#देवउठनी #एकादशी पर्व है। इस दिन कैसे करें घर में #तुलसी जी का #विवाह, आइए जानें... #upay 🌿🌿शाम के समय सारा परिवार इसी तरह तैयार हो जैसे विवाह समारोह के लिए होते हैं। 🌿🌿तुलसी का पौधा एक पटिये पर आंगन, छत या पूजा घर में बिलकुल बीच में रखें। 🌿🌿तुलसी के गमले के ऊपर गन्ने का मंडप सजाएं। 🌿🌿तुलसी देवी पर समस्त सुहाग सामग्री के साथ लाल चुनरी चढ़ाएं। 🌿🌿गमले में सालिग्राम जी रखें। 🌿🌿सालिग्राम जी पर चावल नहीं चढ़ते हैं। उन पर तिल चढ़ाई जा सकती है। 🌿🌿तुलसी और सालिग्राम जी पर दूध में भीगी हल्दी लगाएं। 🌿🌿गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप करें और उसकी पूजन करें। 🌿🌿अगर हिंदू धर्म में विवाह के समय बोला जाने वाला मंगलाष्टक आता है तो वह अवश्य करें। 🌿🌿 देव प्रबोधिनी एकादशी से कुछ वस्तुएं खाना आरंभ किया जाता है। अत: भाजी, मूली़ बेर और आंवला जैसी सामग्री बाजार में पूजन में चढ़ाने के लिए मिलती है वह लेकर आएं। 🌿🌿कपूर से आरती करें। (नमो नमो तुलसा महारानी, नमो नमो हरि की पटरानी) 🌿🌿प्रसाद चढ़ाएं। 🌿🌿11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करें। 🌿🌿प्रसाद को मुख्य आहार के साथ ग्रहण करें। 🌿🌿प्रसाद वितरण अवश्य करें। 🌿🌿पूजा समाप्ति पर घर के सभी सदस्य चारों तरफ से पटिए को उठा कर भगवान विष्णु से जागने का आह्वान करें-उठो देव सांवरा, भाजी, बोर आंवला, गन्ना की झोपड़ी में, शंकर जी की यात्रा। 🌿🌿 इस लोक आह्वान का भोला सा भावार्थ है - हे सांवले सलोने देव, भाजी, बोर, आंवला चढ़ाने के साथ हम चाहते हैं कि आप जाग्रत हों, सृष्टि का कार्यभार संभालें और शंकर जी को पुन: अपनी यात्रा की अनुमति दें।