जीवन के सात सूत्र जो कोरोना और लॉक डाउन ने सिखाये, इनसे सीखकर आगे का जीवन जीया जाये तो शायद आगे का जीवन सफ़ल हो जायेगा :- 1. जीवन मे हमेशा 4 से 6 महीने के खर्च लायक नकद धन घर पर रखे, जिससे अगर लॉक डाउन जैसी परिस्थिति आ जाये तो पैसों का अभाव ना हो। 2. लॉक डाउन ने हमे सिखा दिया कि जीवन जीने के लिए बहुत ज्यादा पैसों की जरूरत नही होतीं। सब्जी रोटी का खर्च बहुत कम होता है, खर्चा तो लाईफ स्टाइल का होता है। अगर जीवन से बैंकों की किश्ते और बच्चो की शिक्षा का अनाप सनाप खर्च निकल जाए तो कभी पैसों के पीछे भागने की जरूरत नही होगी। अत: लोन लेने के बजाय जितना है उसमे ही सादगी के साथ खुश रहना सीखे। पैसा सिर्फ अभिमान देता है। अगर पैसा सब कुछ होता तो कोरोना से मरने वाले बिना कफन के नहीं जाते। 3.कोरोना से मरने वाले लाखों लोगों ने कभी नही सोचा होगा कि वो इतनी जल्दी तड़फ तड़फ कर मर जायेंगे, ऐसी कोई दवाई भी नही होगी जिसको वो अपने जीवन काल मे संचित लाखों रुपयो से ना खरीद पाएंगे। अत: जीवन के हर पल को अपने बंधु बांधवो के साथ हमेशा हँसी खुशी से जियें ये सोच कर कि मौत कभी भी आ सकती है। 4. जीवन की लंबी योजनाएं ना बनाये क्योकि जीवन का कोई भरोसा नही और कोरोना ने सिखा दिया कि प्रकृति के सामने मनुष्य बहुत छोटा है। 5. जीवन कब खत्म हो जाए कोई कुछ नही कह सकता, जिस तरह आज हर आदमी मौत के खौफ मे जी रहा है ये उसका प्रमाण है । अत: हर आदमी को मिल जुलकर रहना चाहिए, किसी से बैर भाव नही रखना चाहिए। 6. हमेशा अच्छे कर्म और समाज सेवा ही साथ जाती है, धन की कोई औकात नही है, अगर धन और रुतबे से ही सब कुछ मिल जाता तो आज अमेरिका मे 6.5 लाख कोरोना मरीज न होते। अत: धन के पीछे भागकर अभिमान को संचित करने के बजाय भगवान को साक्षी मानकर दीन हीन की सेवा मे अधिक से अधिक समय लगाये। 7. आज कोरोना ने सिखा दिया कि हमारे धर्म की सभी मान्यताएँ वैज्ञानिक है। हमारे धर्म का मजाक बनाने वाले सारे विकसित देश आज वो ही करने का प्रयास कर रहे है जो हमारे धर्म ने सिखाया है। अत: शेष जीवन को धर्म के आदर्शों के अनुसार जियें क्योंकि धर्म ही सब कुछ है। 🙏🙏
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