रत्न कैसे धारण करें । ज्योतिष में उपाय के तौर पर बहुत सारी चीजें हैं इनमें से केवल दो चीजें ऐसी हैं जिन पर हम विश्वास कर सकते हैं बाकी के उपाय क्या है कैसे हैं उन पर हम चर्चा नहीं कर रहे है। यदि आप का ग्रह कमजोर है या वह छठे आठवें बारहवें घर को रिप्रेजेंट करता है तो ऐसा ग्रह आपके लिए दुविधाएं और कष्ट प्रदान करने वाला होगा इन ग्रहों से राहत पाने के लिए बेहतर है कि उस ग्रह के बीज मंत्रों का जो एक निर्धारित संख्या में होते हैं जाप किया जाए यह जाप निर्धारित संख्या में एक निश्चित अवधि के अंदर किए जाने चाहिए इससे वह ग्रह अपने प्रतिकूल फलों को नहीं देगा और आपको राहत महसूस होगी । अब हम दूसरे उपाय पर चर्चा करते हैं वह है रत्न को कैसे धारण किया जाए मेरे बहुत से मित्रों ने मुझ से अनुरोध किया है इस विषय पर मैं एक लेख लिखू । पारंपरिक ज्योतिष में इस मामले में बहुत गफलत है बहुत से ज्योतिष विद उन ग्रहों का रत्न धारण करने के लिए कहते हैं जो आपकी कुंडली में कमजोर है वहीं दूसरी ओर भी बहुत से ज्योतिषी है जो यह कहते हैं कि वह रत्न धारण करें जो आपकी कुंडली में सबसे मजबूत है अब इस धारणा को बहुत उलझा हुआ माना जाता है इसलिए कोई यह निश्चय नहीं कर पाता की रत्न कब धारण करना चाहिए जब ग्रह कमजोर हो या जब ग्रह मजबूत हो । आज हम आज इसी विषय का विश्लेषण करेंगे रत्न क्या है? रत्न 1 तरीके का प्राकृतिक डिवाइस है या उपकरण है जो उस ग्रह से संबंधित रश्मियों को हमारी ओर खींच कर लाता है यह बात इस तरह से समझी जा सकती है की हमारे चारों तरफ बहुत सारी वेवलेंथ हैं बहुत सारी किरणें हैं लेकिन जब हम घर पर डिश एंटीना लगाते हैं तो हम उस उपग्रह से आने वाले संकेतों को पकड़ कर अपने टेलीविजन पर देखते हैं ऐसी ही स्थिति इन रत्नों की भी है एक विशिष्ठ ग्रह के लिए एक विशिष्ट रत्न निर्धारित है वह उसी ग्रह से संबंधित तरंगों को अपनी ओर आकर्षित करेगा अब सवाल यह है कि हमें कौन से ग्रह से संबंधित रत्न पहनना है या कौन सा रत्न नहीं पहनना है। नाड़ी ज्योतिष में यह बिल्कुल स्पष्ट है की आपको रत्न किस लिए चाहिए उदाहरण के लिए यदि विवाह नहीं हो रहा है और आप चाहते हैं कि विवाह हो तब विवाह से संबंधित जो ग्रह है हमें उस ग्रह का रत्न धारण करना चाहिए अर्थात जिस ग्रह में विवाह के कॉर्डिनेट्स 2,7,11 मौजूद हो । इसी तरीके से यदि संतान प्राप्ति के लिए हमें रत्न धारण करना है तो हमें उस ग्रह का रत्न धारण करना चाहिए जिसमें 2,5,11 के कोऑर्डिनेटस हो . इसी तरीके से यदि नौकरी के लिए कोई रत्न धारण करना है तो हमें वह रत्न धारण करना चाहिए जिसके कॉर्डिनेट्स2, 6,10 ,11 दर्शा रहे हो उसको धारण करना उपयोगी होगा । रत्न धारण करने के बाद अब आपका कार्य हो जाए तो उस रत्न को उतार देना चाहिए क्योंकि कई बार कुछ ऐसे कॉर्डिनेट होते हैं जो किसी चीज के लिए अच्छे हैं वही वह दूसरी चीज के लिए खराब है जैसे हमने नौकरी के लिए किसी ग्रह का रत्न धारण किया जिसके कॉर्डिनेट्स में 6,10, जरूर होंगे लेकिन यह 6,10 नौकरी के लिए तो अच्छे है परंतु 6,10 वैवाहिक जीवन के लिए अच्छे नहीं है। तो यह रत्न यदि आपने धारण किए रहे तो नौकरी में तो अच्छा करेगा लेकिन यह आपके दांपत्य जीवन में निराशा उत्पन्न करेगा इसलिए रत्न धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिष विद से सलाह मशवरा अवश्य करें यदि आप चाहे तो इस विषय में मुझ से भी संपर्क कर सकते हैं। एस्ट्रोलॉजर https://www.futurestudyonline.com/astro-details/243