साप्ताहिक लव राशिफल जानें प्रेम जीवन के लिहाज से कैसे गुजरेगा दिन (28 दिसंबर, 2020 से 03 जनवरी, 2021 तक)

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R K Shridhar 26th Dec 2020

 

साप्ताहिक लव राशिफल  (28 दिसंबर, 2020 से 03 जनवरी, 2021 तक)


मंगल तो 24 दिसंबर को ही स्वराशि मेष में आ चुके हैं और बलवान हैंl त्वरित परिणाम देने की क्षमता रखते हैं और कालपुरुष की कुंडली के अनुसार भाग्यभाव के कर्ताधर्ता हैंl प्रेम और रोमांस में ये बहुत क्रियाशील ग्रह नहीं हैं फिर भी अन्य क्षेत्रों को देखें तो मेष, वृश्चिक, सिंह, कर्क, धनु और मीन राशि के जातकों को इस गोचर से जरुर सहायता मिल सकती है l हालाँकि अन्य राशियों के ऊपर भी न्यूनाधिक प्रभाव देखने को जरुर मिलेगा l रोमांस और प्रेम में क्रोध का स्थान नहीं है, इस बात का ध्यान रखने से सहजता से मंगल के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है l जो लोग भी वर्ष के अंत में या नववर्ष के आरम्भ में घूमने-फिरने और सैर-सपाटे का कार्यक्रम बना रहें हैं, उन्हें सावधानी भी रखनी होगी, क्योंकि दुर्घटना आदि की सम्भावना बनी रहेगी l वाद-विवाद, रोड रेज आदि से बचने का प्रयास करना हैl कुछ लोगों के लिए ये समय उत्सव मनाने का भी हैl सब तरह की मस्ती करें लेकिन मर्यादा में रहकर और दुस्साहस से बचते हुएl जल्दबाजी से बचें, कार्य-व्यवहार में गरिमा और स्थिरता बनी रहे तो उत्सव का आनंद भी दोगुना बढ़ जाता है l आइये देखते हैं, सभी बारह राशियों के लिए इस सप्ताह का लव राशिफल

 

मेष -

राशिस्वामी मंगल आपकी राशि से गोचर कर रहे हैं l पंचमेश सूर्य नवें भाव से बुध के साथ और शुक्र आठवें  भाव से केतु के साथ गोचर कर रहे हैंl आपकी बातों से आपके प्रियपात्र बहुत अधिक आश्वस्त नहीं हो पाएंगे, जिससे आपको चिढ़ हो सकती हैl लेकिन यदि आप क्रोध करेंगे तो बात तो बिगड़ ही जाएगीl यानि कि आपको सोचसमझ कर शब्दों का चयन करना चाहिएl प्यार के मामलों में थोडा सतर्क रहें क्योंकि सबकुछ बहुत बढ़िया नहीं रहने वाला है l किसी के साथ प्रेम-प्रसंग में रहना और जीवनसाथी का चुनाव करना दोनों अलग-अलग हैं । अन्यथा ऐसे रिश्ते को ख़तम कर आगे बढ़ें, जिसे आप नहीं चाहते हों l यदि आप नए प्यार की चाहत रखते हैं, या किसी से प्रेम करते हैं और अपने मन की बात कह नहीं पाए हैं तो अपने दिल की बात बिना समय गँवाए कह सकते हैं| आपको उत्तर सकारात्मक ही मिलेगा| लेकिन प्रस्ताव देने के लिए विचारों का थोड़ा मिलना भी जरुरी है, क्योंकि आपको ऐसे रिश्‍ते में पड़ने की जरूरत नहीं है जिससे आपको कोई फायदा नहीं होने वाला।

 

