एक जन्म नक्षत्र विचार
Shareयदि किसी व्यक्ति का जन्म नक्षत्र और उसके माता,पिता या भाई-बहन का जन्म नक्षत्र एक ही हो तो शुभ नहीं माना गया है. शास्त्रों के अनुसार , ऐसी स्थिती में थोड़ी कमजोर ग्रह स्थिती वाला तो पिछड़ा रह ही जाता है ,लेकिन दोनों ही वास्तव में सम्पूर्ण शुभ फलों का भोग नहीं कर पाते. इसकी शांति आवश्यक है.इसके लिये शुभ दिन में नक्षत्र के अधिपति देवता का पूजन धातु की मूर्ति बनवा कर करें. उस मू्र्ति को लाल कपड़े में लपेट कर, कलश पर वस्त्र रख कर स्थापित करें. नवग्रह की पूजनोपरान्त पञ्चवारूणी होमानन्तर नक्षत्र देवता के मंत्र की 105 आहुतियाँ दें. उसके बाद कलशाम्बू से सबका अभिषेक करें. यह एक नक्षत्र जन्म का विचार हमेशा करना चाहिये. (उपासना सियाग)