*सोमवती अमावस्या आज, 30दिसम्बर* जब सोमवार को अमावस्या होती है,तो सोमवती अमावस्या कहा जाता है।इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक है। इस दिन सूर्य भगवान की पूजा करने से समस्त पापों से छुटकारा मिलता है। अमावस्या के दिन पुण्य नदियों पर स्नान करने का महत्व है,जैसे_ गंगा यमुना,सरस्वती,नर्मदा, क्षिप्रा आदि पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य प्राप्ति होती है। महाभारत में भीष्म ने युधिष्ठिर को इस दिन का महत्व समझाते हुए कहा था कि जो व्यक्ति इस दिन नदियों में स्नान करते हैं, वह मनुष्य स्वास्थ्य,समृद्ध होकर, सभी दुखों से मुक्त हो जाता है।स्नान करने के बाद जरूरतमंद लोगों को दान करना चाहिए। शहर के धारूहेड़ा चुंगी स्थित ज्योतिष संस्थान के "ज्योतिषाचार्य अजय शास्त्री" के अनुसार इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति कि लंबी आयु के लिए पीपल वृक्ष की पूजा करती हैं। क्योंकि पीपल में सभी देवताओं का वास होता है और अमावस्या को पितरों का वास होता हैं। शास्त्री ने बताया है कि इस दिन विवाहित स्त्रियों द्वारा पीपल वृक्ष की पूजा_ दूध,जल,पुष्प,चंदन,अक्षत,धूप ,दीप नैवेद्य आदि से पूजा करें फिर पीपल वृक्ष के चारों ओर कच्चासूत का धागा लपेटकर 108 परिक्रमा करने का विधान है क्योंकि शास्त्रों में इसे अश्वस्थ प्रदक्षिणा व्रत कि संज्ञा दी गई हैं।