the suBAshit is sufficient!! *जिसके जीने से कई लोग जीते हैं, वह जीया कहलाता है, अन्यथा क्या कौआ भी चोंच से अपना पेट नहीं भरता* ? *अर्थात- व्यक्ति का जीवन तभी सार्थक है जब उसके जीवन से अन्य लोगों को भी अपने जीवन का आधार मिल सके। अन्यथा तो कौवा भी भी अपना उदर पोषण करके जीवन पूर्ण कर ही लेता है।* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।

न भारतीयो नववत्सरोSयं तथापि सर्वस्य शिवप्रद: स्यात् । यतो धरित्री निखिलैव माता तत: कुटुम्बायितमेव विश्वम् ।। *यद्यपि यह नव वर्ष भारतीय नहीं है। तथापि सबके लिए कल्याणप्रद हो ; क्योंकि सम्पूर्ण धरा माता ही है।*- ”माता भूमि: पुत्रोSहं पृथिव्या:” *अत एव पृथ्वी के पुत्र होने के कारण समग्र विश्व ही कुटुम्बस्वरूप है।* पाश्चातनववर्षस्यहार्दिकाःशुभाशयाः समेषां कृते ।। ------------------------------------- स्वत्यस्तु ते कुशल्मस्तु चिरयुरस्तु॥ विद्या विवेक कृति कौशल सिद्धिरस्तु ॥ ऐश्वर्यमस्तु बलमस्तु राष्ट्रभक्ति सदास्तु॥ वन्शः सदैव भवता हि सुदिप्तोस्तु ॥ *आप सभी सदैव आनंद और, कुशल से रहे तथा दीर्घ आयु प्राप्त करें*... *विद्या, विवेक तथा कार्यकुशलता में सिद्धि प्राप्त करें,* ऐश्वर्य व बल को प्राप्त करें तथा राष्ट्र भक्ति भी सदा बनी रहे, आपका वंश सदैव तेजस्वी बना रहे.. *अंग्रेजी नव् वर्ष आगमन की पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं* ज्योतिषाचार्य बृजेश कुमार शास्त्री

आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताआलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।राम।

Top