दशम भाव राजकीय व्यवसाय और सप्तम् भाव हमारी रोज की आमदन का है, एकादष भाव आय का द्वितीय भाव कोष का है। पैसा कैसे आएगा क्या व्यवसाय होगा इसका सही निर्धारण होना जरुरी है। विद्या जिशके द्वारा करियर का निर्धारण हो यदि उसका सही निर्धारण किया जाये तो सब कुछ जिंदगी में सही हो सकता है। सही विषय का चुनाव हमे सही दिशा दिखा सकता है। कैरियर को बनाने में ग्रहो की मुख्य भूमिका होती है। यदि जीवन में डॉक्टर बनने का योग है और हम इंजिनियर की पढाई करते है तो न तो डॉक्टर बनते है न इंजिनियर, इश्लिये ये चुनाव अवश्य हो जाता है।
आएये देखते है कि कोन से ग्रह से क्या अजीविका मिलती है
कॅरिअर निर्धारण में सबसे प्रमुख है सही विषय का चुनाव! बच्चे की जिस विषय में (विज्ञानं कला और वाणिज्य) सबसे ज्यादा रूचि होगी, उसी में वह अपनी प्रतिभा का सही प्रदर्शन कर सकेगा और उसका भविष्य भी उज्ज्वल होगा। दूसरा तरीका है किसी विशेषज्ञ की सलाह लें। यदि आप चाहें, तो ज्योतिष की सहायता से भी करियर निर्धारण में सहायता ले सकते हैं।करियर निर्धारण में जन्म कुंडली से दशम भाव एवं दशमेश, दशमेश की नवांश राशि का स्वामी ग्रह और कुंडली में बनने वाले अन्य योगों से करियर निर्धारण में मदद मिलती है।
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