Corona virus and planet gochar.
ShareJai mata di. ग्रहों की चाल कर रही ये इशारा, आप सतर्क रहिए ! 30 मार्च की रात 3:48 बजे बृहस्पति अतिचारी होकर मकर राशि में प्रवेश कर चुके हैं। आकाशीय मंडल में देवगुरू बृहस्पति और शनि अब मंगल के साथ युति बना रहे हैं। यहां पर पहले से ही शनि के साथ मंगल पूरे संसार को हाल-बेहाल किए हुए हैं। हालांकि गृह स्थितियों से कुछ लाभ मिलता नजर आ रहा है। ग्रहों की यह यात्रा मात्र तीन माह की रहेगी और 30 जून को सुबह धनु राशि में बृहस्पति वापस लौट आएंगे। अतिचारी गुरू के नीच राशि में रहने से सभी राशियों और धरती पर प्रभाव पड़ना निश्चित है। साथ ही शनि के साथ होने से नीच भंग योग भी बन रहा है। मंगल यहां गुरू के मित्र अपनी उच्च राशि मकर में है। इससे त्रि-ग्रही योग का निर्माण हो रहा है। ग्रहों की इन स्थितियों से वर्तमान में जारी कोरोना के कहर में कुछ कमी आने की संभावना है। गुरू नवम भाग्य भाव में प्रवेश करते हुए शुक्र के साथ नव पंचम योग बनाएंगे। हालांकि सावधानी नहीं बरती गई तो यह योग महामारी को बढ़ा भी सकता है। भारत की 1947 की कुण्डली से इसका गोचर देखें तो दोनों तरफ खतरा नजर आ रहा है। इसका मतलब है कि या तो जनता शांति और सद्भावना के साथ दुखों में भारी कमी का अनुभव करेगी या फिर अचानक बैचेनी, आक्रोश का बीमारी का सामना। ऐसे में सावधानी बेहद जरुरी है। पांच मई 2020 को उक्त ग्रह योग से मंगल निकल जाएंगे। इसके बाद चारों ओर आराम निश्चित है। ग्रहों की चाल बता रही है कि देश में हो रहे भारी एवं बड़े परिवर्तन भारत को दुनिया के सिरमौर बनाने की ओर ले जाएंगे। दुनिया में जो भी हलचल होगी उससे भारत अलग रहेगा और पूरी दुनिया को शांति का संदेश भी भारत ही देगा। ग्रहों की चाल यह भी इशारा कर रही है कि अगस्त-सितम्बर में वाकयुद्ध और कुछ देशों को आपसी टकराव की ओर ले जा सकती है। इन महीनों में पूरी दुनिया अकल्पनीय बदलावों की ओर रुख करेगी। कुल मिलाकर 13 अप्रैल को सूर्य अपनी उच्च राशि मेष मे आने जा रहे हैं। इस परिवर्तन से से कोरोना महामारी का प्रभाव कम होगा। गुरु, शनि, मंगल की मकर राशि में युति भारत और उसके नेतृत्व की विश्व पर छाप छोड़ेगी