कैसे होता है कुंडली में राहु शुभ और अशुभ Deepika Maheshwary

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Deepika Maheshwari 28th Sep 2019

राहु एक मायावी ग्रह है।राहु की दशा जीवन को बहुत अलग तरह से संचालित करती है क्योंकि राहु का स्वभाव अन्य ग्रहो से बहुत अलग है।राहु की दशा किसी भी जातक के लिए बहुत शुभ हो सकती है और किसी के लिए सामान्य तो किसी के लिए अशुभ।जैसी राहु की स्थिति कुंडली मे होगी उसी के अनुसार राहु की दशा होगी।राहु की दशा किसी भी जातक पर लगते ही उस जातक की सोच और विचार में परिवर्तन आने लग जाते है और यदि राहु शुभ या अशुभ हुआ तो जीवन मे बहुत बड़ा शुभ या अशुभ परिवर्तन होने चालू जो जायेगे।ऐसे जातक का किसी न किसी चीज के पीछे लालच बढ़ता चला जायेगा।अब बात करते है कुंडली मे राहु की स्थिति के फलो की, राहु उच्च, वर्गोत्तम स्थिति में होकर अशुभ योग न बनाकर बैठा हो तब यह स्थिति सबसे ज्यादा शुभ है ऐसी राहु की दशा बढ़िया जाएगी हालांकि 3, 6, 11भाव मे हुआ तो बहुत शानदार फल देगा और इसमे भी यदिब 11वे भाव मे हुआ तो बहुत शानदार परिणाम देगा।बलवान और शुभ राहु की दशा रातो रात राजभोगी इंसान को बना देगी।इसके बाद राहु की स्थिति नवमांश कुंडली मे कैसी है? यह जरूर देख लेना चाहिए क्योंकि राहु अगर नवमांश कुंडली मे भी उत्तम हुआ तो ऐसे राहु की दशा का क्या कहना, मतलब सोने और सुहागा होगा।अब राहु शुभ फलों को तो देखा लेकिन किस तरह के या किन मामलों में बढ़िया फल देगा इसका विचार कुंडली मे राहु किस भाव मे बैठा है, किन ग्रहो के साथ बैठा है इन सब स्थितियों ओर निर्भर करेगा। राहु जिस भाव मे है तो राहु के आगे और पीछे के भावों में शुभ ग्रह बैठे हो जैसे कि शुक्र गुरु बुध हो तब राहु बढ़िया हो जाएगा ऐसे शुभ ग्रहों के प्रभाव में आई राहु की दशा जीवन को बहुत बढ़िया बना देगी।सब निर्भर करेगा कुंडली मे राहु की स्थिति और दशा पर।


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very good


anshmaheshwari

nice article


good one Manish Dudhani


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