*दीपावली पंच दिवसीय त्यौहार धनतेरस से भैयादूज तक*
धनतेरस कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी मंगलवार 2 नवंबर को मनाया जाएगा धनत्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था इसलिए इसदिन को धनतेरस के रूप में पूजा जाता है। शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान भगवान धनवंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। धन वैभव देने वाली त्रयोदशी का विशेष महत्व माना जाता है। धनवंतरी को प्रिय धातु पीतल बर्तन व गहने आदि खरीदना शुभ माना जाता है, विशेषता धनवंतरी आयुर्वेद के प्रतीक माने जाते हैं इस दिन आमला व हल्दी की पूजा करने का महत्व है। प्रदोषकाल में घर के बाहर चौमुखा या पंचमुखी दीपक जलाने से अकाल मृत्यु नहीं होती है। ज्योतिषाचार्य अजय शास्त्री अनुसार *खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त* लाभ,अमृत चौघड़िया व अभिजित मुहूर्त प्रातः 10:44 से दोपहर 01:29 तक, शुभ चौघड़िया दोपहर 02:52 से 04:15 तक, प्रदोषकाल 07:15 से 08:52 धनलक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त रहेगा।
*रूप चौदस /नरक चतुर्दशी* कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी बुधवार 3 नवंबर को है प्रातःकाल चंद्रोदय के समय अभ्यंग स्नान करने का महत्व है। जल में अपामार्ग की जड़ व पत्तों से उषाकाल में चंद्र की किरणों में स्नान करने से रूप में निखारता आती है। मान्यता के अनुसार इसीलिए रूप चौदस के नाम से जाना जाता है। चंद्रोदय प्रातः 04:36 पर होगा।
*दीपावली महालक्ष्मी पूजन* कार्तिक कृष्ण अमावस्या गुरुवार 4 नवंबर 2021 को दीपावली पूजन का मुख्य प्रदोषकाल में विशेष महत्व होता है। जिसमें स्थिर लग्न की प्रधानता होती है स्वाति नक्षत्र का योग भी प्रशस्त होता है। "महाविद्याक्षरा ज्योतिष संस्थान" के अनुसार ज्योतिषीय गणना में सातवां भाव पत्नीभाव है, जिसे हम लक्ष्मी भाव कहते हैं। सातवीं राशि में सूर्य और चंद्र का मिलन तुला राशि में ही त्यौहार होता है। प्रतिदिन ज्योति संध्याकाल में जलाते हैं, दीप जलाते हैं, घर में रोशनी करते हैं, यह तभी करते हैं जब सूर्य सप्तम भाव में आते हैं। अतः दीपों का जलाना ही दीपावली है।
*दीपावली पूजन शुभ मुहूर्त* ज्योतिषाचार्य के अनुसार रेवाड़ी स्टैंडर्ड समयानुसार स्थिर ब्रशलग्न प्रदोषकाल 6:13 से 8:09 तक। शुभ, लाभ चौघड़िया सायं 4:14 से सायं 7:14 तक, निशिथकाल रात्रि 11: 41 से 00:33 तक विशेष पूजन गणेश, इंद्र, कुबेर सहित महालक्ष्मी पूजन संपन्न होगा।।
*गोवर्धन पूजा/ अन्नकूट* कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा शुक्रवार 5 नवंबर को गोवर्धन पूजा होगी। यह गोवर्धन पूजा भगवान कृष्ण व गोवर्धन पर्वत को समर्पित है, इसदिन गायों की पूजा की जाती है, इसदिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर इंद्र का मान मर्दन करके ब्रज वासियों की रक्षा की थी। इसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है।
गोवर्धन पूजा मुहूर्त प्रातः 7:59 से 10:44 तक कर सकते हैं।
*भैया दूज /यम द्वितीया* कार्तिक शुक्ल द्वितीया शनिवार 6 नवंबर को भाईदूज या यम द्वितीया है, इसदिन चित्रगुप्त पूजन भी होता है। मान्यता के अनुसार यमी ने अपने भाई यम को बुलाकर तिलक लगाकर दीर्घायु की कामना करती है व भोजन कराती है। यह त्यौहार भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
*ज्योतिषाचार्य अजय शास्त्री*
धारूहेड़ा चुंगी रेवाड़ी।