प्रदोष व्रत

Share

Ravinder Pareek 14th Oct 2020

प्रदोष व्रत आज, पाएं शिवजी का आशीर्वाद
************************************
आज यानी 14 अक्टूबर 2020 को भगवान शिवजी के भक्त प्रदोष व्रत रख कर शिवजी से मनोकामना मांगेंगे। शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत को करने से भगवान शिव की कृपा सदैव आप पर बनी रहती है।
प्रदोष व्रत में भगवान शिवजी की उपासना की जाती है। यह व्रत हिंदू धर्म के सबसे शुभ व महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है. हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार प्रदोष व्रत चंद्र मास के 13वें दिन (त्रयोदशी) पर रखा जाता है। माना जाता है कि प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष प्राप्त होता है।

प्रदोष व्रत की महिमा
********************
शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत को रखने से दो गायों को दान देने के समान पुन्य फल प्राप्त होता है. प्रदोष व्रत को लेकर एक पौराणिक तथ्य सामने आता है कि एक दिन जब चारों और अधर्म की स्थिति होगी, अन्याय और अनाचार का एकाधिकार होगा, मनुष्य में स्वार्थ भाव अधिक होगी. व्यक्ति सत्कर्म करने के स्थान पर नीच कार्यों को अधिक करेगा. उस समय में जो व्यक्ति त्रयोदशी का व्रत रख, शिव आराधना करेगा, उस पर शिव कृपा होगी। इस व्रत को रखने वाला व्यक्ति जन्म- जन्मान्तर के फेरों से निकल कर मोक्ष मार्ग पर आगे बढता है. उसे उत्तम लोक की प्राप्ति होती है।

प्रदोष व्रत से मिलने वाले फल
*************************
अलग- अलग वारों के अनुसार प्रदोष व्रत के लाभ प्राप्त होते है.
- रविवार को पडऩे वाले प्रदोष व्रत से आयु वृद्धि तथा अच्छा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है.
- सोमवार के दिन त्रयोदशी पडऩे पर किया जाने वाला व्रत आरोग्य प्रदान करता है और इंसान की सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है.
- मंगलवार के दिन त्रयोदशी का प्रदोष व्रत हो तो उस दिन के व्रत को करने से रोगों से मुक्ति व स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है.
- बुधवार के दिन प्रदोष व्रत हो तो, उपासक की सभी कामनाओं की पूर्ति होती है.
- गुरुवार के दिन प्रदोष व्रत पड़े तो इस दिन के व्रत के फल से शत्रुओं का विनाश होता है.
- शुक्रवार के दिन होने वाला प्रदोष व्रत सौभाग्य और दाम्पत्य जीवन की सुख-शान्ति के लिए किया जाता है.
- संतान प्राप्ति की कामना हो तो शनिवार के दिन पडऩे वाला प्रदोष व्रत करना चाहिए.
अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए जब प्रदोष व्रत किए जाते हैं तो व्रत से मिलने वाले फलों में वृ्द्धि होती है।

प्रदोष व्रत की विधि
****************
- प्रदोष व्रत करने के लिए मनुष्य को त्रयोदशी के दिन प्रात: सूर्य उदय से पूर्व उठना चाहिए.
- नित्यकर्मों से निवृ्त होकर, भगवान श्री भोले नाथ का स्मरण करें.
- इस व्रत में आहार नहीं लिया जाता है.
- पूरे दिन उपावस रखने के बाद सूर्यास्त से एक घंटा पहले, स्नान आदि कर श्वेत वस्त्र धारण किए जाते है.
- पूजन स्थल को गंगाजल या स्वच्छ जल से शुद्ध करने के बाद, गाय के गोबर से लीपकर, मंडप तैयार किया जाता है.
- अब इस मंडप में पांच रंगों का उपयोग करते हुए रंगोली बनाई जाती है.
- प्रदोष व्रत कि आराधना करने के लिए कुशा के आसन का प्रयोग किया जाता है।
- इस प्रकार पूजन की तैयारियां करके उतर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठे और भगवान शंकर का पूजन करना चाहिए.
- पूजन में भगवान शिव के मंत्र ओम नम: शिवाय का जाप करते हुए शिव को जल चढ़ाना चाहिए।

