पिता पितामह प्रापितामह हमारे जीवन के लिए आराध्य तथा देव तुल्य होते हैं पित्र पक्ष में इन्हें तर्पण करके हर वह चीज पाई जा सकती है जिसके मन में इच्छा आप इन स्थितियों का अनुकरण करके अपने पिता आदि को तृप्त कर सकते हैं और पित्र पक्ष में पुण्य के भागीदार बन बन सकते हैं