मंगल ग्रह का धनु राशि में गोचर

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मंगल ग्रह का धनु राशि में गोचर

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Astro Rakesh Periwal 08th Feb 2020

आज प्रातः ग्रहों के सेनापति मंगल ने धनु राशि में किया गोचर - जानें अपनी राशि/लग्न पर प्रभाव और उपाय -

TRANSIT OF MARS IN SAGITTARIUS - HOW IS IT GOING TO AFFECT YOU - REMEDIES FOR ALL SIGNS :

मंगल ग्रह को नव ग्रहों में विशेष दर्जा प्राप्त है क्योंकि इसे नव ग्रह मंडल में सेनापति का पद दिया गया है, इसके पीछे मुख्य वजह यही है कि मंगल एक अत्यंत शक्तिशाली और ऊर्जा प्रदान करने वाला ग्रह है। मंगल की उर्जा से ही हम अपने जीवन को गति देते हैं और हमारे लिए अच्छा मंगल हमें सभी प्रकार की चुनौतियों से लड़ने में मदद देता है, जिससे हम जीवन में सफलता अर्जित करते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह की विशेष स्थितियाँ मांगलिक दोष बनाती हैं, जो विवाह के लिए अनुकूल नहीं माना जाता है, लेकिन यही मंगल योगकारक होने पर व्यक्ति को शीघ्र ही प्रभावशाली और लक्ष्मीवान बना देता है। कुंडली में मंगल की उत्तम स्थिति व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में सिरमौर बनाती है और व्यक्ति अपने काम में काफी ऊंचाइयां प्राप्त करता है। मंगल की कृपा से ही व्यक्ति के अंदर नेतृत्व शक्ति का विकास होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार मंगल ग्रह को दक्षिण दिशा का स्वामी भी माना गया है। यह एक अग्नि तत्व प्रधान लाल ग्रह है तथा मेष और वृश्चिक मंगल की स्वामित्व वाली राशियां हैं। कुंडली में मंगल की अच्छी स्थिति व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य, गठीला बदन, आत्मविश्वास और चुनौतियों से लड़ने वाला बनाती है। ऐसा व्यक्ति कितनी ही बुरी स्थिति हो, हार नहीं मानता। शरीर में रक्त और रक्तचाप पर भी मंगल का नियंत्रण होता है।

◆● गोचर का समय ●◆ सभी लोगों को जीवन ऊर्जा प्रदान करने वाला मंगल ग्रह 8 फरवरी, यानि आज शनिवार को प्रातः 02:45 बजे (7 फरवरी की मध्यरात्रि के बाद) धनु राशि में प्रवेश कर गया है। यह मंगल के मित्र बृहस्पति की राशि है और अग्नि तत्व की राशि है। इस प्रकार एक अग्नि तत्त्व प्रधान ग्रह का प्रवेश अग्नि तत्व प्रधान राशि में होगा। तो आईये जानते हैं कि मंगल के धनु राशि में गोचर का सभी राशि के जातकों पर किस प्रकार का असर पड़ने वाला है:

★मेष : मंगल आपकी राशि का स्वामी होने के साथ-साथ आपकी कुंडली में अष्टम भाव का स्वामी भी है और अपने इस गोचर की अवधि में वह आपके नवम भाव में प्रवेश करेगा। इस गोचर के परिणाम स्वरूप आपको मिले जुले परिणाम हासिल होंगे। जहां एक ओर आप अपने आत्मविश्वास के कारण कई योजनाओं को सफलता का अमलीजामा पहनाने में सफल रहेंगे और उन से आपको अच्छा आर्थिक लाभ भी होगा, वहीं आपके पिताजी के लिए यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं रहेगा। उनका स्वास्थ्य इस दौरान खराब हो सकता है, इसलिए आप को उन पर विशेष ध्यान देना होगा। भाग्य में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनेगी, इसलिए आपके कुछ बनते बनते काम अटक भी सकते हैं, जिनके लिए आपको पुरजोर प्रयास करना होगा। इस दौरान कुछ लोगों को सुदूर यात्रा अथवा विदेश जाने का मौका मिल सकता है। हालांकि किसी भी यात्रा पर जाने से पूर्व आपको पूरी तैयारी और कागज़ों के साथ जाना चाहिए ताकि किसी प्रकार की कोई असुविधा ना हो। आपके प्रयासों को गति मिलेगी, इसलिए आप इस दौरान अधिक परिश्रम करेंगे। परिवार का वातावरण इस दौरान थोड़ा सा परेशानी जनक हो सकता है। विशेष रूप से आपके माता-पिता का स्वास्थ्य खराब होने से आप थोड़े चिंतित रहेंगे। किसी बुजुर्ग की सलाह आपके बहुत काम आएगी। इस दौरान किसी भी प्रकार के दबाव को आप को खुद पर हावी होने से रोकना चाहिए। उपाय: गाय को रोटी थोड़ी सी चीनी डालकर खिलाएं। शुक्रवार को देवी मा को लाल फूल अर्पित करें। अपने लग्नेश, पंचमेश और नवमेश का रत्न धारन करें।

