नवरात्र[ (नवरात्रि), हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्र अर्थ है 'नौ राते नवरात्र में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा (शक्ति)के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है, । हिन्दू वर्ष में चार बार नवरात्र आते हैं क्रमशः माघ, चैत्र, आषाढ़ और अश्विन जो शुक्लपक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है।। इनमें से माघ और आषाढ़ में आने वाले नवरात्र को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है जो अधिकतर तांत्रिक साधना के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है । चैत्र मास में वासंतिक अथवा वासंतीय और दूसरा अश्विन मास में शारदीय नवरात्र, माघ और आषाढ़ मास की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि होती हैं। शारदीय नवरात्र का समापन दशहरा को दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के रूप में होता है । चैत्र मास की शुक्लपक्ष की प्रतिपदा को हिंदू नव वर्ष यानी नव संवत्सर की शुरुवात होती है।जो साल 2024 में मंगलवार 9 अप्रैल को पड़ रही है।इसी दिन सेविक्रम संवत 2081 की शुरुवात होगी इस बार चैत्र नवरात्रि नौ दिनों की होगी. हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, नवरात्रि में तिथियों का क्षय अशुभ माना जाता है। चैत्र नवरात्रि 17 अप्रैल को समाप्त होगी। इस 9 अप्रैल को , घटस्थापना का मुहूर्त सुबह 06:02 बजे से सुबह 10:16 बजे तक है (अवधि - 4 घंटे 14 मिनट) इसके बाद कलश स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त है जो सुबह 11:57 बजे से 12:48 मिनट (51 मिनट) तक.है किस दिन देवी की पूजा किस रूप में होगी वो नीचे बताया गया है ` तिथि नौराता देवी स्वरूप भोग फल 09 अप्रैल 2024 पहला घटस्थापना, मां शैलपुत्री देसी घी से बनी सफ़ेद मिठाई रोगमुक्ति , उत्तम स्वास्थ्य 10 अप्रैल 2024 दूसरा मां ब्रह्मचारिणी शक़्कर, चीनी मिश्री पंचामृत फल दीर्घ आयु 11 अप्रैल 2024 तीसरा मां चंद्रघंटा दूध, दूध से बानी मिठाई मिठाई , खीर दुखो से मुक्ति 12 अप्रैल 2024 चौथा मां कुष्मांडा मालपुए , दही तेज बुद्धि ,आत्मविश्वाश 13 अप्रैल 2024 पांचवा मां स्कंदमाता केला, पेड़ा, सौंफ स्वस्थ शरीर 14 अप्रैल 2024 छठा मां कात्यायनी शहद, लड्डू, दही आकर्षक व्यक्तित्व और सुंदरता 15 अप्रैल 2024 सातवा मां कालरात्रि गुड़, पेड़ा, दही अशुभता से बचाव 16 अप्रैल 2024 आठवां मां महागौरी नारियल, पेड़ा पूरी खीर हलवा चना संतान सम्बन्धी समस्या से बचाव 17 अप्रैल 2024 नौवा मां सिद्धिदात्री की पूजा तिल, सफेद लड्डू पूरी खीर हलवा चना सुख-समृद्धि के लिए नवरात्र में देवी के शक्तिपीठ और सिद्धपीठों पर भारी मेले लगते हैं । माता के सभी शक्तिपीठों का महत्व अलग-अलग हैं। लेकिन माता का स्वरूप एक ही है नवरात्र के दौरान कुछ भक्त उपवास और प्रार्थना, स्वास्थ्य और समृद्धि के संरक्षण के लिए रखते हैं। नवरात्री के नौवें दिन, जिसे नवमी कहते हैं, इस दिन 9 कन्याओं को घर में आमंत्रित कर उनकी पूजा की जाती है पूरी छोले का भोज करवाया जाता है इसे कंजक जिमाना भी कहा जाता है । कुछ लोग अष्टमी को कंजक पूजन करते हैं बहुत से घरो में छोटी कन्याओ के साथ एक छोटे लड़के जिसे लोकड़ा कहते है को भी जिमाया जाता है अधिकतर जन खास तौर से भक्त नवरात्र मे मांस, शराब, अनाज, गेहूं प्याज आदि नहीं खाते।