प्रेरणादायक कहानी

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Astro Pawan Kumar Pandey Ji 24th Sep 2020

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     🙏 *आज की अच्छी बात*🙏                      🕉🌷🕉

🥀एक बार एक राजा की सेवा से प्रसन्न होकर एक साधू महाराज नें उसे एक ताबीज दिया और कहा की---

🥀 राजन इसे अपने गले मे डाल लो और जिंदगी में कभी ऐसी परिस्थिति आये की जब तुम्हे लगे की बस अब तो सब ख़तम होने वाला है ,परेशानी के भंवर मे अपने को फंसा पाओ ,कोई प्रकाश की किरण नजर ना आ रही हो ,हर तरफ निराशा और हताशा हो तब तुम इस ताबीज को खोल कर इसमें रखे कागज़ को पढ़ना ,उससे पहले नहीं!

🥀राजा ने वह ताबीज अपने गले मे पहन लिया !

🥀एक बार राजा अपने सैनिकों के साथ शिकार करने घने जंगल मे गया! 

🥀एक शेर का पीछा करते करते राजा अपने सैनिकों से अलग हो गया और दुश्मन राजा की सीमा मे प्रवेश कर गया,घना जंगल और सांझ का समय , तभी कुछ दुश्मन सैनिकों के घोड़ों की टापों की आवाज राजा को आई और उसने भी अपने घोड़े को एड लगाई, राजा आगे आगे दुश्मन सैनिक पीछे पीछे! 

🥀बहुत दूर तक भागने पर भी राजा उन सैनिकों से पीछा नहीं छुडा पाया ! 

🥀भूख प्यास से बेहाल राजा को तभी घने पेड़ों के बीच मे एक गुफा सी दिखी ,उसने तुरंत स्वयं और घोड़े को उस गुफा की आड़ मे छुपा लिया ! और सांस रोक कर बैठ गया , दुश्मन के घोड़ों के पैरों की आवाज धीरे धीरे पास आने लगी ! 

🥀दुश्मनों से घिरे हुए अकेले राजा को अपना अंत नजर आने लगा ,उसे लगा की बस कुछ ही क्षणों में दुश्मन उसे पकड़ कर मौत के घाट उतार देंगे ! वो जिंदगी से निराश हो ही गया था!
 
🥀 तभी उसका हाथ अपने ताबीज पर गया और उसे साधू की बात याद आ गई !

🥀उसने तुरंत ताबीज को खोल कर कागज को बाहर निकाला और पढ़ा! उस पर्ची पर लिखा था ----
              *यह भी कट जाएगा*!!

🥀राजा को अचानक ही जैसे घोर अन्धकार मे एक ज्योति की किरण दिखी , डूबते को जैसे कोई सहारा मिला! उसे अचानक अपनी आत्मा मे एक अकथनीय शान्ति का अनुभव हुआ ! उसे लगा की सचमुच यह भयावह समय भी कट ही जाएगा, फिर मे क्यों चिंतित होऊं!

🥀 अपने प्रभु और अपने पर विश्वासरख उसने स्वयं से कहा की हाँ --- *यह भी कट जाएगा!* और हुआ भी यही, दुश्मन के घोड़ों के पैरों की आवाज पास आते आते दूर जाने लगी, कुछ समय बाद वहां शांति छा गई! 

🥀राजा रात मे गुफा से निकला और खुशी-खुशी अपने राज्य मे वापस आ गया !

🥀 आदरणीय ,यह सिर्फ किसी राजा की  *कहानी* नहीं है यह हम सब की कहानी है!हम सभी-- *परिस्थिति,काम ,तनाव के दवाव* में इतने जकड जाते हैं की हमे कुछ सूझता नहीं है!हमारा डर हम पर हावी होने लगता है, कोई रास्ता, समाधान दूर दूर तक नजर नहीं आता, लगने लगता है की बस, अब सब ख़तम, है ना?

🥀याद रखें ! जब कभी ऐसी परिस्थिति बन जाएं -- तो दो  मिनट शांति से बेठिये ,थोड़ी गहरी गहरी साँसे लीजिये, *अपने आराध्य को याद कीजिये* और स्वयं से जोर से कहिये -- - -
      🌷 *यह भी कट जाएगा --!*🌷
                         वेदवाक---------

*सर्वधर्मान्परित्यज्य-*
                  *मामेकं शरणं व्रज!*
*अहं त्वा सर्वपापेभ्यो-*          

                    *मोक्षयिष्यामि मा शुचः!!*
   
                      🙏 *हरिओम्*🙏 ।             एस्ट्रो पवन कुमार पाण्डेय


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आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताआलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।राम।

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