★वृषभ : वृषभ राशि के जातकों के लिए मंगल देव आपके सातवें और बारहवें भाव के स्वामी होकर आपके अष्टम भाव में प्रवेश करेंगे। इस प्रकार गोचर का यह प्रभाव आपके स्वास्थ्य के लिहाज से अधिक अनुकूल नहीं कहा जा सकता और आपको अपने शरीर पर विशेष रूप से ध्यान देना होगा। उच्च रक्तचाप या अनियमित रक्तचाप, चोट लगना, दुर्घटना या किसी प्रकार का ऑपरेशन इस समय में हो सकता है, इसलिए विशेष ध्यान दें। वाहन चलाते समय भी सावधानी बरतें। इस दौरान आपको धन हानि होने की भी संभावना बन सकती है। हालांकि कुछ लोगों को अवांछित तरीकों से धन लाभ भी होगा। इस दौरान कुछ अनचाही यात्राओं पर जाने के योग बनेंगे, जिनसे आपको बचना चाहिए, क्योंकि वे आपको शारीरिक कष्ट के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी परेशान करेंगी। आपके खर्चों में अचानक से बढ़ोतरी भी हो सकती है। कुछ लोगों को इस दौरान अपने ससुराल पक्ष से किसी भी प्रकार के झगड़े से बचना चाहिए। आपके जीवन साथी के स्वास्थ्य के लिहाज से भी यह गोचर अधिक अनुकूल नहीं रहेगा। उपाय: हनुमान चालीसा पढ़ें, हनुमान जी को प्रशाद चढ़ाएं। गाय को गुड़ खिलाएं। हीरा/ओपल, पन्ना और नीलम धारण करें।

★मिथुन : मंगल देव का गोचर आपकी राशि से सातवें भाव में होगा। यह आपकी राशि के लिए छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। इनके गोचर के प्रभाव से आपको व्यापार में अच्छी सफलता प्राप्त होगी और आप कुछ नई योजनाओं पर भी काम करेंगे, जो भविष्य में आपके मार्ग को बेहतर बनाने का प्रयास करेंगी। आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना रहेगी। वहीं दूसरी ओर, जो लोग नौकरी करते हैं, उन्हें इस दौरान अच्छे नतीजे मिलेंगे और पदोन्नति के योग भी बनेंगे। इसके विपरीत, आपके दांपत्य जीवन के लिए यह गोचर अनुकूल नहीं कहा जा सकता क्योंकि सप्तम भाव में मंगल के प्रभाव से जीवन साथी के व्यवहार में बदलाव आएगा। उनके मन में उग्रता बढ़ेगी, जिसकी वजह से दांपत्य जीवन में तनाव की बढ़ोतरी हो सकती है, इसलिए आपको स्वयं पर संयम रखना होगा। आपके कार्यक्षेत्र के लिए यह गोचर अनुकूल परिणाम लेकर आएगा। स्वास्थ्य के मामले में थोड़ी परेशानियां हो सकती हैं। इस दौरान किसी से कर्ज लेने से आपको बचना चाहिए। कामों में जल्दबाजी की आदत से दूर रहेंगे तो आपको अच्छे नतीजे प्राप्त होंगे। जीवनसाथी को लेकर कुछ खर्च हो सकते हैं। उपाय: गायत्री मंत्र का पाठ करें और बंदरो को गुड़ चने खिलाएं। अपने लग्नेश, पंचमेश और नवमेश का रत्न धारन करें।

