भाग्यांक द्वारा बाधाएं कैसे दूर करें

Share

Yatin S Upadhyay 04th Jun 2019

*अपने भाग्यांक द्वारा स्वयं के जीवन में आने वाली समस्त बाधाएं दूर कैसे करे?आइये जानते है यतिन। एस उपाध्याय केसाथ* *भाग्यांक द्वारा बाधाएं दूर करें…* http://www.futurestudyonline.com/astro-details/89 कई बार ऐसा देखने में आता है कि हम जो भी अपने या अपने परिवार के लिए कार्य करने को निकलते है, उसमें हमें विभिन्न प्रकार की बाधाओं का सामना करना पड़ता है. कुछ बाधाए तो जानी पहचानी होती है और कुछ अकस्मात हमारें सामने आ खड़ी होती है अथवा हम 5 काम करने हेतु निकलते है तो उनमें से बड़ी मुश्किल से एक या दो ही काम हो पाते है. ऐसी बाधाओं को दूर करने के लिए एक बहुत ही सरल प्रयोग है. इस प्रयोग के अंतर्गत अपनी जन्म तिथि सम्पूर्ण का प्रयोग कर एक इकाई भाग्यांक प्राप्त कर लें. उसके बाद अलग अलग भाग्यांक के अनुसार अपनी बाधा शांत करने के लिए प्रयोग करे. निश्चय ही पालन करने से आपकी आने वाली समस्त बाधाएं दूर होंगी. जन्म तिथि से भाग्यांक निकालने की विधि निम्न है...... *माना कि किसी व्यक्ति का जन्म 11 02 2017, को हुआ है. तो उसका भाग्यांक होगा.*. *1+1+0+2+2+0+1+7 =14 भाग्यांक 5 है* इसलिए भाग्यांक 5 का निम्नलिखित प्रयोग करे तो लाभ होगा........ http://www.futurestudyonline.com/astro-details/89 भाग्यांक 1:- जिनका भाग्यांक एक है वह अपनी जेब, पर्स में सफेद रेशमी चौकोर कपड़े (किसी भी साइज) में लाल रंग के गोटे किनारी द्वारा अपने भाग्यांक का नंबर 1 लिख कर रविवार सुबह के समय रखें. इसे प्रतिदिन हमेशा अपने पास रखने से यश वृद्धि होगी और बाधाएं दूर होंगी. भाग्यांक 2:- जिनका भाग्यांक दो है वह अपनी जेब, पर्स में नीले रंग के रेशमी कपडे में सफेद रंग के चमकीले सितारे लगवा कर सोमवार रात्री के समय से रखना आरम्भ करे तो जीवन की समस्त बाधाए किसी भी प्रकार की हो वो सब समाप्त होने लगेंगी. भाग्यांक 3:- जिनका भाग्यांक तीन है वह अपनी जेब, पर्स में पीले रंग के रेशमी कपडे में चांदी का चौकोर पीस किसी भी साइज का हो उसे लपेट कर पीले धागे से बाँध ले.वृहस्पतिवार सुबह के समय से रखें. मनोवांछित फल प्राप्त होंगे. भाग्यांक 4:- जिनका भाग्यांक चार है वह अपनी जेब, पर्स में भूरे रंग (brown) के रेशमी कपड़े में चार दाने काली मिर्च के बाँध कर रखें. इसके रखने से भाग्यांक चार वालों की समस्त रुकावटें दूर होनी आरम्भ हो जाएगीं. इसे शनिवार शाम के समय रखें. भाग्यांक 5:- जिनका भाग्यांक पांच है तो वह अपनी जेब, पर्स में हरे रंग के रेशमी कपड़े में एक ताम्बे का छेद वाला सिक्का लपेट कर हरे रंग के धागे से बाँध दें. और इसे बुधवार दोपहर के समय से रखना आरम्भ कर दे तो जीवन में परेशानिया समाप्त होने लग जायेंगी. भाग्यांक 6:- जिनका भाग्यांक छः है तो वह अपनी जेब, पर्स में गुलाबी रंग के रेशमी कपड़े में सफेद चमकीले गोटे से 6 का अंक लिख कर शुक्रवार सुबह के समय रखें और रखने के बाद कोई भी सफेद मिठाई का सेवन करें तो बाधाएं दूर हो कर सुख की प्राप्ति होगी. http://www.futurestudyonline.com/astro-details/89 भाग्यांक 7:- जिनका भाग्यांक सात है तो वह अपनी जेब, पर्स में सुनहरी रंग का रेशमी कपड़ा चौकोर लेकर उसमें चुटकी भर पीली सरसों डाल कर गाँठ बाँध दें. और वृहस्पतिवार के दिन सुबह के समय रखने से मनोकामना पूर्ण होने लगती है . भाग्यांक 8:- जिनका भाग्यांक आठ है तो वह अपनी जेब, पर्स में पीले रंग के रेशमी कपड़े में अखंडित चावल के २१ दाने रख कर लपेट कर सफेद धागे से बाँध दे. शनिवार सुबह के समय से रखना आरम्भ कर दे तो रुकावट अपने आप समाप्त होने लगेंगी. और कार्य शीघ्र पूरा होगा. http://www.futurestudyonline.com/astro-details/89 भाग्यांक 9:- जिनका भाग्यांक नौ है तो वह अपनी जेब, पर्स में लाल रंग के रेशमी कपड़े में सफेद रंग के गोटे से त्रिशूल की आकृति बना कर मंगलवार शाम के समय रखे. इसके रखने से मनवांछित फल की प्राप्ति होगी। । यतिन एस उपाध्याय