वृषभ -

आपके राशि स्वामी शुक्र सातवें भाव से केतु के साथ गमन कर रहे हैंl  राहू आपकी राशि से गोचर कर रहे हैंl आपका पंचमेश बुध आठवें भाव में सूर्य से अस्त हैंl अपनी भावनाओं को प्रगट करते समय स्पष्ट रहें, पिछले अनुभव के कारण संकोच ना करेंl अन्तरंग सम्बन्ध बन सकते हैंl जो भी मिलता है, उसे दिल से स्वीकारें l चुनौतियाँ रहेंगी लेकिन आगे चलकर चीजें सहज हो जाएँगी l यदि आप दोनों कार्यरत हैं तो देखिये कहीं आपकी मुश्किलों का कारण एक दुसरे को समय नहीं दे पाना तो नहीं है l दाम्पत्य जीवन में भी मुश्किलें रहेंगी, उथल-पुथल को रोकने के लिए पहल करेंl मानसिक तनाव से बचें और वाद-विवाद को ख़त्म करें l सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास निरंतर जारी रखेंl वैवाहिक जीवन का आनंद लेने के लिए अपने पार्टनर के प्रति थोड़ी सहानुभुति की भावना रखें। यदि आप अपने परिवार से दूर रहते हैं तो संवाद-संचार के माध्यमों का समझदारी से उपयोग कर परेशानी मुक्त रहने का प्रयास करें l जो लोग प्यार की तलाश में हैं उन्हें अपने सहकर्मियों में भी अपना प्रियपात्र मिल सकता हैl

 

मिथुन -

आपका राशि स्वामी बुध अस्त होकर सातवें भाव से सूर्य के साथ गोचर कर रहा है और पंचमेश शुक्र आपके छठे  भाव में केतु के साथ हैंl यदि आप जीवन मूल्यों को महत्त्व देते हों और प्रभावशाली ढंग से इसे अमल में भी लाते हों तो आपके प्रेमप्रसंग में गहराई आ सकती है l आप खुद भी जिम्मेदार बनें और अपने प्रियपात्र को भी महसूस कराएँ कि उनका प्यार आपके लिए महत्वपूर्ण है और वो आपके लिए सबकुछ हैंl लेकिन सप्ताहांत में आपके प्रेम जीवन में चली आ रहीं समस्याएं कम हो जाएँगी और आप अपने प्रियतम के साथ प्रेमप्रसंग का आनंद लेंगे। इस दौरान आप दोनों एक-दूसरे के प्रति काफी आकर्षण महसूस करेंगे। यदि आप एक सम्बन्ध रहते कोई नया सम्बन्ध बनाने की कोशिश करेंगे तो वो भी छुपा नहीं रह पायेगा, उलटे आपकी किरकिरी अलग होगी l जो लोग अकेले हैं, उनके जीवन में हलचल आ सकती है, लेकिन पहली मुलाकात को औपचारिक रूप से ही लें, खुलकर सारी बात तुरंत शुरू करने से इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगाl पहली मुलाक़ात में मर्यादित आचरण करना चाहिएl वैवाहिक जीवन में भी सामंजस्य की जरुरत होगीl

 

कर्क -

आपका राशिस्वामी चंद्रमा इस सप्ताह आपके ग्यारहवें भाव से गोचर करते हुए सप्ताहांत तक आपके दुसरे भाव में आ जायेंगे l पंचमेश मंगल आपके दशम स्थान से गोचर कर रहे हैंl शुरुआत में आपके रिश्ते में आपको प्यार की अधिक जरुरत महसूस होगी और आप अपने प्रियपात्र के प्रति अधिक समर्पित रहेंगे l अच्छी बात है, आप अपने प्यार को मजबूत करने का प्रयास अवश्य करें, हो सकता है कि आपको अपना सही जीवनसाथी मिल जाए। अगर कुछ शिकवा-शिकायत भी है तो उसे दूर कर फिर एक नयी शुरुआत कर सकते हैंl सप्ताह मध्य में जरुर कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ेगाl इससे बचने के लिए मानसिक स्थिरता रखनी होगी l वैवाहिक जीवन सुखद और सामंजस्य पूर्ण रहेगाl व्यवहारिक आचरण रखें, जीवनसाथी की सलाह को महत्त्व दें और बहुत अधिक आदर्श स्थिति की कल्पना ना करेंl अपने परिवार के साथ कीमती समय बिताएं और अपने रिश्‍ते में प्‍यार और जोश को बनाये रखने की कोशिश करें। आप अपने वैवाहिक जीवन से पूरी तरह संतुष्‍ट होंगें। माता के हस्तक्षेप को सूझ-बूझ से हल करेंl बच्चों से थोड़ी निराशा मिल सकती हैl



