जानिए देव गुरु बृहस्‍पति को शांत करने के उपाय

" /> ज्योतिष ग्रंथों में गुरु यानी बृहस्पति को शुभ देवता और ग्रह माना गया है। इसके शुभ प्रभाव से जहां एक ओर लंबी उम्र, मनचाही नौकरी और धन के साथ पिता का प्रेम और धर्म लाभ मिलता है। वहीं कन्या के जीवनसाथी का निर्णय करने वाला भी देवगुरु बृहस्पति ही माने गए है।

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जानिए देव गुरु बृहस्‍पति को शांत करने के उपाय

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Deepika Maheshwari 09th Jul 2020

जानिए देव गुरु बृहस्‍पति को शांत करने के उपाय ---- बृहस्पति के उपाय हेतु जिन वस्तुओं का दान करना चाहिए उनमें चीनी, केला, पीला वस्त्र, केशर, नमक, मिठाईयां, हल्दी, पीला फूल और भोजन उत्तम कहा गया है. इस ग्रह की शांति के लए बृहस्पति से सम्बन्धित रत्न का दान करना भी श्रेष्ठ होता है. दान करते समय आपको ध्यान रखना चाहिए कि दिन बृहस्पतिवार हो और सुबह का समय हो. दान किसी ब्राह्मण, गुरू अथवा पुरोहित को देना विशेष फलदायक होता है. बृहस्पतिवार के दिन व्रत रखना चाहिए. कमज़ोर बृहस्पति वाले व्यक्तियों को केला और पीले रंग की मिठाईयां गरीबों, पंक्षियों विशेषकर कौओं को देना चाहिए. ब्राह्मणों एवं गरीबों को दही चावल खिलाना चाहिए. रविवार और बृहस्पतिवार को छोड़कर अन्य सभी दिन पीपल के जड़ को जल से सिंचना चाहिए. गुरू, पुरोहित और शिक्षकों में बृहस्पति का निवास होता है अत: इनकी सेवा से भी बृहस्पति के दुष्प्रभाव में कमी आती है. बृहस्पति से पीड़ित व्यक्तियों की कठिनाई बढ़ जाती है अत: इनसे बचना चाहिए। ---गुरुवार के दिन गुरु बृहस्‍पति की मूर्ति या बृहस्‍पति जी के फोटो को पीले रंग के कपड़े पर स्‍थापित करें और उसकी पूजा करें। अपनी पूजा की थाल में पीले चावल, केसरिया चंदन, पीले फूल और प्रसाद में चाहें तो चने की दाल या गुड का प्रयोग करें। ----दूसरा उपाय है कि गुरुवार के दिन बृहस्‍पति देव को प्रसन्‍न करने के लिए पीले रंग की वस्तु का दान करें। किसी गरीब व्यक्ति को या मन्दिर में जाकर दान करें। ---तीसरा उपाय है कि सूर्योदय होने से पहले उठें और भगवान विष्णु जी के सामने घी का दीया जलाएं और बेसन के लड्डू का भोग लगाएं। ---गुरुवार के दिन नहाते समय एक चुटकी हल्दी को पानी में डालकर नहाएं और इसके बाद ॐ नम: भगवते वासुदेवाय का जाप करते हुए केसर का तिलक लगाएं। --- अनिद्रा से परेशान व्यक्ति 11 बृहस्पतिवार तक केवांच की जड़ का लेप माथे पर लगाएं। -- - स्त्रियां गुरुवार को हल्दी वाला उबटन शरीर में लगाएं तो उनके दांपत्य जीवन में प्यार बढ़ता है। --- - बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार के दिन गाय का घी, शहद, हल्दी, पीले कपड़े, किताबें, गरीब कन्याओं को भोजन का दान अौर गुरुओं की सेवा करें। --- - गुरुवार के दिन केले का दान शुभ होता है। ---- - गुरु के अशुभ प्रभाव को कम करने अौर सभी कष्टों से छुटकारा पाने के लिए गुरुवार के दिन चमेली के फूल, गूलर, दमयंती, मुलहठी और पानी में शहद डालकर स्नान करें। -- विवाह में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए गुरुवार का व्रत अौर देवगुरु बृहस्पति के सामने गाय के घी का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए। - गुरुवार के दिन बृहस्पति देव को पीले पुष्पों का अर्पण करके पीले चावल, पीला चंदन, पीली मिठाई, गुड़, मक्के का आटा, चना दाल आदि का भोग लगाते हैं। माथे पर हल्दी का तिलक लगाने के पश्चात हल्दी गांठ की माला से इस मंत्र के जाप करना शुभ होता है। "ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः। --गुरुवार के दिन व्रत रखें और पीले रंग के कपड़े पहनें। यह भी कोशिश करें कि बिना नमक का भोजन हो और पीले रंग का पकवान शामिल हो। ---अगर आपकी शादी में रुकावट आ रही है या किसी ना किसी वजह से आपकी शादी में समस्‍याएं आ रही हैं तो गुरुवार को गाय को दो आटे के पेडे पर थोड़ी हल्दी लगाकर खिलाएं। ---गुरुवार के दिन केले के पेड़ के नीचे शाम के समय घी का दीपक जलाएं। ---ऐसे व्यक्ति को मन्दिर में या किसी धर्म स्थल पर निःशुल्क सेवा करनी चाहिए। ----किसी भी मन्दिर या इबादत घर के सम्मुख से निकलने पर अपना सिर श्रद्धा से झुकाना चाहिए। ---- गुरुवार के दिन मन्दिर में केले के पेड़ के सम्मुख गौघृत का दीपक जलाना चाहिए। -----गुरुवार के दिन आटे के लोयी में चने की दाल, गुड़ एवं पीसी हल्दी डालकर गाय को खिलानी चाहिए। ----गुरु के दुष्प्रभाव निवारण के लिए किए जा रहे टोटकों हेतु गुरुवार का दिन, गुरु के नक्षत्र (पुनर्वसु, विशाखा, पूर्व-भाद्रपद) तथा गुरु की होरा में अधिक शुभ होते हैं। -----ऐसे व्यक्ति को अपने माता-पिता, गुरुजन एवं अन्य पूजनीय व्यक्तियों के प्रति आदर भाव रखना चाहिए तथा महत्त्वपूर्ण समयों पर इनका चरण स्पर्श कर आशिर्वाद लेना चाहिए।


