कृष्णमूर्ति पद्धति मे उपनक्षत्र निकालने के लिए बेहद आसान तरीके से आप को समझाने का प्रयास कर रहा हूं जैसा कि हम जानते हैं एक राशि 30 अंश की होती है इसमें नक्षत्रों के 9 चरण होते हैं यदि यह फलन हम अंश को घंटों में परिवर्तन करना चाहें तो आसानी से समझ आएगा 30 अंश को 60 मिनट से फलन (30x60)किया जाए तो यह मान 1800 आता है 1800(30)अंशो में 9 नक्षत्र चरण हैं इसमे प्रत्येक चरण को मिलते हैं 1800/9=200 मिनट अब हम जानेंगे 200 मिनट एक चरण की है तो एक नक्षत्र 4 चरण का होता है(200x4) एक नक्षत्र को मिले 800 मिनट उपनक्षत्र की गणना करने के लिए प्रत्येक ग्रह की महादशा वर्ष को 800 से गुणांक करेंगे और भोग्य काल 120 से भाग देंगें प्रत्येक चरण के टुकड़े में उसका ग्रह का उपनक्षत्र समय आ जायेगा जैसे केतु की महादशा 7 वर्ष व सभी ग्रहों महादशाओं का भोग्य वर्ष योग 120 800x7/120= 00.46.40 इस तरह प्रत्येक गृह की महादशा वर्ष को 800 से गुणांक करके कुल भोग्य काल 120 का भागफल ही प्रत्येक नक्षत्र का उपनक्षत्र 9वा हिस्सा बनता है
Nice sir ji
very good knowledge
Very nice articles
गणना से सुक्ष्म बिन्दु पर पहुचने की सफल विधि