Like (0)

Comments

Post

Latest Posts

यस्मिन् जीवति जीवन्ति बहव: स तु जीवति | काकोऽपि किं न कुरूते चञ्च्वा स्वोदरपूरणम् || If the 'living' of a person results in 'living' of many other persons, only then consider that person to have really 'lived'. Look even the crow fill it's own stomach by it's beak!! (There is nothing great in working for our own survival) I am not finding any proper adjective to describe how good this suBAshit is! The suBAshitkAr has hit at very basic question. What are all the humans doing ultimately? Working to feed themselves (and their family). So even a bird like crow does this! Infact there need not be any more explanation to tell what this suBAshit implies! Just the suBAshit is sufficient!! *जिसके जीने से कई लोग जीते हैं, वह जीया कहलाता है, अन्यथा क्या कौआ भी चोंच से अपना पेट नहीं भरता* ? *अर्थात- व्यक्ति का जीवन तभी सार्थक है जब उसके जीवन से अन्य लोगों को भी अपने जीवन का आधार मिल सके। अन्यथा तो कौवा भी भी अपना उदर पोषण करके जीवन पूर्ण कर ही लेता है।* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।

न भारतीयो नववत्सरोSयं तथापि सर्वस्य शिवप्रद: स्यात् । यतो धरित्री निखिलैव माता तत: कुटुम्बायितमेव विश्वम् ।। *यद्यपि यह नव वर्ष भारतीय नहीं है। तथापि सबके लिए कल्याणप्रद हो ; क्योंकि सम्पूर्ण धरा माता ही है।*- ”माता भूमि: पुत्रोSहं पृथिव्या:” *अत एव पृथ्वी के पुत्र होने के कारण समग्र विश्व ही कुटुम्बस्वरूप है।* पाश्चातनववर्षस्यहार्दिकाःशुभाशयाः समेषां कृते ।। ------------------------------------- स्वत्यस्तु ते कुशल्मस्तु चिरयुरस्तु॥ विद्या विवेक कृति कौशल सिद्धिरस्तु ॥ ऐश्वर्यमस्तु बलमस्तु राष्ट्रभक्ति सदास्तु॥ वन्शः सदैव भवता हि सुदिप्तोस्तु ॥ *आप सभी सदैव आनंद और, कुशल से रहे तथा दीर्घ आयु प्राप्त करें*... *विद्या, विवेक तथा कार्यकुशलता में सिद्धि प्राप्त करें,* ऐश्वर्य व बल को प्राप्त करें तथा राष्ट्र भक्ति भी सदा बनी रहे, आपका वंश सदैव तेजस्वी बना रहे.. *अंग्रेजी नव् वर्ष आगमन की पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं* ज्योतिषाचार्य बृजेश कुमार शास्त्री

आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताआलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः | नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति || Laziness is verily the great enemy residing in our body. There is no friend like hard work, doing which one doesn’t decline. *मनुष्यों के शरीर में रहने वाला आलस्य ही ( उनका ) सबसे बड़ा शत्रु होता है | परिश्रम जैसा दूसरा (हमारा )कोई अन्य मित्र नहीं होता क्योंकि परिश्रम करने वाला कभी दुखी नहीं होता |* हरि ॐ,प्रणाम, जय सीताराम।राम।

Top