सिंह -

आपका राशिस्वामी सूर्य पांचवें भाव में अस्त बुध के साथ उपस्थित हैl पंचमेश गुरु छठे भाव नीच का होकर शनि की युति में हैंl शुक्र केतु के साथ चतुर्थ भाव में हैंl इस सप्ताह आपके लव लाइफ में आपको अपने प्रियपात्र की आवश्यकताओं पर ध्यान देना होगा और यह बात समझनी होगी कि किसी की तारीफ करना कोई गलत बात नहीं। इसलिए जब भी अवसर मिले, अपने प्रियतम की प्रशंसा करें और यदि वे कोई उपलब्धि हासिल करते हैं तो उसके लिए उनकी सराहना अवश्य करें। परस्पर इगो का कोई स्थान नहीं होना चाहिएl बातचीत में कोई ऐसी वाणी ना बोलेन, जिससे सब किया कराया बर्बाद हो जायl समय की गति को पहचानें और जीवन में निरंतर आगे बढ़ने की उनकी इच्छा का सम्मान करें,  किसी भी प्रकार का नियंत्रण करने का प्रयास न करें। वैवाहिक जीवन सामान्यतः अच्छा रहेगा l किसी धार्मिक आयोजन या पूजा-पाठ में सामूहिक भागीदारी होगी जो आपलोगों को संतुष्टि देगी l यदि आपको अभी नया प्रेम हुआ है तो आपको अपनी भावनाओं पर अंकुश रखना चाहिए, दूर की सोचें, उतावलेपन की जगह मर्यादित होकर व्यवहार करें l

 

कन्या -

राशिस्वामी बुध चतुर्थ भाव में सूर्य के साथ अस्त हैंl पंचमेश शनि पंचम भाव में ही नीच के गुरु महाराज के साथ मौजूद हैंl इस सप्ताह यदि आपका कोई पुराना प्रेम सम्बन्ध फिर से विचारार्थ आया है तो उसपर सप्ताह मध्य में ही विचार करें l पुनर्मिलन के लिए भावनात्मक रूप से अभी आप तैयार नहीं हैं और आपके मन में कुछ और चल रहा है l वैसे शुक्रवार को किसी नए व्यक्ति से शानदार मुलाकात भी हो सकती है और इनको आपका प्रियपात्र बनने में देर नहीं लगेगी l आप भी एक नयी शुरुआत की पहल करना चाहेंगेl आपको लग सकता है कि जिस प्यार की तलाश में अब तक आप थे, वो आपको मिल गया हैl बहुत संभव है प्रेम के प्रति आपके दृष्टिकोण में भी बदलाव आ सकता है l आप अपने विचारों को स्पष्टता के साथ रखने में समर्थ होंगे l  जो अकेले हैं वे लोग पहली नजर में प्‍यार होने का ख्‍याल आप अपने दिल से निकाल दें तो ही अच्‍छा होगा क्‍योंकि इस सप्ताह ऐसा कुछ नहीं होने वाला है। विवाहित जीवन अच्छा और उत्साहजनक रहेगा

 

