*मकर संक्रांति 15 जनवरी को पुण्यकाल, पुण्य नदियों में स्नान से मिलता है लाभ* इस महीने 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। 14 तारीख को मध्य रात्रि सूर्य देवता धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। प्रातःकाल 15 जनवरी सोमवार को पुण्यकाल में मकर संक्रांति में तिल/गुड़ गर्म कपड़े/ स्नान दान करना उत्तम रहेगा! जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े का दान करना चाहिए। शहर के "धारूहेड़ा चुंगी" स्थित ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य अजय शास्त्री के अनुसार 15 तारीख को खरमास समाप्त हो जाएगा। इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाएंगे (यानी) उत्तर की ओर सूर्य का अग्रसर माना जाता है। सूर्य उत्तरायण का महत्व भगवान श्रीकृष्ण ने भी गीता में बताया है और महाभारत के अनुसार भीष्म पितामह ने सूर्य उत्तरायण होने पर अपने स्वेच्छा अनुसार शरीर का त्याग किया था। वैसे_संक्रांति वर्ष में 12 होती हैं लेकिन सूर्य जब अपने पुत्र शनि की मकर राशि में 1 माह के लिए प्रवेश करते हैं तो यह दिन पिता पुत्र के संबंधों को निकटता के रूप में देखा जाता हैं। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार इस दिन से "देवताओं" के *दिन* की शुरुआत होती है और शुभकार्य शुरू हो जाते हैं। उत्तर भारत में इस त्यौहार को "मकरसंक्रांति" के नाम से जाना जाता है और दक्षिण भारत में इसे "पोंगल" नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पुण्य नदियों में स्नान करने का महत्व है, गंगा,यमुना,नर्मदा,शिप्रा, गोदावरी आदि पुण्य नदियों में स्नान करने का महत्व है। स्नान करने के बाद में सूर्य भगवान को जल देकर सूर्य नमस्कार करना चाहिए। आदित्य स्तोत्र,गायत्री मंत्र आदि का जप करना चाहिए। यदि नदी में स्नान नहीं कर पा रहे तो घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।