साधारण दृष्टि से देखने में सहायक उच्च के बाद मूलत्रिकोण स्थित ग्रह बलवान होते हैं । सिर्फ उच्च और नीच राशि के आधार पर हमारा फलित आधारित नहीं होगा । हमलोग छः प्रकार के बल को पढ़ेंगे । जहां पता चलेगा कि उच्च और नीच के आधार पर ग्रहों के बल कितने बढ़ते या घटते हैं । राशियों का स्वामित्व राहु-केतु को नहीं मिला है इसलिए उसके उच्च-नीच की चर्चा भी नहीं करते । हम अपने पढ़ाने के क्रम में राहु व केतु को बिल्कुल अगल से पढ़ेंगे ताकि कुछ भ्रांतियां न रह जाए ।