वास्तु विचार
आज हम बात करते है नैऋत्य कोण के बारे में।पीने का पानी कभी भी नैऋत्य कोण में नही रखना चाहिए इससे जल स्वादहीन हो जाता है।जल का कारक चन्द्रमा मन जाता है।नैऋत्य कोण का स्वामी राहु होता है।राहु के स्थान में चन्द्रमा होने से चंद्रमा दूषित हो जाता है ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण की स्थिति बताई जाती है चन्द्रमा और राहु की युक्ति को।अगर आपका किचन नैऋत्य कोण में है तो उस रसोई में बनाने वाले पदार्थ या खाने में मधुरता का आभाव होगा।उस रसोई में बने खाने को खाके परिवार में रहने वालो का स्वस्थ्य ठीक नही रहेगा।गृहणी हमेसा गुस्से में रहेंगे। आपसी मतभेद हमेशा रहेगा।गृहणियों की मानसिक स्थिति ठीक नही रहेगी।पश्चिम और नैऋत्य दिशाओं से आने वाली किरणों से भोजन की मधुरता खत्म हो जायेगी। नैऋत्य कोण में अगर सेफ्टी टैंक हो तो अवश्य वहां नकरात्मक ऊर्जा रहेगी जिससे परिवार की सुख शांति धन ऐश्वर्य सब खत्म हो जायेगा।गृहस्वामी जितना धन भी अर्जित करेंगे सब व्यथ होता जायेगा।कुछ भी सुख नही मिलेगा।नैऋत्य कोण में कुछ न हो यहाँ केवल अनावश्यक चीज़े रख सकते है।उचित उपाय करके समस्या से निकाला जा सकताहैं
अगर आपका नैऋत्य कोण दूषित है तो उचित उपाय के लिए संपर्क करे।
दीक्षा राठी