★कर्क : आपकी राशि के लिए मंगल केंद्र और त्रिकोण भाव अर्थात दसवें भाव और पाँचवें भाव का स्वामी है, इसलिए योगकारक की भूमिका निभाता है और अपने गोचर के इस काल में आपके छठे भाव में प्रवेश करेगा, जिसकी वजह से आपको अपने पुराने किसी ऋण या लोन को चुकाने में सफलता मिलेगी और आप राहत की सांस लेंगे। खर्चों में हल्की-फुल्की बढ़ोतरी होगी, लेकिन वे आवश्यक भी होंगे, इसलिए आपको कोई बोझ महसूस नहीं होगा। आप अपने विरोधियों पर भारी पड़ेंगे और वे चाह कर भी आपके सामने सर नहीं उठा पाएंगे। नौकरी में आपको जबरदस्त नतीजे मिलेंगे। आपके हक में फैसले आएँगे। कोर्ट कचहरी के मामलों में भी आपको सफलता मिलेगी और यदि आप किसी ऐसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, जिसका परिणाम इस समय में आने वाला है, तो उसमें आपको सफलता मिल सकती है। प्रयासों के बाद अच्छी सफलता के योग बनेंगे। प्रेम जीवन के लिहाज से भी है समय महत्वपूर्ण रहेगा और आप अपने प्रेम जीवन को खूब इंजॉय करेंगे। आपके पिता को अपने कार्य क्षेत्र में सम्मान मिलेगा और उनकी पदोन्नति हो सकती है। इस दौरान कुछ अनचाही यात्राओं के योग बन सकते हैं। स्वास्थ्य उत्तम होगा। दूसरों के झगड़ों में ना पड़ें। धार्मिक कार्यों पर ध्यान देंगे और समाज में आपकी छवि मजबूत होगी। उपाय: कुत्तों को मीठी रोटी बना कर खिलाएं। शुक्रवार को शिवलिंग पर कच्चा दूध, थोड़ी सी चीनी डालकर चढ़ा दें, बाद में उसे जल से साफ़ कर दें। मूंगा और पुखराज धारण करें। ★सिंह : आपकी राशि के लिए मंगल देव का गोचर आपके पांचवें भाव में होगा। मंगल आप के चौथे भाव और नवें भाव अर्थात केंद्र और त्रिकोण भाव के स्वामी होकर योगकारक ग्रह हैं। उनका यह गोचर आप के लिए काफी अनुकूल रहने वाला है। इस दौरान कार्यक्षेत्र में बदलाव आ सकता है। जिस नौकरी को बदलने की कोशिश करें थे, उसे बदलने में सफलता मिलेगी और नई नौकरी बेहतर लाभ के साथ आपको मिलेगी। यदि आप व्यापार करते हैं तो उसमें भी आप को समुचित लाभ की प्राप्ति होगी। यदि आप शादीशुदा हैं तो आपको संतान को लेकर कुछ समस्याएं हो सकती हैं। संतान का स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। यदि आप विद्यार्थी हैं तो विद्या के क्षेत्र में जल्दबाजी में आप कुछ कार्य खराब कर सकते हैं, इसलिए केंद्रित होकर पढ़ाई करना बेहतर रहेगा और कुछ लोगों को पढ़ाई में व्यवधान भी आ सकते हैं। प्रेम जीवन के लिए यह समय मिश्रित परिणाम देगा। आपके संबंध आपके प्रियतम से बेहतर बनेंगे लेकिन फिर भी किसी बात को लेकर बहस बाजी की स्थिति बन सकती है। उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों को इस दौरान बेहतर नतीजे हासिल होंगे। आपको अपने प्रेम जीवन में किसी अन्य का हस्तक्षेप होने से रोकना होगा, नहीं तो रिश्ता खराब हो सकता है। भाग्य का आपको साथ मिलेगा, जिसकी बदौलत आपके कई रुके हुए काम बनेंगे और कहीं अटका हुआ धन भी इस दौरान आप को वापिस मिल सकता है। उपाय: अगर आपकी छत पर कौए आते हों, तो दही में रोटी के टुकड़े करके उन्हें खिलाएं। कभी-कभार कोढ़ी या अंगहीन को खाना खिलाएं। अपने लग्नेश, पंचमेश और नवमेश का रत्न धारन करें।

