द्वितीय भाव मे शनि, राहु या केतु हो अष्टम भाव का मालिक द्वितीय भाव मे हो और एकादशेश दशम स्थान मे बैठ गया हो और उस पर किसी भी शुभ ग्रह की दृष्टि नही पड़ रही हो तो उसको उसी का दिया हुआ पैसा नही मिलता है.
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