ज्योतिष और शिक्षा :विषय के प्रकार : विषय के प्रकार -मुख्य 1Engineering के मुख्य ग्रह (शनि और मंगल) ग्रहों विषयों 2. इलेक्ट्रोनिक और कॉम इंजी , बुध , गुरु , मंगल और 3हाउस 3. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग बुध , मंगल, गुरु 4. मैक् इंजीनियरिंग बुध , मंगल , शनि 5. केमिकल इंजीनियरिंग शुक्र , चंद्रमा 6. खनन इंजीनियरिंग, शनि , बुध , मंगल 7. ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग शुक्र, मंगल 8. एयर कंडीशन इंजी ,शनि , मंगल 9. स्टील इंजी, शनि , मंगल 10 पेट्रो केमिकल ,चंद्रमा , शनि, मंगल, सूर्य 11. विमानन इंजी,शुक्र, मंगल ,बुध , और (3,7,11h ) मेडिकल मुख्य कारक significator विषय ग्रह 1. हार्ट विशेषज्ञ ,रवि 2. सर्जन ,सूर्य, मंगल 3. ईएनटी विशेषज्ञ ,सूर्य , बुध 4. बच्चों विशेषज्ञ, सूर्य , गुरु , बुध 5. कैंसर विशेषज्ञ ,सूर्य , गुरु 6. स्त्री रोग विशेषज्ञ ,सूर्य , शुक्र 7. नेत्र विशेषज्ञ ,सूर्य , शुक्र 8. प्लास्टिक सर्जन ,सूर्य , शुक्र 9. पाप विशेषज्ञ सूर्य, शनि 10 आयुर्वेद स्पेशल सूर्य, केतु 11. हिस्टीरिया स्पेशल ,सूर्य, राह 12. डेंटिस्ट ,सूर्य, मंगल , शुक्र व 7h 13. फार्मेसिस्ट सूर्य 14. नर्स, सूर्य, चंद्रमा , बुध बायो विषय :ग्रह 1. बायोटेक ,सूर्य , गुरु , बुध 2. माइक्रोबायोलॉजी ,गुरु , बुध , मंगल 3. बॉटनी ,सूर्य , गुरु , बुध 4. जूलॉजी ,शनि, गुरु वाणिज्य विषय गुरु = फाइनेंस ।, बुध = वाणिज्य ग्रहों ,विषय ग्रह 1. वित्तीय सलाहकार, सूर्य , बुध , गुरु , मंगल और 12 वीं h 2. चार्टर्ड लेखा ,सूर्य , बुध , गुरु , मंगल और 3rd h 3. राजस्व सलाहकार ,गुरु , बुध , मंगल, 2 & 11हाउस 4. सांख्यिकी ,शनि, बुध , गुरू 5. बीमा सलाहकार ,शनि, बुध , और 8 th हाउस 6. होटल ,मंगल , शुक्र , चंद्रमा , 4th हाउस 7. बैंकर ,गुरु , बुध 8. एमबीए, सूर्य , गुरु , मंगल, बुध 9. रियल स्टेट एक्सपर्ट, मंगल ग्रह , गुरु , शुक्र , बुध 10 हाइपर स्टोर, मंगल ग्रह ,गुरू , शुक्र , 2 nd हाउस कला वि:षयों :मुख्य significator शुक्र ग्रह ; 1. अधिवक्ता (कानून): बुध , गुरु , मंगल , शनी और 3rd हाउस 2. शिक्षा (बी.एड.): गुरु , बुध , सूर्य और 4 th हाउस 3. मीडिया : गुरु , बुध , शुक्र और 3th हाउस 4. विज्ञापन :गुरु , बुध ,7, 3 हाउस 5. समाज कल्याण :(एनजीओ) चंद्रमा , शुक्र , गुरु और 11 वीं हाउस 6. निजी सचिव: बुध , मंगल, गुरु और 3 rd हाउस 7. फ्रंट एंड मैनेजमेंट: बुध , गुरु और 3rd हाउस 8. फोटोग्राफर: सूर्य , शुक्र , चंद्रमा 9. फिल्म और संगीत कैरियर:शुक्र , बुध ,गुरु व 5 th हाउस 10 डेयरी उत्पादन एवं मैनेजमेंट: शुक्र , चंद्रमा , मंगल और 6 th हाउस 11.Textile डिजाइनिंग :शुक्र , बुध , चंद्रमा व 5th हाउस 12. उद्यमिता Entrepreneurshipएवं मैनेजमेंट :गुरु , बुध , मंगल, 7th हाउस 13. पर्यटन और एयरलाइन मैनेजमेंट : शुक्र , बुध , 9 एवं (3,7,11) हाउस 14. खाद्य विज्ञान एवं गुणवत्ता :गुरु , मंगल 15. परिधान प्रोड और एक्सपोर्ट : शुक्र , बुध , मंगल 9 वीं और 7 वीं हाउस 16. विदेशी भाषा :केतु , बुध , गुरु 17. कर्रिएर इन स्पोर्ट्स :मंगल ,गुरु ,सुर्य ,शुक्र और 5th हाउस 18. राजनीति शास्त्र :गुरु,शुक्र 19. गहने डिजाइन :,शुक्र , बुध ,गुरु ,मंगल व 5 th हाउस 20. निजी खुफिया कैरियर:शनि , बुध नौकरी कौन सी होगी वह 10th हाउस पर निर्भर करती है: 10 वीं हाउस के मुख्य significator:कारक : 10 वीं हाउस मै बैठे ग्रह का प्रभाव : विषय के प्रकार :मुख्य significator ग्रह: 1Engineering मुख्य ग्रह (शनि और मंगल) 2. इलेक्ट्रोनिक इंजी :सूर्य , बुध गुरु , मंगल और3rd हाउस 3. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग: बुध , मंगल, गुरु 4. मैक् इंजीनियरिंग: बुध , मंगल , शनि 5. केमिकल इंजीनियरिंग: शुक्र , चंद्रमा 6. खनन इंजीनियरिंग : शनि , बुध , मंगल 7. ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग: शुक्र , मंगल 8. एयर -कंडीशन इंजी :शनि , मंगल 9. स्टील इंजी: शनि , मंगल 10 पेट्रो केमिकल :चंद्रमा , शनि, मंगल, सूर्य 11. एविएशन इंजी :शुक्र , मंगल , बुध और सूर्य , (3,7,11) हाउस जातक के शिक्षा योग कैसे हैं? यह एक सहज जिज्ञासा होती है जिसके बारे में जन्मकुंडली के चतुर्थ भाव के अधिपति की स्थिति से सहज ही जानकारी प्राप्त की जा सकती है. यानि चतुर्थेश कुंडली के जिस भाव में बैठा हो उसके अनुसार परिणाम प्राप्त होते हैं. नीचे हम सभी भावों की स्थिति के अनुसार फ़ल बता रहे हैं. प्रथम भाव - अगर चतुर्थेश कुंडली के प्रथम भाव में बैठा हो तो जातक जीवन में अच्छी विद्या प्राप्त करता है जो उसको लाभदायक रहती है. द्वितीय भाव - अगर चतुर्थेश कुंडली के द्वितीय भाव में बैठा हो तो ऐसा जातक विद्या अवश्य प्राप्त करता है भले ही उसके पालकों की आर्थिक हैसियत उसे पढाने लायक ना हो तो भी. तृतीय भाव - अगर चतुर्थेश कुंडली के तृतीय भाव में बैठा हो तो जातक की विद्या प्राप्त करने में उसकी माता की विशेष भूमिका होती है. माता की मेहनत से ऐसा जातक शिक्षा प्राप्त कर लेता है. चतुर्त भाव - अगर चतुर्थेश कुंडली के चतुर्थ भाव में ही बैठा हो तो ऐसा जातक बहुत ही उत्तम विद्या प्राप्त करता है. पंचम भाव - अगर चतुर्थेश कुंडली के पंचम भाव में बैठा हो तो ऐसा जातक अनेक प्रकार की बाधाओं के साथ विद्या प्राप्त करता है और जातक अपने जीवन में ऐसी विद्या का कोई उपयोग नही कर पाता है. षष्ठ भाव - अगर चतुर्थेश कुंडली के षष्ठ भाव में बैठा हो तो ऐसे जातक को विद्याध्ययन में बहुत अडेचने आती हैं परंतु उसे विद्या लाभकारी होती है. सप्तम भाव - अगर चतुर्थेश कुंडली के सप्तम भाव में बैठा हो तो और ऐसे जातक की विद्या २२ साल की उम्र के पहले पूर्ण हो जाती है और उससे जातक लाभ प्राप्त करता है. यदि २२ साल की उम्र के पहले विवाह हो जाये तो उसकी विद्या प्राप्ति में विघ्न उत्पन्न हो जाते हैं. अष्टम भाव - अगर चतुर्थेश कुंडली के अष्टम भाव में बैठा हो तो ऐसे जातक को मातृ सुख में कमी होती है और मातृ सुख के अभाव वश विद्या में न्युनता. नवम भाव - अगर चतुर्थेश कुंडली के नवम भाव में बैठा हो तो ऐसा जातक प्रचारक, आलोचक, एवम शिक्षक होता है चाहे पूरी विद्या प्राप्त की हो या नही. दशम भाव - अगर चतुर्थेश कुंडली के दशम भाव में बैठा हो तो ऐसे जातक को स्कूल जाने में डर लगता है और विद्या में कमी रहती है. ऐसा जातक अपने पिता का कार्य संभालता है. एकादशम भाव - अगर चतुर्थेश कुंडली के एकादश भाव में बैठा हो तो ऐसा जातक अनेक रूकावटों के साथ विद्या प्राप्त करता है. द्वादश भाव - ऐसा जातक घर के बाहर रहकर विद्या प्राप्त करता है. ऐसा जातक पढे तो पूरा पढे वर्ना एकांत में बैठा विद्या प्राप्त करने के सपने लेने वाला होता है.