★कन्या : कन्या राशि के लोगों के लिए मंगल तीसरे और आठवें भाव का स्वामी होता है और धनु राशि में गोचर के चलते आपके चौथे भाव में प्रवेश करेगा। इस गोचर के परिणाम स्वरूप आपके परिवार में माहौल बदलेगा और लोगों के बीच तालमेल का अभाव देखने को मिल सकता है। आपके माता-पिता का स्वास्थ्य भी पीड़ित हो सकता है, जिसकी वजह से आपको थोड़ी चिंताएं होंगी, लेकिन कार्य क्षेत्र के अनुकूल परिणाम मिलने से मन प्रफुल्लित भी होगा। आप अपने काम को काफी ईमानदारी से करेंगे और जल्दी काम निपटा लेंगे, जिससे आपकी कार्यकुशलता दिखाई देगी। आप के वरिष्ठ अधिकारियों से भी आपके संबंध अच्छे बनेंगे। इस दौरान अचानक से कोई पैतृक संपत्ति प्राप्त होने की संभावना बन सकती है। दांपत्य जीवन में इस गोचर के प्रभाव से कुछ परेशानियां आ सकती हैं। आप दोनों के बीच किसी बात को लेकर तनाव स्पष्ट रूप से देखने को मिल सकता है। बेहतर यही होगा कि आपसी बातचीत से मामले को हल करने का प्रयास करें और शांत रहने का प्रयास करें। यदि आपके जीवन साथी कोई काम करते हैं, तो इस दौरान उनके कार्यस्थल पर उन्हें सम्मानित किया जा सकता है अथवा उन को पदोन्नति प्राप्त हो सकती है, जिससे आपको भी हर्ष होगा और उन पर गर्व महसूस होगा। बिज़नेस के सिलसिले में किए गए प्रयास रंग लेकर आएँगे और रियल एस्टेट में इन्वेस्टमेंट आपको लाभ देगा। उपाय : गाय को गुड़ खिलायें और मंदिर में गुड़ और गेहूँ का दान करें। हीरा/ओपल, पन्ना और नीलम धारण करें।

★तुला : आपकी राशि के लिए मंगल देव दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हो कर मारक ग्रह भी कहलाते हैं और अपने गोचर की इस अवधि में वे आप के तीसरे भाव में प्रवेश करेंगे। आम तौर पर तीसरे भाव में मंगल का गोचर अनुकूल परिणाम देने वाला माना जाता है। इस गोचर के प्रभाव से आपके साहस और पराक्रम में बढ़ोतरी होगी और चुनौतियों को स्वीकार करके उनका सामना करने की प्रवृत्ति आप में जागेगी, जिससे आपको सफलता मिलेगी। आप अपने निजी प्रयासों से जीवन में सफलता की सीढ़ियां चढ़ेंगे, जिससे आपका मान-सम्मान भी बढ़ेगा और आपको कार्यक्षेत्र में भी बेहतर नतीजे प्राप्त होंगे। इस दौरान की गई कुछ यात्राएं आपको काफी लंबे समय तक याद रहेंगी। गोचर की इस अवधि में आपके भाई बहनों को शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन आप अपने विरोधियों पर हावी रहेंगे और अपने कार्य क्षेत्र में भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे। आपके सहकर्मियों से आपका व्यवहार इस दौरान कुछ बेकार हो सकता है। इसकी वजह से आपको कुछ परेशानियां आ सकती हैं। किसी यात्रा पर जाने में आपको धन खर्च करना पड़ सकता है। कार्य क्षेत्र को लेकर इस दौरान मेहनत करने का समय रहेगा। आप अपने मित्र तथा भाई बहनों की सहायता करेंगे और उन्हें जरूरत पड़ने पर धन भी देंगे। यदि आप मार्केटिंग या मैनेजमेंट के क्षेत्र से जुड़े हैं, तो इस दौरान आपको बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे। उपाय : हनुमान चालीसा पढ़ें, हनुमान जी को प्रशाद चढ़ाएं। अपने पिता का आदर करें, उनके पैर छुएं। अपने लग्नेश, पंचमेश और नवमेश का रत्न धारन करें।

