यदि चंद्रमा क्रूर व पापी ग्रहों यथा शनि, मंगल, राहु, केतु आदि से पीड़ित हो रहा हो तो स्त्री को पीरियड्स संबंधी बाधाओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे ग्रहीय संयोग मानसिक उत्ताप, चिंता, अवसाद, चिड़चिड़ाहट, क्रोध आदि लक्षण को खुलकर सामने लाते हैं। यदि स्त्री की कुण्डली में शनि और मंगल का संयोग उपस्थित होने के साथ ही उन पर क्रूर व पापी ग्रहों की दृष्टि भी पड़ रही हो, तो अवश्य ही गंभीर रक्त विकार उत्पन्न होता है।