इंदिरा एकादशी धार्मिक मान्यताए एवं शुभ मुहूर्त-

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Ravinder Pareek 12th Sep 2020


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🌷 *इंदिरा एकादशी व्रत*🌷
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आश्विन मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहते हैं। इंदिरा एकादशी को पितरों को मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी माना जाता है। इस व्रत को एकादशी को रखा जाता है और अगले दिन यानी द्वादशी तिथि को खोला जाता है। इंदिरा एकादशी का व्रत शुभ मुहूर्त में खोलते हैं। माना जाता है कि अगर पितरों को किसी कारणवश कष्ट उठाने पड़ रहे हैं तो इस व्रत के प्रभाव से उनके कष्ट दूर या कम हो जाते हैं। जानिए इंदिरा एकादशी व्रत में किन बातों का रखना चाहिए ध्यान-
1-. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन चावल का सेवन करना वर्जित होता है। ऐसा कहा जाता है कि एकादशी के दिन चावल सेवन करने वाले मनुष्य का जन्म रेंगने वाले जीव की योनि में होता है। इसके अलावा इस दिन व्रत न रखने वालों को भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
2-. एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से विशेष कृपा की प्राप्ति होती है।
3. एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। माना जाता है कि इस दिन गुस्सा या झगड़े से दूर रहना चाहिए।
4. माना जाता है कि एकादशी के दिन महिलाओं का अपमान करने से व्रत के फल की प्राप्ति नहीं होती है। इसलिए इस दिन महिलाओं का अपमान नहीं करना चाहिए। कहते हैं कि महिलाओं का अपमान करने वालों के कष्टों का सामना करना पड़ता है।
5-एकादशी के दिन मंदिरा-पान का सेवन नहीं करना चाहिए। कहते हैं कि एकादशी के दिन ऐसा करने से जीवन में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
इंदिरा एकादशी शुभ मुहूर्त-
एकादशी प्रारंभ: 13 सितंबर की सुबह 04 बजकर 14 मिनट पर।
एकादशी समाप्त: 14 सितंबर की सुबह 03 बजकर 16 मिनट तक। 
पारण का समय: 14 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 59 मिनट से  शाम 03 बजकर 27 मिनट तक
रहेगा। दिनांक-13-09-2020 रविवार को स्मार्त तथा वैष्णव की तथा  दिनांक-14-09-2020 सोमवार को निम्बार्क सम्प्रदाय की रहेगी।


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Comments

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Chander Mukhi

Nice


Suman Sharma

Walo great


बहुत खूब जबरदस्त लेख


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आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताआलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।राम।