मेरे एक मित्र यह जानने के लिए बहुत उत्सुक थे कि वह दादा कब बनेगी अर्थात उनके बेटे को कब संतान की प्राप्ति होगी मैंने उनसे उनके पुत्र और उनकी पुत्रवधू की डेट ऑफ बर्थ मांगी और उसके आधार पर चार्ट बनाकर विश्लेषण किया मैंने देखा कि उनकी शादी को लगभग 1 वर्ष हो चुका था और पुत्रवधू को शुक्र की महादशा चल रही थी जो न केवल विवाह के लिए अपितु संतान के लिए भी पॉजिटिव थी शुक्र में केतु का अंतर चल रहा था और केतु का अंतर भी संतान की उत्पत्ति के लिए बेहद पॉजिटिव था उसके पश्चात जब आगे की दशा सूर्य की थी उसको देखा तो पाया कि यह महादशा संतान के लिए नेगेटिव थी अर्थात उसमें 1,4,10 आ रहा था यह महादशा 6 साल चलने वाली थी इस आधार पर मैंने उनको यह सलाह दी के आप अपने पुत्र और पुत्र वधु को यह बात समझा दे कि अगर संतान सुख चाहिए तो अभी सही समय है अन्यथा अगर यह समय निकल गया तो फिर 6 साल तक संतान नहीं होगी क्योंकि नाड़ी एस्ट्रोलॉजी के अनुसार अगर महादशा किसी कार्य के लिए प्रतिकूल है तो अंतर्दशा कितनी भी अनुकूल हो उसका कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने इस बात को अपने पुत्र और पुत्रवधू के साथ डिसकस भी किया लेकिन वह दोनों ही नौकरी पेशा लोग थे उन्होंने इस बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और यह कहकर के अभी हमने इसके लिए प्लान नहीं किया है उन्होंने इस ओर कोई तवज्जो नहीं दी नतीजा शुक्र की महादशा खत्म हो गई और सूर्य की महादशा आ गई है कुछ समय के पश्चात उन्होंने इस और ध्यान देना शुरू किया और प्रयासरत रहे लेकिन क्योंकि सूर्य की महादशा प्रतिकूल थी इसलिए संतान होने का तो प्रश्न था ही नहीं उन्होंने कई चिकित्सकों से संपर्क भी किया सब कुछ सामान्य होने के बावजूद भी उन्होंने गर्भधारण नहीं किया जैसे ही उनको चंद्रमा की महादशा प्रारंभ हुई चंद्र गर्भधारण के अनुकूल था और उनको कन्या रत्न की प्राप्ति हुई। तो कहने का अभिप्राय यह है कि चाहे आप शारीरिक दृष्टि से स्वस्थ हो या कोई कमी हो, कुछ भी हो लेकिन जब तक ग्रह दशा अनुकूल नहीं होती संतान की उत्पत्ति संभव नहीं होती। ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो कि इस धारणा को लिए बैठे हैं कि वह जब खुद लाइफ में सेटल हो जाए अच्छी तरीके से तब संतान के बारे में प्लान करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं है संतान ईश्वर और ग्रहों की अनुकूलता के बिना प्राप्त नहीं होती। आप की इस संबंध में में कोई जिज्ञासा हो या कोई प्रश्न हो तो पूछ सकते है या कॉल कर सकते हैं