★वृश्चिक : मंगल ग्रह आपकी राशि का स्वामी होने के साथ-साथ आप के छठे भाव का स्वामी भी है और अपने गोचर की इस अवधि में वह आपके दूसरे भाव में प्रवेश करने वाला है। इस गोचर के प्रभाव से आपकी वाणी में बदलाव आएगा। आप कुछ कटु वचन भी बोल सकते हैं, जिसका असर आपके संबंधों पर पड़ सकता है। परिवार के लोगों में आपका सम्मान कम हो सकता है और आपके अपने आप के विरुद्ध खड़े हो सकते हैं, इसलिए इससे बचने का आपको प्रयास करना चाहिए। हालांकि धन के मामले में यह समय अनुकूल रहेगा। वाद विवाद में आपको सफलता मिलेगी और आर्थिक तौर पर लाभ भी होगा। आप अपने कुटुंब के लोगों के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे और उनको आर्थिक मदद भी देंगे। इस गोचर के प्रभाव से आपके प्रेम जीवन में कुछ समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और आपके प्रियतम से आपका झगड़ा भी हो सकता है। इस दौरान आपको अपने ससुराल पक्ष के लोगों से बेहतर संबंध बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। इस दौरान आपको वाहन सावधानी से चलाना चाहिए तथा अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना आवश्यक होगा। उपाय: गाय को रोटी थोड़ी सी चीनी डालकर खिलाएं। शुक्रवार को देवी मा को लाल फूल अर्पित करें। अपने लग्नेश, पंचमेश और नवमेश का रत्न धारन करें।

★धनु : आपकी राशि के लिए मंगल ग्रह पांचवे भाव तथा बारहवें भाव का स्वामी है और अपने गोचर की स्थिति में आपकी ही राशि में प्रवेश करेगा, जिसकी वजह से इस गोचर का सर्वाधिक प्रभाव आप पर पड़ेगा। इस गोचर के प्रभाव से आपकी पर्सनैलिटी में बदलाव आएँगे। आप अधिक आत्मविश्वास से अपने कामों को संपादित करेंगे, जिसकी वजह से आपको जबरदस्त सफलता मिलेगी, लेकिन आप अति आत्मविश्वास का शिकार भी हो सकते हैं। आपके स्वभाव में कड़वापन और गुस्सा बढ़ सकता है, जिसका असर आपके काम के साथ-साथ आपके दांपत्य जीवन पर भी पड़ सकता है और जीवन साथी से आपको लड़ाई झगड़े की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। मंगल का यह गोचर पारिवारिक जीवन में भी तनाव का कारण बन सकता है। हालांकि कुछ लोगों को इस दौरान प्रॉपर्टी प्राप्त होने के योग बनेंगे। किसी से व्यर्थ के वाद विवाद में ना पड़ें, तो बेहतर होगा। ससुराल पक्ष के लोगों से अच्छा व्यवहार आपके लिए आवश्यक होगा। आप अपनी विद्या का समुचित लाभ उठाएंगे और उस के बल पर अपने कई कामों को सफल बना पाएंगे। इंजीनियरिंग और प्रॉपर्टी के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को इस गोचर में काफी लाभ हो सकता है। उपाय: कुत्तों को मीठी रोटी बना कर खिलाएं। शुक्रवार को शिवलिंग पर कच्चा दूध, थोड़ी सी चीनी डालकर चढ़ा दें, बाद में उसे जल से साफ़ कर दें। मूंगा और पुखराज धारण करें।

★मकर : आपकी राशि के लिए मंगल चौथे भाव के साथ-साथ ग्यारहवें भाव का स्वामी भी है और आपकी राशि के लिए बाधक भी बनता है। अपने गोचर की इस अवधि में वह आपके बारहवें भाव में प्रवेश करेगा। इस गोचर के परिणाम स्वरूप आपके खर्चों में अचानक से बढ़ोतरी होने की संभावना बनेगी। इतना ही नहीं, परिवार में किसी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है, जिसकी वजह से भी आपको धन खर्च करना पड़ सकता है। इस मंगल की स्थिति से आपके भाई बहनों को कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ेगा और उन्हें आपके साथ की आवश्यकता होगी। हालांकि आप अपने कोर्ट कचहरी के मामलों में सफलता अर्जित करेंगे, लेकिन उस पर भी आपको धन बहाना पड़ेगा। दांपत्य जीवन के लिहाज से यह गोचर अनुकूल नहीं है और पति-पत्नी के मध्य इस दौरान तनाव और गुस्सा बढ़ सकता है, इसलिए यथासंभव इस बहस बाजी से दूर रहने का प्रयास करें। कुछ लोगों को इस समय खंड में विदेश जाने का मौका मिल सकता है। यात्राओं पर जाने के लिए यह समय अनुकूल नहीं रहेगा और यात्राओं के दौरान शारीरिक कष्ट और अत्यधिक खर्च आपको परेशान कर सकते हैं। इस दौरान आपकी माता जी को कोई विशेष लाभ प्राप्त हो सकता है। उपाय: हनुमान चालीसा पढ़ें, हनुमान जी को प्रशाद चढ़ाएं। गाय को गुड़ खिलाएं। हीरा/ओपल, पन्ना और नीलम धारण करें।

