कुछ भयावह योग
Shareकुछ भयावह योग
1) कुंडली के द्वितीय भाव मे नीच के #सूर्य हो तो कुंडली मे चाहे जितने भी #शुभ योग अथवा #राजयोग क्यूँ न हो, वे सभी #निष्फल हो जायेंगे
2) कुंडली के द्वितीय भाव मे #राहु किसी भी राशि का क्यूँ न हो, ऐसा राहु कभी भी धन का आगमन जातक के जीवन मे नही होने देगा, और यदि धनागमन हो भी गया तो वो धन अपने जाने का रास्ता स्वतः ही बना लेगा
3) कुंडली के द्वितीय भाव मे शनि (किसी भी राशि का) हो और अष्टम मे सूर्य हो, तो ऐसा जातक #महान दरिद्रता का उपभोग करता है और इसके विपरीत सूर्य द्वितीय भाव मे किसी भी राशि के हो और कही से भी शनि ऐसे सूर्य को देख ले तो भी जातक महान दरिद्रता का उपभोग करता है
4) कुंडली के द्वितीय भाव मे बुध हो और अष्टम मे चंद्रमा हो तो ऐसा जातक धनहीन होता है