कैसे देखें जन्म कुंडली में ग्रहों के भावगत बल या स्थान बल
Shareजय श्री कृष्ण।जन्म कुंडली के फलादेश मे ग्रहों का स्थान बल सबसे महत्त्वपूर्ण बिन्दु है। ग्रह यदि वक्री अवस्था में होकर किसी भाव में बैठे हैं तो उस भाव को बल प्राप्त होता है, वह भाव बली होता हैं। इसी तरह सर्वाष्टक वर्ग में जिस भाव में 25 से कम रेखाएं हो वह भाव कमजोर होता है। सर्वाष्टक वर्ग में लग्न यानि प्रथम भाव मे जितनी रेखाएं है उससे अधिक रेखाएं यदि सप्तम भाव में है तो दाम्पत्य जीवन में मतभेद, तनाव की स्थिति रहती हैं।
.मनीष दुबे, ज्योतिष पारंगत, ज्योतिष गौरव सम्मान प्राप्त, श्रेष्ठ कुंडली निर्माण व फलित ज्योतिष में मानद उपाधि प्राप्त,