पंचक क्या होते है जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि यह 5 अंक की ओर इशारा कर रहा है 5 नक्षत्रों के समूह को पंचक कहते हैं शास्त्रों में इन 5 नक्षत्रों में कुछ कार्यों को वर्जित किया है यदि कोई व्यक्ति निषेध किए गए कार्यों को इन नक्षत्रों में करता है तो उसका कार्य सफल नहीं होता या ऐसा भी कहा जाता है कि उसे उस कार्य को 5 बार करना पड़ता है आइए हम जानते हैं कि कौन से नक्षत्र पंचक में आते हैं एवं किन-किन कार्यों को इन नक्षत्रों में नहीं करना चाहिए धनिष्ठा पंचकं त्याज्यं तृण काष्ठादिसंग्रहे। त्याज्यं दक्षिण दिग्यात्रा गृहाणं छादनं तथा।। धनिष्ठा से लगाकर पांच नक्षत्र अर्थात 1 धनिष्ठा, 2 शतभिषा, 3 पूर्वाभाद्रपद, 4 उत्तराभाद्रपद व 5 रेवती इन पांचों नक्षत्रों को पंचक कहा जाता है इन नक्षत्रों में लकड़ी, भूसा (जो पशुओं को खिलाया जाता है) इनको इकट्ठा नहीं करना चाहिए, दक्षिण दिशा की और यात्रा नहीं करना चाहिए व घर की छत नहीं बनाना चाहिए यदि नक्षत्रों में इन कार्यों को किया जाए तो यह कार्य विफल हो जाते हैं बाकी सभी कार्यों को पंचक में किया जा सकता है। पंचको के प्रकार 1 रोग पंचक रविवार 2 राग पंचक सोमवार 3अग्नि पंचक मंगलवार 4 मृत्यु पंचक शनिवार 5 चोर पंचक शुक्रवार पाँच प्रकार के पंचक होते हैं पंचको में छत लगाना दाह सँस्कार व नया कार्य शुरू नही करते जो निषेद हैं दाह संस्कार के लिए पिंड बनाकर या घास से शव बनाकर किर्या करवाते हैं
nice article sir ji
very nice article by Astro Ravinder ji
very nice article
5 नक्षत्रों के समूह को पंचक कहते हैं
Very nice articles
पांचों नक्षत्रों और कार्यो को बताने के लिए धन्यवाद