Astro Manoj Gupta
20th Mar 2024होता वही है जिंदगी में जो भगवान् ने लिखा होता है तो गलत काम के लिए हम पापी क्यों , क्युकी हमने वही तो किया है जो उसने करवाया है यह धारणा गलत है एक सेठ ने समाहरो में दनिया भर के व्यंजन मेहमानो के आगे रखे ,कई मेहमानो ने वही खाया जो अक्सर कहते है कई मेहमानो ने अपनी इच्छा से नए नए व्यंजनों का भी स्वाद लिया कइयो ने जरुरत से ज्यादा भी खाया , जिंदगी में सेठ भगवान् है और व्यंजन कर्म उसने कर्म आपके सामने रख दिए फैसला आपने करना है कौन कौन सा खाना है , कितना खाना है यही कर्मो का सार है
Like
(0)