★कुंभ : आपकी राशि के लिए मंगल देव आपके तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं और अपने धनु राशि में प्रवास के दौरान वह आपके ग्यारहवें भाव में प्रवेश करेंगे। चूंकि ये आपके कर्म भाव के स्वामी भी हैं, इसलिए यह गोचर आपके लिए काफी महत्वपूर्ण फल लेकर आ रहा है। एकादश भाव में मंगल की स्थिति को काफी श्रेष्ठ माना जाता है, जिसकी वजह से आपको कार्यों में सफलता मिलेगी। सरकार और राज्य पक्ष से अच्छे संबंध बनेंगे, जिससे आपके संपर्कों में बढ़ोतरी होगी और आपको अच्छा धन लाभ मिलेगा। आपके मान सम्मान में बढ़ोतरी होगी। रसूखदार लोगों से मेल मुलाकात संभव होगी, जिससे आप जीवन में उन्नति करेंगे। आपके कार्यस्थल पर आपकी सराहना होगी और आप की गणना विशेष लोगों में होने लगेगी। आपके कार्य और अधिकारों में वृद्धि हो सकती है। आप समृद्धि वान होंगे। इस दौरान आपके प्रेम जीवन में कुछ समस्याएं आ सकती हैं क्योंकि आपका और आपके प्रियतम का विरोधाभासी स्वभाव इस दौरान प्रकट हो सकता है, जिस पर ठंडे दिमाग से विचार करने की आवश्यकता होगी। इस समय खंड में आप अपने विरोधियों को हराने में सक्षम रहेंगे और वह आप के खिलाफ कुछ नहीं कर पाएंगे। व्यापार कर रहे लोगों को भी इस गोचर का अच्छा लाभ मिलेगा और अपने निजी प्रयासों से आपको धन अर्जन करने में सफलता प्राप्त होगी। आपके भाई बहन भी आपकी मदद करेंगे। उपाय: गांय को गुड़ खिलाए और बंदरो को गुड़ चने खिलाएं। अपने लग्नेश, पंचमेश और नवमेश का रत्न धारन करें।

★मीन : आपकी राशि के लिए मंगल दूसरे और नवें भाव का स्वामी है और अपने गोचर की इस अवधि में वह आपके दसवें भाव में गोचर करेंगे। इस गोचर का जबरदस्त लाभ आपको मिलेगा और कुछ लोगों को स्थानांतरण भी मिलेगा। इस स्थानांतरण के बाद जिस नई जगह पर आप जायेंगे, वह काफी उर्वरक और लाभदायक साबित होगी। इस दौरान आपको पदोन्नति और तनख़्वाह में वृद्धि की सौगात मिल सकती है। आप के अधिकार क्षेत्र में वृद्धि होगी, जिससे आपकी छवि भी मजबूत होगी। हालांकि इस दौरान आपको अपने कार्यक्षेत्र में किसी भी प्रकार के अति आत्मविश्वास और कंट्रोवर्सी का हिस्सा बनने से बचना होगा। इसके विपरीत, आपके पारिवारिक जीवन में तनावपूर्ण स्थितियां जन्म ले सकती हैं, इसलिए अपने पेशेवर जीवन को पारिवारिक जीवन से थोड़ा दूर रखने का प्रयास करेंगे तो बेहतर होगा। प्रेम जीवन के लिए भी यह समय ज्यादा अनुकूल नहीं रहेगा और आपको अपने प्रियतम से अपनी बातें करने में थोड़ी सी हिचक महसूस हो सकती है। इस दौरान आपका स्वास्थ्य मजबूत बनेगा और कोई पुरानी चली आ रही बीमारी से मुक्ति मिलेगी। भाग्य के प्रबल होने से आप जिस काम में भी अपना हाथ डालेंगे, उसमें आपको सफलता मिलेगी। उपाय: अगर आपकी छत पर कौए आते हों, तो दही में रोटी के टुकड़े करके उन्हें खिलाएं। कभी-कभार कोढ़ी या अंगहीन को खाना खिलाएं। मूंगा और पुखराज धारण करें।

