जय तू भगवती बगला परमेश्वरी। दोस्तों आज हम काल पुरुष की कुंडली के अनुसार मंगल और गुरु की युति का वर्णन कर रहे हैं दोस्तों यह युति पर अन्य ग्रहों के प्रभाव नहीं ले रहे हैं सिर्फ काल पुरुष की कुंडली के नैसर्गिक योग पर बात कर रहे हैं। नाड़ी ज्योतिष में गुरु को जिओ का कारक माना गया है दोस्तों जीव तत्व को आकाश तत्व कहते हैं आकाश तत्व के कारण ही हमें सुख दुख हंसी खुशी प्रसन्नता आदि का अनुभव होता है मंगल काल पुरुष की कुंडली में पराक्रम साहस ऊर्जा शक्ति मशीन तकनीकी दांत भौंह छोटा भाई ठोस वस्तुएं पति अवजार हथियार भूमि चोट दुर्घटना का कारक होता है। गुरु मंगल की युति वाले जातक बहुत ही गठीले मजबूत दो शरीर के होते हैं मंगल साहस का कारक होता है गुरु जीव का कारक होता है ऐसे जातक बहुत साहसी जल्दबाजी से कार्य करने वाले होते हैं मंगल के कारण ऐसे जातकों में ऊर्जा बहुत होती है गुरु नाक का कारक होता है मंगल गुस्से का कारक होता है जब गुरु मंगल दोनों साथ होते हैं जातक बहुत गुस्सैल होता है लेकिन ऐसे जातकों में गुरु के प्रभाव के कारण बाद में अपनी गलती का एहसास भी होता है गुरु नाक का कारक होता है जब उसमें मंगल का इफेक्ट आता है ना थोड़ी पतली हो जाती है नाक के नथुने थोड़े चौड़े हो जाते हैं।ऐसे जातक बहुत साहसी होते हैं खेल आदि में रुचि रखते हैं युवावस्था में जिम बहुत करते हैं एक उम्र के बाद योगा पर बहुत भरोसा रखते हैं यह लोग हमेशा फिट रहने में विश्वास करते हैं गुरु मंगल वाले अति संवेदनशील होते हैं जिनके कारण यह अपनी बात को कह नहीं पाते हैं क्योंकि मैं विनम्रता का भाव बहुत ही कम होता है यदि गुरु मंगल की युति वाले जातकों के निवास परिवेश वातावरण की बात करें मंगल मशीन का कारक होता है अग्नि का कारक होता है हॉस्पिटल आदि का भी कारक होता है जिम आदि का भी कारक होता है ऐसी दुकान जिसमे मशीनें लगी हो उनका भी कारक होता है कोई मंदिर जिसमें हनुमान जी की मूर्तियां हो या ऐसे देवी देवता हो जो हथियार धारण किए हो या कोई देवी मां राक्षस का वध कर रही हो मंगल बिजली का कारक होता है ऐसे जातकों के घर के आस-पास बिजली के खंभे भी हो सकते हैं मंदिर भी हो सकता है फैक्ट्री भी हो सकती है रेस्टोरेंट भी हो सकता है। ज्योतिषाचार्य बृजेश कुमार शास्त्री