तुला -

आपका राशिस्वामी शुक्र आपके द्वितीय भाव से केतु के साथ गोचर कर रहे हैंl पंचमेश शनि चतुर्थ भाव से नीच के गुरु के साथ गोचर कर रहे हैं और आपकी राशि को दशम दृष्टि से देख रहे हैंl अपने व्यक्तिगत जीवन में उतार-चढाव चलता रहेगाl आपको अपने लव लाइफ में कुछ ऐसी स्थितियां बनेंगी कि आपके सम्बन्ध अपने प्रियतम के साथ  मधुर हो सकते हैं। कुछ जातकों के लिए स्थितियां अचानक से बदलेंगी। कुछ लोगों को अपनी प्रेम सम्बन्ध में में कुछ कड़े और व्यवहारिक निर्णय भी लेने पड़ सकते हैं। किसी भी सम्बन्ध में आगे बढ़ने से पहले एक बार सोच-विचार अवश्य कर लें और यदि आपके जीवन में कोई नया प्रियपात्र आ जाए या यदि आप पहले से ही किसी से प्रगाढ़ सम्बन्ध में हैं तो अपने प्रियतम की ओर पूर्ण समर्पित रहें और जीवन में उन्हें उचित महत्व दें। दाम्पत्य जीवन में क्रोध और हिंसक झगड़े से बचेंl एक दुसरे के अति व्यक्तिगत चीजों से छेड़छाड़ ना करेंl लेकिन संतान की ओर से शुभ समाचार प्राप्त होगा लेकिन यदि वे बड़े हैं तो उनके जिद के कारण आप कुछ परेशान हो सकते हैं।

 

वृश्चिक -

शुक्र और केतु आपकी राशि से गोचर कर रहे हैंl आपके राशि स्वामी मंगल छठे स्थान से गोचर कर रहे हैंl पंचमेश गुरु आपके तीसरे भाव से शनि के साथ गोचर कर रहे हैंl जिन लोगों का सम्बन्ध एक गंभीर और लम्बे समय से हैं वे अगले कदम यानि शादी करने का फैसला कर सकते हैं l आपके घर-परिवार से आपत्ति की सम्भावना बहुत कम है l जो लोग मौज-मस्ती के लिए आशिकी या पहली नजर में प्यार का चक्कर चलाना चाहते हैं, तो ये समय बिलकुल भी सही नहीं है l बदनामी हो सकती है और बात पारिवारिक सम्मान को ठेस पहुँचने तक की हो सकती है l कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके प्यार को उनका साथी परख सकता है, बेशक उनको सफलता मिल जाएगी l विवाहित लोग अपने दाम्पत्य जीवन का भरपूर आनंद ले पाएंगें। लेकिन राहू  की उपस्थिति के कारण आपके वैवाहिक संबंध में कुछ खटास आ सकती है। काम की व्यस्तता के कारण आप अपनी जिम्‍मेदारियों से नहीं बच सकते इसलिए परिस्थिति को संभालें और सहज बनाने की कोशिश करें। वैवाहिक जीवन में मधुरता से आपकी मानसिक शांति जुड़ी है।

 

धनु -

राशिस्वामी गुरु महाराज नीच का होकर शनि महाराज के साथ आपके द्वितीय भाव में  विराजमान हैंl शुक्र केतु के साथ बारहवें भाव से गोचर कर रहे हैं। सूर्य और अस्त बुध आपकी राशी में मौजूद हैं l पंचमेश मंगल आपके पांचवें भाव से गोचर कर रहे हैंl यदि आप पहले से किसी सम्बन्ध में हैं तो इस सप्ताह आपका रिश्ता और भी मजबूत होगा और उसमें स्थिरता का भाव आएगाl  समय संतोष और सुख प्राप्त करने का है l आपकी विराट सोच और संवेदनशील अध्यात्मिक रूचि के कारण आपका प्रियतम आपसे सम्बन्ध में रहकर गौरवान्वित महसूस करेगाl लेकिन आपको अपने इगो पर अंकुश लगाना जरुरी होगा, वरना आपके दोस्त की राय बदल भी सकती है l सीधी बात है जब आप किसी के साथ सम्बन्ध में हैं तो अकेले नहीं हैं, इसलिए सोच भी सामूहिक रखनी होगी l अगर विवाह की सोच रहे हैं तो विवाह हो सकता है या पक्का हो सकता है l वैसे भी विवाहयोग्य लोगों के जीवन में अच्छे रिश्ते आ सकते हैं और शादी तय हो सकती है l यदि आप अभी तक अकेले हैं तो अपनी मौलिकता और विशिष्टता के बल पर आपकी और कोई आकर्षित हो सकता/सकती है l