🍃🌼🍃🌼🍃🌼🍃🌼🍃🌼🍃🌼 आप प्रसन्न रहे, स्वस्थ रहें और आपका परिवार भी आनंदमय रहें - इसी कामना के साथ ! नोट : यह राशिफल आपकी लग्न के आधार पर है। पर राशि, नाम या जन्मतिथि पर भी कुछ सीमा तक लागू है। - यह एक ग्रह के गोचर का फल है. मत भूलें कि कुंडली में आठ ग्रह और भी होते हैं - सब कुछ एक ग्रह के गोचर से नहीं बदल जाता. - गोचर का प्रभाव सीमित ही होता है. मुख्यतः लग्न कुंडली में बैठे ग्रहों की स्थिति अधिक महत्त्व रखती है. - सभी बातें सभी लोगों पर लागू नहीं होती. आप स्वयं ही देखें कि आप पर किस हिसाब से कितना लागू है. - उपाय और रत्न लग्न के आधार पर ही बताए गए है 


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यस्मिन् जीवति जीवन्ति बहव: स तु जीवति | काकोऽपि किं न कुरूते चञ्च्वा स्वोदरपूरणम् || If the 'living' of a person results in 'living' of many other persons, only then consider that person to have really 'lived'. Look even the crow fill it's own stomach by it's beak!! (There is nothing great in working for our own survival) I am not finding any proper adjective to describe how good this suBAshit is! The suBAshitkAr has hit at very basic question. What are all the humans doing ultimately? Working to feed themselves (and their family). So even a bird like crow does this! Infact there need not be any more explanation to tell what this suBAshit implies! Just the suBAshit is sufficient!! *जिसके जीने से कई लोग जीते हैं, वह जीया कहलाता है, अन्यथा क्या कौआ भी चोंच से अपना पेट नहीं भरता* ? *अर्थात- व्यक्ति का जीवन तभी सार्थक है जब उसके जीवन से अन्य लोगों को भी अपने जीवन का आधार मिल सके। अन्यथा तो कौवा भी भी अपना उदर पोषण करके जीवन पूर्ण कर ही लेता है।* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।

न भारतीयो नववत्सरोSयं तथापि सर्वस्य शिवप्रद: स्यात् । यतो धरित्री निखिलैव माता तत: कुटुम्बायितमेव विश्वम् ।। *यद्यपि यह नव वर्ष भारतीय नहीं है। तथापि सबके लिए कल्याणप्रद हो ; क्योंकि सम्पूर्ण धरा माता ही है।*- ”माता भूमि: पुत्रोSहं पृथिव्या:” *अत एव पृथ्वी के पुत्र होने के कारण समग्र विश्व ही कुटुम्बस्वरूप है।* पाश्चातनववर्षस्यहार्दिकाःशुभाशयाः समेषां कृते ।। ------------------------------------- स्वत्यस्तु ते कुशल्मस्तु चिरयुरस्तु॥ विद्या विवेक कृति कौशल सिद्धिरस्तु ॥ ऐश्वर्यमस्तु बलमस्तु राष्ट्रभक्ति सदास्तु॥ वन्शः सदैव भवता हि सुदिप्तोस्तु ॥ *आप सभी सदैव आनंद और, कुशल से रहे तथा दीर्घ आयु प्राप्त करें*... *विद्या, विवेक तथा कार्यकुशलता में सिद्धि प्राप्त करें,* ऐश्वर्य व बल को प्राप्त करें तथा राष्ट्र भक्ति भी सदा बनी रहे, आपका वंश सदैव तेजस्वी बना रहे.. *अंग्रेजी नव् वर्ष आगमन की पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं* ज्योतिषाचार्य बृजेश कुमार शास्त्री

आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताआलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।राम।

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