*साधना में असफलता के कई कारण होते है
Share*साधना में असफलता के कई कारण होते है* ************************* *जैसे--- ------------- १.गुरू का ना होना २.मंत्र के उच्चारण और लय ध्वनि का ज्ञान ना होना। ३.मंत्र में गकार लगाना या मकार लगाना या किसी अन्य प्रकार के शब्द सम्पुटित से करने का ज्ञान ना होना। ४.मंत्र का उत्कीलित ना होना ५.मंत्र का जाग्रत ना होना ६.साधना विधि विधान का प्रमाणिक ज्ञान ना होना ७.साधनाओं में होने वाली गुप्त क्रियाओ का ज्ञान ना होना ८.आपके पितरों का रूष्ट होना ९.आपके कुल देवता ,कुल गुरू,कुलदेवी और इष्ट शक्ति का नाराज होना १०.पूर्वजन्म के पाप दोष का होना ११.पूर्व जन्म का शाप या दैवी प्रकोपों का होना १३.ग्रह दोष व बाधा का होना १४.इस जन्म या पूर्व जन्म का तंत्र दोष का होना १५.साधना कक्ष का जाग्रत ना होना १६.साधना करने का विधान का ज्ञान नहीं होना १७.जीवन में गलत साधनाओं का चुनाव करना १९.जीवन में गुरू की आज्ञा की अवहेलना करना व गुरू निंदा करना २०.कर्म दोषों का होना २१.मंत्र ,ईष्ट,मंत्र के देवता व गुरू पर विश्वास ना होना २२.माला फेरने का ज्ञान ना होना २३. संध्या वादन ,और नित्य प्राथमिक पूजन ना करना २४.झुठ,अनर्गल वार्तालाप करना और साधना के नियमों का पालन ना करना । २५.जीवन में गुरू के बताये साधना मार्ग के अनुसार साधना ना करना २६.स्वयं के रक्षा बंधन प्रयोग से कई बार स्वयं के ऊपर असंख्य बार बंधन लगा देना २७.किसी के द्वारा साधना बंधन व शक्ति बंधन आदि लगा देना २९.पुरश्चरण,हवन,मार्जन,तर्पण,ब्राह्मण भोज आदि ना करना ३०.अपवित्र रहना,साधना कक्ष का अपवित्र होना ,व साधना के समय ध्यान न लगना। ३१.मन का एकाग्र ना होना ३२.वासना में ही डुबे रहना और ब्रह्मचर्य का पालन ना करना ३३.ऊर्जा का ऊर्ध्वगमन करने का ज्ञान ना होना *इत्यादि अनेक प्रकार के कारण है ...यहां पर मैने आप सबको ३३ कारणों को बताया जो कि हर आम साधक के साथ साधना काल में घटित होते ही है ...और इन्हीं कारणों से साधक को साधना में असफलता मिलती है और जीवन स्वयं और साधना कराने वाले को ही कोसता रहता है।* *और इनमे से मुख्य कारण तो साधक के जीवन निम्न प्रकार के होते है :--* १.पूर्वजन्म कृत पाप दोष २.किसी प्रकार का दोष होना ३.पाप दोष होना ४.पितर दोष और कुल के देवी देवता की नाराजगी ,और ईष्ट की नाराजगी होना ५.किसी प्रकार का शाप,ग्रह बाधा ,किसी प्रकार का बंधन ,व तंत्र दोष आदि का होना । ये सब मुख्य कारण है जो सदैव साधक को जीवन में परेशान करते रहते है और उसकी साधना को सफल होने ही नहीं देते ...फिर चाहे हम पूर्ण विधि विधान व नियमों के साथ साधना करें। वास्तु एवं ज्योतिष सलाहकार रविन्द्र पारीक
Nice lekh
very good knowledge