 

मकर -

पंचमेश शुक्र आपके ग्यारहवें भाव से केतु के साथ गोचर में हैंl राहू आपके पांचवें भाव में विराजमान हैं। आपके राशि स्वामी शनि महाराज आपकी राशि से ही नीच के गुरु के साथ गोचर कर रहे हैंl इस सप्ताह आपको अपने प्रेम संबंधों में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता हैl लेकिन यदि आप सच्चे मन से मतभेद दूर करने और गलतफहमियों के चक्कर में ना पड़ें तो प्रेमप्रसंग में अपार आनंद की अनुभूति हो सकती है l संबंधों में अंतरंगता भी रहेगीl फिर भी सकारात्मक बहस तो होगी ही l दाम्पत्य जीवन आमतौर पर सामान्य रहेगा, लेकिन इस सप्ताह थोडा उतार-चढ़ाव भी देखने को मिल सकता है l जीवन का आनंद लेने के लिए अपने जीवनसाथी के प्रति थोड़ी सहानुभुति की भावना रखें। कुछ बड़े फैसले भी आप ले सकते हैं-जैसे विवाह का फैसला l परिवार के अन्य सदस्यों का भी भरपूर समर्थन और सहयोग आपको मिल सकता हैl जो अकेले हैं, उनकी दोस्ती किसी अच्छे प्रियपात्र से हो सकती है लेकिन यदि आप चालाक और ज्ञानी बनने की कोशिश करेंगे तो ये मौका हाथ से चला जायेगाl

 

कुम्भ -

आपके राशिस्वामी शनि आपके बारहवें भाव से नीच के गुरु के साथ गुजर रहे हैंl शुक्र दशम भाव से केतु के साथ  गोचर कर रहे हैंl पंचमेश बुध सूर्य के साथ आपके कर्मभाव में चल रहे हैं l जो लोग प्यार के गहरे संबंधों में हैं, उन्हें थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है l हालाँकि उतनी अधिक नकारात्मकता तो नहीं रहेगी, लेकिन स्थितियां तूफानी हो सकती हैं l दोनों के उम्र में अंतर भी वैचारिक एकता को भंग कर सकती है l संभलकर रहें, अपने प्रियपात्र को समय और समर्थन अवश्य दें, अन्यथा दूसरों की बातों में आकर आपकी लव लाइफ के तार ढीले हो सकते हैं l जो अकेले हैं,उनके जीवन में रोमांस का अवसर इस सप्ताह मिल सकता है, बहुत संभव है एक से अधिक संबंधों को भी आप आसानी से समय दे पाएंगेl लेकिन किसी भी प्रेम सम्बन्ध में आप अपनी जरुरत, उद्देश्य और चाहत को तय करें, अन्यथा आपके हाथ कुछ नहीं आएगा l साथ ही, शुरुआती डेटिंग में अपने संभावित प्रियपात्र को बोलने का अधिक अवसर दें और आप श्रोता बन जाएँ l

 