प्रदोष व्रत का उद्यापन
*******************
इस व्रत को ग्यारह या फिर 26 त्रयोदशियों तक रखने के बाद व्रत का उद्यापन करना चाहिए.
- व्रत का उद्यापन त्रयोदशी तिथि पर ही करना चाहिए.
- उद्यापन से एक दिन पूर्व श्री गणेश का पूजन किया जाता है. पूर्व रात्रि में कीर्तन करते हुए जागरण किया जाता है.
- प्रात: जल्दी उठकर मंडप बनाकर, मंडप को वस्त्रों और रंगोली से सजाकर तैयार किया जाता है.
- ओम उमा सहित शिवाय नम: मंत्र का एक माला यानी 108 बार जाप करते हुए हवन किया जाता है।
- हवन में आहुति के लिए खीर का प्रयोग किया जाता है।
- हवन समाप्त होने के बाद भगवान भोलेनाथ की आरती की जाती है और शान्ति पाठ किया जाता है।
- अंत में दो ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है और अपने सामर्थ्य अनुसार दान दक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।


Like (9)

Comments

Post

Thanks sir ji


Thanks


Very good


Aapka bhut bhit dhnyawad


Nice sir ji


प्रदोष व्रत आज, पाएं शिवजी का आशीर्वाद ************************************


Suman Sharma

👌👍अति सुंदर


Suman Sharma

Good knowledge


very nice article by Astro Ravi ji


nice article by sir ji


good knowledge


very nice article


very nice article by sir ji


great


प्रदोष व्रत शिवजी का आशीर्वाद


Suman Sharma

very good knowledge guru ji


madan mohan

very good knowledge


Very important and informative meaningful important articles


The glory of Pradosh Vrat is tremendous


By fasting Pradosh, all the troubles of a person\'s life are removed.


Latest Posts

यस्मिन् जीवति जीवन्ति बहव: स तु जीवति | काकोऽपि किं न कुरूते चञ्च्वा स्वोदरपूरणम् || If the 'living' of a person results in 'living' of many other persons, only then consider that person to have really 'lived'. Look even the crow fill it's own stomach by it's beak!! (There is nothing great in working for our own survival) I am not finding any proper adjective to describe how good this suBAshit is! The suBAshitkAr has hit at very basic question. What are all the humans doing ultimately? Working to feed themselves (and their family). So even a bird like crow does this! Infact there need not be any more explanation to tell what this suBAshit implies! Just the suBAshit is sufficient!! *जिसके जीने से कई लोग जीते हैं, वह जीया कहलाता है, अन्यथा क्या कौआ भी चोंच से अपना पेट नहीं भरता* ? *अर्थात- व्यक्ति का जीवन तभी सार्थक है जब उसके जीवन से अन्य लोगों को भी अपने जीवन का आधार मिल सके। अन्यथा तो कौवा भी भी अपना उदर पोषण करके जीवन पूर्ण कर ही लेता है।* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।

न भारतीयो नववत्सरोSयं तथापि सर्वस्य शिवप्रद: स्यात् । यतो धरित्री निखिलैव माता तत: कुटुम्बायितमेव विश्वम् ।। *यद्यपि यह नव वर्ष भारतीय नहीं है। तथापि सबके लिए कल्याणप्रद हो ; क्योंकि सम्पूर्ण धरा माता ही है।*- ”माता भूमि: पुत्रोSहं पृथिव्या:” *अत एव पृथ्वी के पुत्र होने के कारण समग्र विश्व ही कुटुम्बस्वरूप है।* पाश्चातनववर्षस्यहार्दिकाःशुभाशयाः समेषां कृते ।। ------------------------------------- स्वत्यस्तु ते कुशल्मस्तु चिरयुरस्तु॥ विद्या विवेक कृति कौशल सिद्धिरस्तु ॥ ऐश्वर्यमस्तु बलमस्तु राष्ट्रभक्ति सदास्तु॥ वन्शः सदैव भवता हि सुदिप्तोस्तु ॥ *आप सभी सदैव आनंद और, कुशल से रहे तथा दीर्घ आयु प्राप्त करें*... *विद्या, विवेक तथा कार्यकुशलता में सिद्धि प्राप्त करें,* ऐश्वर्य व बल को प्राप्त करें तथा राष्ट्र भक्ति भी सदा बनी रहे, आपका वंश सदैव तेजस्वी बना रहे.. *अंग्रेजी नव् वर्ष आगमन की पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं* ज्योतिषाचार्य बृजेश कुमार शास्त्री

आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताआलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।राम।

Top