काल सर्प और कालसर्प की पूजा
Share*क्यों नही होती कालसर्प की पूजा सफल* """"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""'"' कालसर्प या कोई भी पूजा, हवन,शान्ति जो भी हम कराते या करवाते हैं, हमे जिस ग्रह या जिस देव के लिये कराते या करवाते हैं, उसके नियम उसके कारक तत्व आजीवन और कम से कम एक वर्ष तक उसके नियम का पालन करना नितांत आवश्यक होता हैं । जैसे आपकी कुंडली मै चन्द्रमा खराब हैं, और आप उस नीच राशि के चन्द्रमा के कारण डिप्रेशन, सर्दी खाँसी, निमोनिया, आदि बीमारी से परेशान हो तो पूजा कराने के बाद कम से कम एक वर्ष तक प्रति सोमवार शिव मन्दिर जाए,प्रति पूर्णिमा को चन्द्र देव को कच्चे दूध का अर्घ्य दे ,साथ ही अपनी माँ के प्रति जिन्दगी मे कभी भी दुर्व्यवहार या अपमान नही करे, उनका हर दिन आशीर्वाद लेकर ही निकले आपकी पूजा सफल हो जायगी । 👉🏻अब आते हैं कालसर्प के बारे मे, कालसर्प याने सांप सीढी का एक प्रकार, जैसे आपको सांप सीढ़ी के गेम मे सीढ़ी मिलती और आप 1 नम्बर से 90 पर पहुंच जाते और मात्र 9 अंक पार कर आप 100 पर पहुंचने वाले होते हो, की सांप डस लेता और आप वापस 1 पर आ जाते हो। 👉🏻 अक्सर कालसर्प योग वालो के साथ ऐसा ही होता हैं, एकदम उंचाई तक पहुचने के बाद नीचे धरातल पर आ जाते हैं । फिर पूजा भी करवाते हैं, कुछ समय तक आराम फिर वही स्थिति । 👉🏻कुंडली मे कई योग होते हैं अंगारक योग, चांडाल योग, श्रापित दोष,वैद्यव्य योग, इसी प्रकार काल सर्प योग के भी 12 अलग अलग प्रकार होते हैं, कोई जरूरी नही की काल सर्प धन समस्या ही देवे, कालसर्प कभी कभी स्वास्थ्य समस्या, सन्तान समस्या, यश सम्मान को ठेस पहुचाना, बिना वजह किसी केस मे उलझना आदि भी करवा देता हैं । लेकिन हम यदि इसकी विधि विधान से पूजा करे, और इसके कुछ आसान उपायो और नियम का पालन जिंदगी मै करते रहे तो हम इस दोष से जीवन के सुख भोगते रहेगे । 👉🏻जैसे कोई शुगर या रक्तचाप का मरीज हो और एक दिन मै 100 गोली खाले और सोचे की समस्या का अंत हो गया तो क्या समस्या खत्म हो जायगी? जी नही हमे रोज समय समय पर गोली लेनी पढ़ेगी ,और जो परहेज हैं उसे भी करना पढ़ेगी । 👉🏻 इसी प्रकार जिस भी ग्रह की हम पूजा, शान्ति, करवाते हैं, उसके नियम को मानते रहने से वो ग्रह अपना आशीर्वाद देता हैं, और कभी भी अपना नकारात्मक प्रभाव हमारे ऊपर नही डालता । 👉🏻अब कालसर्प के बारे मे थोडा सा समझे । कालसर्प जैसा की इसमें सर्प याने नागदेव का उल्लेख हैं, साथ ही राहु और केतु के बीच जब सारे ग्रह का समावेश होता हैं, तब इस दोष की उत्तपत्ति होती हैं । याने हमे राहु केतु और नाग या सर्प के क्या नियम हैं, क्या पुजा हैं, पूजा के बाद क्या नियम पालन करना हैं, कब किस वस्तु, भोजन,कपड़ो का त्याग करना हैं। यदि नियमो का पालन विधि विधान से किया जाए तो जीवन शांत और बिना किसी चिंता और परेशानी से मुक्त हो सकता हैं । 👉🏻जल्दी ही आपको इसके नियम के साथ और भी कई टिप्स बताई जा रही हैं कि हम अपने ग्रहों की शान्ति के साथ क्या उपाय करे, जिससे हमे शुभ फल जल्दी और ज्यादा मिल सके । 👉🏻आज एक ख़ास टिप्स जिनकी कुंडली मे गुरु ग्रह उच्च राशि मे हो,वो अगर उघाड़े बदन ज्यादा रहता हो,तो गुरु ग्रह अपना असर उल्टा देता हैं।जिन महिलाओ का गुरु ग्रह उच्च का हो और छोटे कपड़े पहनती हो,उनका गुरु ग्रह नकारात्मक होकर उनको मोटापा देने के साथ बुद्धि खराब कर देता हैं । गुरु उच्च वाली स्त्रियां,कन्या या बच्चियां कभी भी खुले बाल नही रखें
very nice article by sir ji