दुनिया भर में दीपावली के त्यौहार की धूम मचती है, लेकिन 5 दिनों तक चलने वाले दीपावली के इस त्यौहार में सबसे पहले आता है धनतेरस का त्यौहार, जो बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि धनतेरस के दिन सभी प्रकार के शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है और सभी लोग इस दिन कुछ ना कुछ खरीदना पसंद करते हैं। विशेष तौर पर धातु खरीदना शुभ माना जाता है, जिसमें सोने और चाँदी के आभूषण सबसे अधिक इसी दिन खरीदे जाते हैं और कुछ लोग इस दिन वाहन भी खरीदते हैं। धनतेरस का त्यौहार इस बार 25 अक्टूबर शुक्रवार को मनाया जाएगा। दुनिया का सबसे बड़ा धन क्या है और उसे कैसे पाएँ दुनिया में हर किसी को धन प्राप्ति की इच्छा होती है, क्योंकि धन से ही सुख और समृद्धि आती है, लेकिन दुनिया का सबसे बड़ा धन वास्तव में क्या है, यह जानना बेहद आवश्यक है। दुनिया में अच्छे स्वास्थ्य अर्थात अच्छी सेहत को सबसे बड़ा धन माना गया है, क्योंकि यदि आप स्वस्थ हैं, तभी आप जीवन की सुख-सुविधाओं को भोग सकते हैं और उन्हें प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए स्वास्थ्य को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है और धनतेरस का दिन स्वास्थ्य के मामले में काफी महत्वपूर्ण दिन माना गया है। धनतेरस क्यों है सबसे महत्वपूर्ण दिन जैसा कि हमने आपको बताया कि उत्तम स्वास्थ्य ही दुनिया का सबसे बड़ा धन है और धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि का प्रादुर्भाव हुआ था। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद और अच्छे स्वास्थ्य के प्रदाता देव माने जाते हैं और धनतेरस के दिन इनकी पूजा उपासना करने से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख समृद्धि आती है। धनतेरस के दिन वास्तु उपाय जीवन में सुख समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य सभी को चाहिए होता है। इसलिए धनतेरस के दिन वास्तु सम्मत एक उपाय करना चाहिए, जिससे आपके जीवन में अच्छे स्वास्थ्य की वृद्धि हो। इस उपाय के रूप में अपने घर के ईशान कोण अर्थात उत्तर – पूर्व दिशा में भगवान धन्वंतरि का कोई चित्र लगाएँ, जिसमें वे हाथ में कलश लिए हुए हों और आपको आशीर्वाद दे रहे हों। इस चित्र को लगाने से और इसकी पूजा करने से घर के सभी लोगों का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। घर में सुख समृद्धि आएगी और जो लोग किसी बीमारी से जूझ रहे हैं, उन्हें उससे निजात मिलेगी। धन त्रयोदशी को करें आरोग्य प्राप्ति का उपाय धन त्रयोदशी अर्थात धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि, मृत्यु के देवता यमराज, धन प्रदान करने वाली माता महालक्ष्मी और वैभव प्रदान करने वाले कुबेर देव की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इसी दिन देव धन्वंतरि और मां लक्ष्मी का प्रादुर्भाव समुद्र मंथन के दौरान हुआ था और दोनों ही हाथ में कलश लेकर उत्पन्न हुए थे। इस दिन भगवान धनवंतरि के पौराणिक मंत्र का जाप करना सभी प्रकार की समस्याओं से मुक्ति दिलाता है और उत्तम आरोग्य की प्राप्ति कराता है। यह मंत्र निम्नलिखित है: ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धनवंतरायेः अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप श्री धनवंतरि स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः। उपरोक्त मंत्र का जाप करके आप भगवान धन्वंतरि की कृपा प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में उत्तम आरोग्य को प्राप्त कर जीवन का सबसे बड़ा धन प्राप्त कर सकते हैं।
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