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Kiran Somani

ओम ब्रिम बृहस्पतए नमः


very good


bahut acha didi


ओम ब्रिम बृहस्पतए नमः


bahut acha


nice one


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sonamModani

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sonamModani

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Kiran Somani

Bhot Bhot Dhaywand Upay dene k liye


anshmaheshwari

om


VishwajeetBhutra

बहुत ही विस्तृत जानकारी । विश्वजीत भुतड़ा


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यस्मिन् जीवति जीवन्ति बहव: स तु जीवति | काकोऽपि किं न कुरूते चञ्च्वा स्वोदरपूरणम् || If the 'living' of a person results in 'living' of many other persons, only then consider that person to have really 'lived'. Look even the crow fill it's own stomach by it's beak!! (There is nothing great in working for our own survival) I am not finding any proper adjective to describe how good this suBAshit is! The suBAshitkAr has hit at very basic question. What are all the humans doing ultimately? Working to feed themselves (and their family). So even a bird like crow does this! Infact there need not be any more explanation to tell what this suBAshit implies! Just the suBAshit is sufficient!! *जिसके जीने से कई लोग जीते हैं, वह जीया कहलाता है, अन्यथा क्या कौआ भी चोंच से अपना पेट नहीं भरता* ? *अर्थात- व्यक्ति का जीवन तभी सार्थक है जब उसके जीवन से अन्य लोगों को भी अपने जीवन का आधार मिल सके। अन्यथा तो कौवा भी भी अपना उदर पोषण करके जीवन पूर्ण कर ही लेता है।* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।

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आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताआलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।राम।