नया घर लेते समय क्या ध्यान रखें. हिन्दू धर्म में नवरात्र से लेकर दीपावली तक का समय सबसे अधिक शुभ होता है जब लोग नया घर खरीदते हैं या नए घर में शिफ्ट होते हैं। कहा जाता है कि नए घर में शिफ्ट होने या नया घर खरीदने के लिए इससे शुभ समय कोई और हो ही नहीं सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि देवी दुर्गा के आशीर्वाद से हमारा नया घर हमारे लिए प्यार, खुशहाली और समृद्धि लेकर आता है। लेकिन आप ऐसा करने जा रहे हैं तो इससे पहले वास्तु का ख्याल जरूर रखें। नया घर लेने से पहले आप घर के नक्शे में तीन चीजों का ध्यान जरूर रखें। सबसे पहला प्रवेश द्वार है। उत्तर का द्वार रुपये और करियर में सफलता का सूचक है। https://www.futurestudyonline.com/astro-details/89 दक्षिण-पश्चिम दिशा में द्वार उधार, गरीबी और रिश्तों में समस्याएं पैदा करता है। यदि प्रवेश द्वार वास्तु के अनुकूल नहीं है तो आपको उस घर को खरीदने से बचना चाहिए। इसके बाद घर के अंदर कमरे को देखें कि उनकी दिशाएं क्या हैं। वे वास्तु अनुकूल हैं या नहीं। कभी भी अपना बेडरूम दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम दिशा के बीच न बनाएं। यह जोन खर्च और फालतू चीजों को बढ़ावा देता है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व के बीच वाले बेडरूम से परहेज करें। आदर्श तौर पर दक्षिण, पश्चिम- दक्षिण- पश्चिम, पूर्व- उत्तर- पूर्व जोन्स वाले बेडरूम सही रहते हैं। घर में प्यार, खुशहाली और समृद्धि लाने के लिए घर के टॉयलेट पर ध्यान देना उतना ही जरूरी है जितना बेडरूम पर। महावास्तु के अनुसार,दक्षिण -दक्षिण- पश्चिम, पूर्व- दक्षिण- पूर्व जोन में बना टॉयलेट सही रहता है। घर में मंदिर उत्तर-पूर्व जोन में ही बनाएं। पूजा करने के लिए यह सबसे अच्छा जोन माना गया है। बिल्डिंग के रंग और वस्तुओं का प्रभाव भी वहां के निवासियों पर पड़ता है। उत्तर-पूर्व में लाल, गुलाबी और पीला रंग स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा करता है। इसलिए रंगों का खास ख्याल रखें। इन सब जरूरी बातों के बावजूद भी यदि आपने ऐसा घर खरीद लिया है, जो वास्तु के अनुकूल नहीं है तो उसे तोड़ने-फोड़ने की बजाय, उसे वास्तु के रंग, आकार, धातु और खास रंग के बल्ब लगाकर इसे संतुलित कर सकते हैं।