पराशर और मैत्रेय अर्थात गुरू शिष्य वार्तालाप प्रसंग से ही हमलोग ज्योतिष सीखेंगे ।
यहां उपरोक्त श्लोक में मैत्रेय अपने गुरु पराशर से प्रश्न करते हैं कि भगवन ! वेदांगों में श्रेष्ठ ज्योतिषशास्त्र के होरा, गणित और संहिता इस प्रकार तीन स्कन्ध हैं । उनमें भी होराशास्त्र ही श्रेष्ठ है, वह मैं आपसे सुनना चाहता हूँ ।
यहां हम समझ गए कि ज्योतिष के तीन स्कन्ध हैं ।
1. होरा
2. गणित और
3. संहिता
इसमें सर्वश्रेष्ठ होरा को बताया गया है ।
होरा - मानव के उपर ज्योतिष के प्रभाव के विषय में बताया जाता है ।
गणित - ज्योतिष का वो ज्ञान जिससे आप ब्रह्माण्ड के विषय में यथार्थ जानकारी प्राप्त कर सकते हैं । ये विशेषज्ञ दैवज्ञ के लिए महत्वपुर्ण है ।
संहिता - ज्योतिष का वह ज्ञान जिससे पृथ्वी पर अर्थात चराचर जगत पर होने वाले प्रभाव के विषय में जानकारी प्राप्त होती है ।
ज्योतिष को समझने के लिए जो मुल शास्त्र हमलोगों के पास उपलब्ध है उसे होरा पराशर शास्त्र कहते हैं । सभी जिज्ञासु बन्धुओं से कहेंगे कि होरा पराशर का अध्ययन भी करें ।
आप यदि प्रारंभ में पुस्तक का सहारा नहीं भी लेते हैं फिर भी आप हमारे पोस्ट के माध्यम से अच्छी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं । आगे अपने स्वाध्याय के लिए होरा पराशर शास्त्र अवश्य पढ़ें ।