मीन -

आपके राशिस्वामी गुरु महाराज नीच का होकर एकादश भाव से शनि के साथ गोचर कर रहे हैंl शुक्र भाग्य  भाव से केतु के साथ गोचर कर रहे हैं l पंचमेश चन्द्रमा सप्ताह के आरंभ में आपके तीसरे भाव में हैं लेकिन सप्ताहांत तक ये आपके छठे भाव में आ जायेंगेl ये सप्ताह प्रेम संबंधों के लिए उतना अनुकूल तो नहीं है, लेकिन इसे प्रतिकूल भी नहीं कहा जा सकता है l यदि आप किसी से प्रेमसंबंध निभा रहे हैं, तो उसपर समय और ध्यान देने की जरुरत है l एक सावधानी बरतनी चाहिए कि निकट के मित्रों से अपने प्यार की हर छोटी-बड़ी बातों को शेयर ना करें l बाद में रिश्तों में टकराव भी होगा और गलतफहमियां भी पैदा होंगीl नियम सरल है कि किसी तीसरे के आने से शिकवा-शिकायत का दौर शुरू हो जाता है l जीवन साथी से सम्बन्ध मधुर बने रहेंगेl सामूहिक फैसला लेते रहिये, जीवनसाथी को महत्त्व देते रहिये, सम्बन्ध मधुर बने रहेंगे l परिवार के अन्य सदस्‍यों के साथ तालमेल बिठाने में आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। आपके अत्‍यधिक प्रयासों के बावजूद भी इस सप्ताह तो  संबंधों में सकारात्‍मकता आना मुश्किल है।

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यस्मिन् जीवति जीवन्ति बहव: स तु जीवति | काकोऽपि किं न कुरूते चञ्च्वा स्वोदरपूरणम् || If the 'living' of a person results in 'living' of many other persons, only then consider that person to have really 'lived'. Look even the crow fill it's own stomach by it's beak!! (There is nothing great in working for our own survival) I am not finding any proper adjective to describe how good this suBAshit is! The suBAshitkAr has hit at very basic question. What are all the humans doing ultimately? Working to feed themselves (and their family). So even a bird like crow does this! Infact there need not be any more explanation to tell what this suBAshit implies! Just the suBAshit is sufficient!! *जिसके जीने से कई लोग जीते हैं, वह जीया कहलाता है, अन्यथा क्या कौआ भी चोंच से अपना पेट नहीं भरता* ? *अर्थात- व्यक्ति का जीवन तभी सार्थक है जब उसके जीवन से अन्य लोगों को भी अपने जीवन का आधार मिल सके। अन्यथा तो कौवा भी भी अपना उदर पोषण करके जीवन पूर्ण कर ही लेता है।* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।

न भारतीयो नववत्सरोSयं तथापि सर्वस्य शिवप्रद: स्यात् । यतो धरित्री निखिलैव माता तत: कुटुम्बायितमेव विश्वम् ।। *यद्यपि यह नव वर्ष भारतीय नहीं है। तथापि सबके लिए कल्याणप्रद हो ; क्योंकि सम्पूर्ण धरा माता ही है।*- ”माता भूमि: पुत्रोSहं पृथिव्या:” *अत एव पृथ्वी के पुत्र होने के कारण समग्र विश्व ही कुटुम्बस्वरूप है।* पाश्चातनववर्षस्यहार्दिकाःशुभाशयाः समेषां कृते ।। ------------------------------------- स्वत्यस्तु ते कुशल्मस्तु चिरयुरस्तु॥ विद्या विवेक कृति कौशल सिद्धिरस्तु ॥ ऐश्वर्यमस्तु बलमस्तु राष्ट्रभक्ति सदास्तु॥ वन्शः सदैव भवता हि सुदिप्तोस्तु ॥ *आप सभी सदैव आनंद और, कुशल से रहे तथा दीर्घ आयु प्राप्त करें*... *विद्या, विवेक तथा कार्यकुशलता में सिद्धि प्राप्त करें,* ऐश्वर्य व बल को प्राप्त करें तथा राष्ट्र भक्ति भी सदा बनी रहे, आपका वंश सदैव तेजस्वी बना रहे.. *अंग्रेजी नव् वर्ष आगमन की पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं* ज्योतिषाचार्य बृजेश कुमार शास्त्री

आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताआलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।राम।

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